जैसे तुम्हारा बाप मरा था, तुम भी मारे जाओगे...बनी हत्या की वजह Prayagraj News
सोरांव तहसील के फाफामऊ स्थित मोरहूं गांव में युवक की हत्या उसके दो दोस्तों ने शराब के नशे में की थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
By Edited By: Published: Tue, 30 Jul 2019 09:19 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 08:31 AM (IST)
प्रयागराज, जेएनएन। सोरांव थाना क्षेत्र के मोरहूं में युवक की हत्या करने वाले उसके दो दोस्त ही थे। एक दोस्त को शक था कि उसने ही उसके पिता की हत्या की है। इसलिए दोस्त के साथ मिलकर युवक की उसने हत्या कर दी। हत्या के आरोपितों को पुलिस ने पकड़ लिया है। पूछताछ में पुलिस को आरोपित मंचू ने बताया कि कुछ साल पहले मंचू के पिता की पानी भरे गढ्डे में डूबने से मौत हो गई थी। साल भर पहले साथ बैठकर नशे के दौरान संजय ने मंचू से कहा कि जैसे तुम्हारा बाप मरा था, किसी दिन तुम भी मारे जाओगे। हालांकि संजय ने ऐसा नशे में बोला था, लेकिन मंचू को शक हो गया कि उसके पिता की हत्या संजय ने की है।
संजय का रक्तरंजित शव मिला था
मोरहूं गांव निवासी अर्जुन यादव का निधन हो चुका है। उनके दो बेटों में संजय यादव (35) बड़ा था। छोटा पुत्र राजू यादव है। संजय ट्रक ड्राइंवर था। उसने दो विवाह किए, लेकिन दोनों पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। उसके एक पुत्र और तीन बेटियां हैं। सोमवार रात करीब नौ बजे वह घर से निकला था। रात में वह घर नहीं लौटा। सुबह गांव से करीब पौन किलोमीटर दूर खेत के पास संजय का रक्तरंजित शव देख भीड़ लग गई। खबर पाकर सीओ सोरांव अमित श्रीवास्तव और थाना प्रभारी अरुण चतुर्वेदी भी पहुंच गए। संजय के सिर से खून बहकर सूख गया था। पास में ही खून सनी ईंट पड़ी थी। गले में गमछा कसा था। कपड़े में मोबाइल फोन मिला जो स्विच ऑफ था। पुलिस को पास की झाड़ी में कुछ और कपड़े मिले।
संजय के भाई ने गांव के ही तीन को नामजद किया
भाई राजू ने गांव के सागर, मंचू, राधे को नामजद करते हुए कुछ अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कराया। अजय ने कहा कि ये सभी संजय के साथ नशा करते थे। थाना प्रभारी अरुण चतुर्वेदी ने कार्रवाई शुरू की और दो आरोपितों मंचू और राधे को दबोच लिया। दोनों ने गुनाह कुबूल लिया।
ऐसे वारदात को दोस्तों ने अंजाम दिया
सोमवार रात साथ बैठकर शराब पीने के बाद लौटते समय संजय ने फिर वही बात बोली तो मंचू ने पीछे से उसके गले में गमछा कस दिया। फिर नीचे गिराकर उसके सीने पर बैठा और ईंट से सिर पर कई वार कर दिए। राधे ने उसकी हत्या में मदद की।
आरोपित चार बार कर चुका था हत्या की कोशिश
मंचू ने कुबूला कि वह साल भर में चार बार संजय के कत्ल की कोशिश कर चुका था पर सफल नहीं हुआ। पुलिस ने मंचू के खून सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। चार मासूमों से छिना मां-बाप का साया संजय के चार मासूम बच्चों की बदनसीबी पर कौन न रो पड़े। मां का निधन हो चुका था और अब पिता की हत्या हो गई। दादा अर्जुन की भी मृत्यु हो चुकी है।
बच्चे हुए बेसहारा
