पत्नी को उसके भाइयों की कैद से छुड़ाने के लिए युवक पहुंचा इलाहाबाद हाई कोर्ट
पत्नी को उसके भाइयों की कैद से छुड़ाने के लिए युवक ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को भाइयों की कैद से बालिग बहन को मुक्त कराकर 22 अक्टूबर को पेश करने का निर्देश दिया है।
प्रयागराज, जेएनएन। पत्नी को उसके भाइयों की कैद से छुड़ाने के लिए युवक ने इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है। हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को भाइयों की कैद से बालिग बहन को मुक्त कराकर 22 अक्टूबर को पेश करने का निर्देश दिया है। साथ ही तत्काल कार्रवाई करते हुए याची को सुरक्षा देने का भी निर्देश दिया है। यह आदेश याची निशी व उसके पति की ओर से दाखिल बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर न्यायमूर्ति जेजे मुनीर ने दिया है।
युवक की ओर से इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कहा गया है कि परिवार वालों की मर्जी के खिलाफ याची ने हिंदू रीति-रिवाज से 17 जून, 2020 को आर्य समाज मंदिर दादरी में शादी की। निशी के पिता हिस्ट्रीशीटर व जतन सिरोही गैंग के शार्प शूटर है। उसके ऊपर 22 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। फिलहाल वह महराजगंज जेल में बंद है।
याची ने कहा कि दोनों 31 सितंबर को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुरक्षा के लिए याचिका दाखिल करने आए थे। यहां से वापस जाते समय प्रयागराज के सिविल लाइंस बस अड्डा पर निशी के भाई राबिन चौधरी और कुलवीर चौधरी काली रंग की स्कार्पियो से अन्य लोगों के साथ आए। उन्होंने निशी को जबरन खींचकर गाड़ी में बैठा लिया, तबसे निशी उनके कब्जे में है, उसके साथ किसी भी वक्त अनहोनी हो सकती है।
याचिका में कहा गया कि परिवार की मर्जी के खिलाफ शादी करने पर निशी की बड़ी बहन की भी हत्या कर दी गई थी। कोर्ट ने निशी के दोनों भाइयों को नोटिस जारी करते हुए सीजेएम बुलंदशहर को इलेक्ट्रानिक माध्यम से नोटिस तामील कराने का निर्देश दिया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसएसपी बुलंदशहर को निशी को उसके भाइयों के कब्जे से छुड़ाकर पुलिस सुरक्षा के साथ कोर्ट में पेश करने तक नारी निकेतन में रखने का निर्देश दिया है।