बेटे की मनौती पूरी हुई तो तांत्रिक के बहकावे में आकर युवक ने गला रेता, गई जान Prayagraj News
सरायइनायत क्षेत्र के बरुआ निवासी एक युवक पर अंधविश्वास हावी हो चुका था। मनौती के बाद पुत्र का जन्म हुआ तो तांत्रिक के बहकावे में आकर अपना गला रेत लिया। उसकी मौत हो गई।
प्रयागराज, जेएनएन। जहां एक ओर अपना देश चांद, सितारों पर पहुंच रहा है, वहीं अभी भी कुछ ऐसे हैं जो सैकड़ों वर्षों पुराने रीति-रिवाजों के अंधविश्वास में डूबे हुए हैं। इस मकडज़ाल में वह अपने को निकाल भी नहीं पाते, न ही दूसरों की सीख पर ध्यान देते हैं...और इसकी कीमत उन्हें अपनी जान से चुकानी पड़ती है। कुछ ऐसा ही एक मामला प्रयागराज जनपद में सरायइनायत थाना के रामनाथपुर गांव में सामने आया है। बेटे के जन्म की मनौती पूरी होने पर एक युवक इतना खुश हो गया कि तांत्रिक के बहकावे में आकर उसने अपना गला रेत लिया। इससे उसकी मौत हो गई। परिवार के लोग पछतावा करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रहे।
मोहन को दो बेटियों के बाद मनौती पर पुत्ररत्न की प्राप्ति हुई थी
हुआ यूं कि रामनाथपुर गांव निवासी 35 वर्षीय मोहन (नाम काल्पनिक) की पत्नी ने दो बेटियों को जन्म दिया, जबकि वह बेटा चाह रहा था। पुत्र के लिए वह तांत्रिकों के पास जाने लगा। कुछ माह पहले वह वाराणसी के बरुआ घाट पर भी किसी तांत्रिक से मिलने गया था। इसके बाद मोहन की पत्नी ने बेटे को जन्म दिया तो वह फूला न समाया। मोहन इसे बरुआ घाट के तांत्रिक के तंत्र-मंत्र का असर करार देता रहा। दो दिन पहले वह पत्नी के साथ उसी तांत्रिक से मिलने के लिए बरुआ घाट गया।
तांत्रिक ने देवी को खुश करने के लिए गला रेतकर रक्त अर्पित करने को कहा
वहां तांत्रिक ने देवी को खुश करने के लिए गला रेतकर रक्त अर्पित करने के लिए कहा। युवक ने तांत्रिक के बहकावे में गला रेत लिया। वह बेहोश होकर गिरा तो तांत्रिक भाग निकला। पत्नी के रोने-चीखने पर वहां मौजूद लोग मोहन को एंबुलेंस से बीएचयू में ट्रामा सेंटर ले गए। दो दिन तक इलाज कराने के बाद मोहन रात में खुद वहां से भागकर हंडिया के निजी अस्पताल में भर्ती हो गया। वहां गुरुवार को उसकी मौत हो गई। परिजनों का कहना है कि वह बीमार था। पुलिस को सूचना दिए बिना झूंसी के छतनाग घाट पर दोपहर बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।