ऐसे में तीन नन्ही बेटियां प्रिया, प्राची, प्रीति और पुत्र प्रांशु दादी विमला और चाचा राजू के भरोसे हैं। संजय की पहली पत्नी कंचन का पांच साल पहले निधन हो गया था। एक बेटा और दो बेटियां उसकी हैं। संजय ने दूसरा ब्याह गुड्डन से किया जो दो साल पहले कॉल्विन अस्पताल में बेटी को जन्म देते समय चल बसी थी। प्रांशु को झूंसी में रहने वाली बुआ ने अपने पास रख लिया था। इन मासूमों को यह भी समझ नहीं है कि उनके सिर से माता-पिता का साया हट चुका है। लोग उन्हें देखकर दुखी होते रहे।
संजय का रक्तरंजित शव मिला था
मोरहूं गांव निवासी अर्जुन यादव का निधन हो चुका है। उनके दो बेटों में संजय यादव (35) बड़ा था। छोटा पुत्र राजू यादव है। संजय ट्रक ड्राइंवर था। उसने दो विवाह किए, लेकिन दोनों पत्नी की मृत्यु हो चुकी है। उसके एक पुत्र और तीन बेटियां हैं। सोमवार रात करीब नौ बजे वह घर से निकला था। रात में वह घर नहीं लौटा। सुबह गांव से करीब पौन किलोमीटर दूर खेत के पास संजय का रक्तरंजित शव देख भीड़ लग गई। खबर पाकर सीओ सोरांव अमित श्रीवास्तव और थाना प्रभारी अरुण चतुर्वेदी भी पहुंच गए। संजय के सिर से खून बहकर सूख गया था। पास में ही खून सनी ईंट पड़ी थी। गले में गमछा कसा था। कपड़े में मोबाइल फोन मिला जो स्विच ऑफ था। पुलिस को पास की झाड़ी में कुछ और कपड़े मिले।
संजय के भाई ने गांव के ही तीन को नामजद किया
भाई राजू ने गांव के सागर, मंचू, राधे को नामजद करते हुए कुछ अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कराया। अजय ने कहा कि ये सभी संजय के साथ नशा करते थे। थाना प्रभारी अरुण चतुर्वेदी ने कार्रवाई शुरू की और दो आरोपितों मंचू और राधे को दबोच लिया। दोनों ने गुनाह कुबूल लिया।
ऐसे वारदात को दोस्तों ने अंजाम दिया
सोमवार रात साथ बैठकर शराब पीने के बाद लौटते समय संजय ने फिर वही बात बोली तो मंचू ने पीछे से उसके गले में गमछा कस दिया। फिर नीचे गिराकर उसके सीने पर बैठा और ईंट से सिर पर कई वार कर दिए। राधे ने उसकी हत्या में मदद की।
आरोपित चार बार कर चुका था हत्या की कोशिश
मंचू ने कुबूला कि वह साल भर में चार बार संजय के कत्ल की कोशिश कर चुका था पर सफल नहीं हुआ। पुलिस ने मंचू के खून सने कपड़े भी बरामद कर लिए हैं। चार मासूमों से छिना मां-बाप का साया संजय के चार मासूम बच्चों की बदनसीबी पर कौन न रो पड़े। मां का निधन हो चुका था और अब पिता की हत्या हो गई। दादा अर्जुन की भी मृत्यु हो चुकी है।
बच्चे हुए बेसहारा
ऐसे में तीन नन्ही बेटियां प्रिया, प्राची, प्रीति और पुत्र प्रांशु दादी विमला और चाचा राजू के भरोसे हैं। संजय की पहली पत्नी कंचन का पांच साल पहले निधन हो गया था। एक बेटा और दो बेटियां उसकी हैं। संजय ने दूसरा ब्याह गुड्डन से किया जो दो साल पहले कॉल्विन अस्पताल में बेटी को जन्म देते समय चल बसी थी। प्रांशु को झूंसी में रहने वाली बुआ ने अपने पास रख लिया था। इन मासूमों को यह भी समझ नहीं है कि उनके सिर से माता-पिता का साया हट चुका है। लोग उन्हें देखकर दुखी होते रहे।
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