बैंक और पुलिस से परेशान शख्स ने लगा ली फांसी, सुसाइड नोट में किया जिक्र Prayagraj News
अक्षय प्रताप बैंक में प्राइवेट नौकरी के साथ ही जमीन का धंधा करता था। फर्जी लोन में गारंटर बनाने से त्रस्त था। फांसी लगाकर उसने आत्महत्या कर ली। सुसाइड नोट में खुलासा किया।
प्रयागराज, जेएनएन। धूमनगंज के नीमसराय में रहने वाले बैंक कर्मचारी अक्षय सिंह ने कमरे में खुदकशी कर ली। उसका शव शुक्रवार को फांसी पर लटका मिला। डायरी में लिखे सुसाइड नोट से पता चला कि फर्जी ढंग से लोन लेकर गारंटर बनाए जाने से वह बैंक के चक्कर में फंस गया था। जालसाज उसे पुलिस से भी परेशान करा रहा था। परिजनों की शिकायत पर धूमनगंज पुलिस ने आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई का भरोसा दिया है।
अक्षय कर्नलगंज की एक बैंक शाखा में प्राइवेट नौकरी करता था
कौशांबी के मोहब्बतपुर पइंसा में उदहिन खुर्द गांव निवासी चंद्रभूषण सिंह के दो बेटों में अक्षय प्रताप ङ्क्षसह उर्फ गप्पू छोटा था। अक्षय बरसों से शहर के नीमसराय इलाके के मकान में पत्नी पुष्पा के साथ रह रहा था। उसका इकलौता बेटा 17 वर्षीय रितिक इंटर का छात्र है। अक्षय कर्नलगंज की एक बैंक शाखा में प्राइवेट नौकरी के अलावा प्रापर्टी डीलिंग भी करता था। इधर लंबे समय से अक्षय परेशान रहता था। कुछ दिन पहले वह अपने गांव उदिहिन खुर्द गया था। परिवार वालों से कहासुनी के बाद नौ अक्टूबर की रात बाइक पर वापस नीमसराय लौट आया था। शुक्रवार को उसके पड़ोसियों को मकान से दुर्गंध का अहसास हुआ। सूचना मिलने पर पत्नी ने कई बार फोन किया, लेकिन अक्षय ने कॉल नहीं रिसीव की। खबर पाकर पहुंची ट्रांसपोर्ट नगर चौकी की पुलिस ने दरवाजा खोला तो अक्षय प्रताप फांसी के फंदे पर लटका दिखा। फिर कौशांबी से पत्नी-बेटे समेत परिवार के लोग रोते बिलखते आ गए।
सुसाइड नोट में अक्षय ने कई खुलासा किया
पुलिस को कमरे में एक डायरी के कई पन्नों में अक्षय का सुसाइड नोट लिखा मिला। सुसाइड नोट के हवाले से भाई अभय ङ्क्षसह ने बताया कि अक्षय के एक साथी ने पीएनबी शाखा कर्नलगंज के प्रबंधक से साठगांठ कर दो साल पहले 12 लाख रुपये का लोन ले लिया था। दस्तावेजों में अक्षय प्रताप को गारंटर बनाया था। इसकी जानकारी अक्षय प्रताप को नहीं थी। ऋण अदायगी न होने के कारण पुलिस व बैंक के अफसर अक्षय प्रताप पर रकम जमा करने का दबाव बना रहे थे। इसे लेकर अक्षय प्रताप काफी परेशान रहा करता था। उसे थाने बुलाकर फटकारा और धमकाया जाता था। अक्षय ने सुसाइड नोट में लिखा है कि उसके सारे पैसे कोर्ट कचहरी जाने में खर्च हो गए। बीवी बच्चे का गुजारा करने के लिए पैसे नहीं है। उसने अपनी मौत के लिए उसे गारंटर बनाकर लोन लेने वाले व्यक्ति और बैंक मैनेजर को जिम्मेदार ठहराया है।
भाजपा नेताओं के भी लिखे नाम
अक्षय ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वह फर्जी लोन में फंसाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कैंट थाने जाता तो दारोगा एक मंत्री और भाजपा सांसद का नाम लेकर कहता कि उनका फोन आया है, इसलिए वह कुछ नहीं कर सकता। इन दो नेताओं की वजह से भी वह परेशान हो गया। एसएसपी की चौखट पर भी उसे न्याय नहीं मिला।