एटीएम बूथ के चक्कर लगाते रहे उपभोक्ता नहीं मिला कैश
तीन दिनों से चल रहे अवकाश के नाते बैंक बंद थे। इस बीच धन निकासी के लिए उपभोक्ता चक्कर लगाते रहे।
अंबेडकरनगर: तीन दिनों से चल रहे अवकाश के नाते बैंक बंद थे। इस बीच धन निकासी के लिए उपभोक्ता एटीएम पहुंचे तो वहां भी मायूसी ही उनके हाथ लगी। चिलचिलाती धूप में कैश निकालने के लिए इस एटीएम से उस एटीएम तक उपभोक्ता दौड़ लगाते रहे। जिला मुख्यालय पर भी इक्का-दुक्का एटीएम से ही रुपये निकले। ग्रामीणांचल के एटीएम से कैश न निकलने पर उपभोक्ताओं को 10-20 किलोमीटर दूर अकबरपुर तक की दौड़ लगानी पड़ी। सोमवार को जागरण टीम ने एटीएम टर्मिनलों की पड़ताल की तो कैश रीफिल करने वाली कंपनी की कलई खुल गई।
केस एक: दोपहर 12 बजे।
पटेलनगर स्थित स्टेट बैंक की ग्रामीण शाखा के बाहर लगे एटीएम का शटर गिरा था और इसमें ताला लटक रहा था। शास्त्रीनगर के रहने वाले उपभोक्ता सतीश तिवारी ने बताया कि यहां आए दिन यही हाल रहता है। बैंक आफ बड़ौदा रोडवेज के पास लगे एटीएम से ग्राहक कैश निकालते दिखे। शहजादपुर यूनियन बैंक का एटीएम बंद मिला। एसबीआइ मुख्य शाखा से उपभोक्ता धन निकासी करते देखे गए। जलालपुर कस्बा के जावेद अंसारी ने बताया कि वहां लगे एटीएम में रुपये नहीं होने के कारण 24 किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ी।
केस दो : दोपहर 12:10 बजे।
महरुआ के सुखारीगंज और आनंदनगर स्थित एटीएम के दरवाजे तो खुले थे, लेकिन इनसे कैश नहीं निकल रहा था। यहां आए आनंदकर पांडेय, दिनेश कुमार वर्मा, कौशल कुमार ने कहा कि बैंक पहले से ही बंद है। एटीएम में भी कैश नहीं है। ऐसे में अकबरपुर तक 15 किलोमीटर की दौड़ लगानी ही पड़ेगी।
केस तीन : दोपहर 12:30 बजे।
महरुआ के गूगुलगंज चौक पर लगे एटीएम में पैसा नहीं था। हीड़ी पकड़िया गांव के विकास कुमार, सचिन कुमार ने कैश निकालने के लिए मशीन में कार्ड लगाया तो स्क्रीन पर ट्रांजैक्शन डिकलाइन्ड लिखकर आ गया। वन इंडिया एटीएम के अंदर-बाहर ग्राहकों की भीड़ लगी थी। तभी बाहर निकल उपभोक्ताओं ने कैश खत्म होने की जानकारी दी। वहां खड़े दीपक, सुनील, मनोज सहित अन्य दूसरे एटीएम से पैसा निकालने चल पड़े। कारपोरेशन बैंक का एटीएम एक माह से खराब पड़ा है। जिम्मेदार इसे बनवाने की सुधि नहीं ले रहे।
केस चार : दोपहर 12 .40 बजे।
बरियावन बाजार के बैंक आफ बड़ौदा एटीएम पर कैश की चाह में आने वाले खाली हाथ पसीना पोछते बुदबुदाते हुए बाहर निकल रहे थे। जगदीश वर्मा ने बताया कि तीन दिनों से बैंक बंद हैं। ऐसे में धन निकासी का एक मात्र जरिया एटीएम भी दगा दे गया।
बैंक बंद होने के नाते एटीएम से लोगों ने जमकर पैसे की निकासी की। जिला मुख्यालय पर एटीएम की संख्या ज्यादा होने के नाते यहां पैसे की किल्लत नहीं हुई, लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में जल्द ही कैश समाप्त हो जाता है। कैश रीफिल करने वाली संस्था को सख्त निर्देश दिए गए हैं।
आशीष सिंह, प्रबंधक बैंक आफ बड़ौदा (लीड बैंक)