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शांतिपूर्ण निपटा शौर्य और काला दिवस

अंबेडकरनगर : छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढ़ांचे को गिराने को ¨हदू और मुस्लिम

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 Dec 2018 09:22 PM (IST)Updated: Thu, 06 Dec 2018 09:22 PM (IST)
शांतिपूर्ण निपटा शौर्य और काला दिवस
शांतिपूर्ण निपटा शौर्य और काला दिवस

अंबेडकरनगर : छह दिसंबर 1992 को अयोध्या में विवादित ढ़ांचे को गिराने को ¨हदू और मुस्लिम समाज अलग-अलग तरीके से मनाता है। ऐसे में गुरुवार को जिलेभर में ¨हदू समाज के लोगों ने इसे शौर्य दिवस के रूप में मनाया तो मुस्लिम समाज के लोगों ने इसे काला दिवस का नाम दिया। छह दिसंबर का दिन होने के नाते जिला प्रशासन और पुलिस बेहद चौकन्ना रही। संवेदनशील स्थानों पर सख्त निगरानी के अलावा दिनभर अधिकारी भ्रमण पर रहे। हालांकि कहीं भी किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई। शांतिपूर्ण माहौल में शौर्य तथा काला दिवस निपट गया। इस बीच दोनों समुदाय के लोगों ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा।

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¨हदू जागरण मंच के जिलाध्यक्ष प्रहलाद विश्वकर्मा की अध्यक्षता और सीताराम ¨सह के संचालन में शौर्य दिवस मनाया गया। तमसा मार्ग स्थित सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में आयोजित शौर्य दिवस में दिनेश प्रताप ¨सह, हनुमंत ¨सह, डॉ. जयराम ¨सह, सुरेंद्र प्रताप ¨सह, संगम, बब्लू तिवारी, रामहित वर्मा, महंत घनश्याम दास, रामतीरथ, मंशाराम वर्मा, राजबली निषाद आदि उपस्थित रहे। विवादित ढ़ांचा गिराए जाने को ईदगाह कमेटी ने बाबरी मस्जिद शहादत की 27वीं बरसी का देकर काला दिवस मनाया। ईदगाह परिसर में पहुंचे कमेटी के लोगों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया। इसके अलावा शोकसभा जलसा कर यौम-ए-गम मनाते हुए देश में अमन और शांति की दुआ मांगी। जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन भी भेजा। यहां मेराज अय्यूबी, अजमल कुरैशी, हाफिज नसीरुद्दीन, अलीकुर्रहमान, कमाल अहमद, महफूज आलम, अब्दुल मजीद, नसीम अहमद, नेमतुल्लाह, रईस अहमद व गुलाम मुतुर्जा खां आदि मौजूद रहे।जिलाधिकारी सुरेश कुमार व एसपी शालिनी ने कहा कि छह दिसंबर को देखते हुए सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए थे।

टांडा : विवादित ढांचा विध्वंस की बरसी पर मुसलमानों ने दोपहर की नमाज के बाद देश में अमन शांति की दुआ मांगी। नगर की सामाजिक संस्था अदारे सरैया ने राष्ट्रपति के नाम चार सूत्रीय ज्ञापन एसडीएम कोमल यादव को सौंपा। अदारे सरैया से जुड़े मुसलमानों ने हाथ में काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। अदारे सरैया के मौलाना ़फैयाजुद्दीन मंजरी ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि छह दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद को बलबाइयों ने कानून की धज्जियां उड़ाते हुए शहीद कर दिया। मौलाना अतीक अहमद, मोहम्मद इरफान, हाफिज तौ़फी़क, बब्बू राईन, मोहम्मद अदील, शकील अहमद, शाहिद उर्फ छोटू उपस्थित रहे।


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