शादी-विवाह में 100 आ रहे या 200, पुलिस को झांकने की नहीं फुर्सत
कोरोना से मचे हाहाकार को देख सरकार ने धार्मिक-सांस्कृतिक क
रामानुज मिश्र, अंबेडकरनगर: कोरोना से मचे हाहाकार को देख सरकार ने धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सीमित संख्या में लोगों के शामिल होने का फरमान जारी जरूर कर दिया है, लेकिन धरातल पर इसे लागू कराने के लिए उसके पास कोई व्यवस्था नहीं है। पुलिस-प्रशासनिक अधिकारी-कर्मचारी पंचायत चुनाव कराने में व्यस्त हैं, ऐसे में इन पाबंदियों को मानने की जिम्मेदारी एक तरह से लोगों के विवेक पर ही छोड़ दी गई है।
सरकार ने कोरोना संक्रमण की गति थामने के लिए शादी-विवाह आदि आयोजनों में 100 से अधिक लोगों के शामिल होने पर रोक लगा रखी है। इसका उल्लंघन करने पर महामारी एक्ट के तहत जेल से जुर्माने तक का प्राविधान है, लेकिन इसे सुनिश्चित करना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती है। इस समय जहां शादी-विवाह का सीजन शुरू हो चुका है, वहीं चौथे चरण में 29 अप्रैल को मतदान भी है। ऐसे में, पंचायत चुनाव की तैयारियां जोरों पर है। गांव-गांव चुनाव में फंसी पुलिस के लिए घर-घर शादी-विवाह पर नजर रखना इसलिए भी मुश्किल है, क्योंकि उसके आधे से ज्यादा सुरक्षा कर्मियों की ड्यूटी प्रथम, द्वितीय और तृतीय चरण में होने वाले आसपास के जनपदों में लगा दी गई है।
जिले में कुल 1224 सिपाही, 260 हेड कांस्टेबल, 130 दारोगा और 22 इंस्पेक्टर के साथ 717 होमगार्डों की फौज है। इनमें से एक हजार पुलिसकर्मी और 520 होमगार्डों को पहले चरण के चुनाव के लिए अन्य जनपदों को रवाना किया जा चुका है। दूसरे और तीसरे चरण के तहत होने वाले जनपदों में भी इनकी ड्यूटी लगनी तय हैं, ऐसे में पुलिस विभाग के पास आगे के 10 दिनों के लिए बामुश्किल आठ से नौ सौ सुरक्षाकर्मी ही बचते हैं। इतने कम सुरक्षा कर्मियों के भरोसे सामान्य कानून-व्यवस्था बनाए रखना ही चुनौती है, इसीलिए शादी-विवाह के चल रहे आयोजनों में कौन और कितने लोग शामिल हो रहे हैं, इसकी निगरानी की पहल कहीं नजर नहीं आती। 50 से अधिक होटलों और मैरिज लॉनों में है बुकिग: एक अनुमान के मुताबिक पूरे जिले में 50 से अधिक होटल और मैरिज लॉन हैं। इनमें कई-कई शादियों की बुकिग है। हर आयोजन में 300 से लेकर हजार लोगों के खान-पान की व्यवस्था का ऑर्डर मिला है। तमाम लोग शादी के कार्ड भी बांट चुके हैं, ऐसे में अधिकांश का पहुंचना भी तय है, लेकिन पुलिस यहां सौ से अधिक लोगों के शामिल न होने की शर्त कैसे लागू करा पाएगी, यह बड़ा सवाल है।
---------
चुनाव की वजह से पुलिस की व्यसतता बढ़ी है, लेकिन कोरोना के संक्रमण से बचने के लिए सरकार के आदेशों का पालन कराने के लिए पूरा प्रयास किया जा रहा है। लोगों को भी इसके खतरे से आगाह किया जा रहा है। सभी के सहयोग से ही यह लड़ाई जीती जा सकती है। आलोक प्रियदर्शी, एसपी