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स्‍वस्‍थ रहने का आप भी जानें फंडा, तन स्वस्थ रखने के लिए मन में विचार सकारात्मक होना चाहिए

सतीश राय ने कहा कि यदि हम किसी बीमारी के होने की कल्पना करते हैं तो शरीर के अंदर मौजूद सेल के ब्रेन उसे साकार करने में लग जाते हैं। इससे व्यक्ति उस रोग के लक्षणों से ग्रसित हो जाता है। सकारात्मक सोच से बीमारी से बचा जा सकता है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 10:36 AM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 10:36 AM (IST)
स्‍वस्‍थ रहने का आप भी जानें फंडा, तन स्वस्थ रखने के लिए मन में विचार सकारात्मक होना चाहिए
रेकी ग्रैंड मास्टर सतीश राय ने स्‍वस्‍थ रहने का तरीका बताया है।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। तन स्वस्थ रखने के लिए मन में विचार सकारात्मक होना चाहिए। सकारात्मक विचार से शरीर को बीमारी छू नहीं पाएगी। यह कहना है रेकी ग्रैंड मास्टर सतीश राय का। मधुबन विहार कालोनी स्थित रेकी सेंटर में आयोजित कार्यशाला में उन्होंने बताया कि 90 प्रतिशत रोग मानसिक विकृति के कारण होते हैं। रोग व्यक्ति के नकारात्मक सोच के कारण उत्पन्न होते हैं। हमारे शरीर में करोड़ों सेल (कोशिकाएं) होती हैं। प्रत्येक सेल का अपना दिमाग होता है। जब हम कुछ सोचते हैं तो सेल के अंदर मौजूद ब्रेन उस सोच को पूरा करने में लग जाते हैं l

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रेकी ग्रैंड मास्‍टर के टिप्‍स

सतीश राय ने कहा कि यदि हम किसी बीमारी के होने की कल्पना करते हैं तो शरीर के अंदर मौजूद सेल के ब्रेन उसे साकार करने में लग जाते हैं। इससे व्यक्ति उस रोग के लक्षणों से ग्रसित हो जाता है। ऐसे में सकारात्मक सोच से ही बीमारी से बचा जा सकता है।

मौसम में बदलाव से होती है बीमारी

एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान द्वारा आयोजित कार्यशाला में स्पर्श चिकित्सा के ज्ञाता सतीश राय ने बताया कि मौसम बदलता है तो बहुत से लोग बीमार हो जाते हैं। सर्दी जुकाम, खांसी -बुखार होना काफी आम है। जब मौसम बदलता है तो शरीर में भी बदलाव होता है। शरीर एक मौसम में रहते हुए उसके हिसाब से रिएक्ट करने लगता है। जब एकदम से मौसम बदलता है तो हमारे शरीर को उसके (मौसम) हिसाब से बदलने में वक्त लगता है l

ह्यूमिडिटी मैं बदलाव होने से शरीर के इम्यून सिस्टम पर असर

सतीश राय ने कहा कि मौसम के अचानक संपर्क मैं आने से ह्यूमिडिटी में भी बदलाव होता है और यह बीमार करने का अहम कारण होता है l ह्यूमिडिटी मैं बदलाव होने से शरीर के इम्यून सिस्टम पर ज्यादा असर पड़ता है इससे ही हमारा इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। उस समय कोई भी कीटाणु -विषाणु या वायरस शरीर पर जल्दी असर डाल देते हैं इनसे बीमार होने की संभावना काफी बढ़ जाती है l ऐसे में स्पर्श- शक्ति को अपनाने से शरीर की इम्यूनिटी पावर में बढ़ोतरी करना चाहिए। ये हमें बीमारियों से बचाती है l यह हमारी सुरक्षा कवच को भी मजबूत बनाती है l

स्पर्श शक्ति है कारगर

सतीश राय बताते हैं कि स्पर्श-शक्ति का शरीर पर लगातार उपयोग करने से मानसिक रोगों से भी छुटकारा मिलता है। बदलते मौसम में शरीर का ज्यादा ध्यान रखना होता है उस समय अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत रखने के लिए रोग -प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने के लिए प्रकृति द्वारा दिए उपहारों को ही अपनाना सबसे बेहतर उपाय है l प्राकृतिक ऋतु के अनुसार फल, फूल- अन्न का सेवन करें। खाना बनाने में आयुर्वेद के अनुसार हल्दी, जीरा, दालचीनी, कालीमिर्च, धनिया, लहसुन, अदरक, तेजपत्ता ,लौंग, इलायची का इस्तेमाल करना चाहिए। अच्छा भोजन करने के साथ गर्म पानी पीना, स्पर्श, ध्यान, योग, आसन, प्राणायाम को अपनाकर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता विकसित रोगों से बच सकते हैं।


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