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एनीमिया रोग की पहचान आप घर बैठे भी कर सकते हैं, ये लक्षण मिलें तो हो जाएं सावधान

डाक्‍टर भावना कहती हैं कि एनीमिया का अर्थ है शरीर में खून की कमी होना। हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में मात्रा 12 से 16 ग्राम प्रतिलीटर व महिलाओं में 11 से 14 ग्राम प्रतिलीटर होनी चाहिए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 02:36 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 02:36 PM (IST)
एनीमिया रोग की पहचान आप घर बैठे भी कर सकते हैं, ये लक्षण मिलें तो हो जाएं सावधान
एनीमिया के खतरे से महिलाओं को सचेत रहना चाहिए। समय-समय पर उन्‍हें खून की जांच करानी चाहिए।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। खून की कमी से महिलाओं में कई तरह की बीमारी हो सकती है। जागरूकता के अभाव में अक्सर यह देखा गया है कि एनीमिया के गंभीर लक्षण होने के बाद ही महिलाएं इलाज के लिए जाती हैं। जबकि इससे बचने का तरीका है कि आयरन युक्त आहार का सेवन करें और प्रत्‍येक छह माह पर खून की जांच अवश्‍य कराएं। यह कहना है प्रयागराज के बेली अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डाक्‍टर भावना शर्मा का।

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डाक्‍टर भावना ने बताया पुरुषों व महिलाओं में कितना होना चाहिए खून

डाक्‍टर भावना कहती हैं कि एनीमिया का अर्थ है शरीर में खून की कमी होना। हमारे शरीर में हीमोग्लोबिन एक ऐसा तत्व है जो शरीर में खून की मात्रा बताता है। पुरुषों में इसकी मात्रा 12 से 16 ग्राम प्रतिलीटर व महिलाओं में 11 से 14 ग्राम प्रतिलीटर के बीच होनी चाहिए। इसलिए समय-समय पर अपने हीमोग्लोबिन की जांच कराते रहना चाहिए। किशोरियों व महिलाओं के लिए हर छह माह में एक बार खून की जांच करवाना बहुत जरूरी है।

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया

गर्भावस्था के दौरान एनीमिया होने पर महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। गर्भवती को सामान्य से अधिक आयरन की जरूरत होती है, ताकि बढ़ते गर्भ में शिशु के लिए शरीर में खून बनता रहे। आयरन की गोलियों के नियमित सेवन के साथ ही आयरन युक्त भोजन करें व भोजन के तुरंत बाद नींबू का प्रयोग करें ताकि भोजन में मौजूद आयरन शरीर में अवशोषित हो सके। इसके साथ ही विटामिन सी व अन्य विटामिन्स युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन जरूरी है। यही जागरूकता ही एनीमिया से बचाएगा गर्भवती का जीवन।

पीरियड्स के समय ज्यादा होती है ब्लीडिंग

पीरियड्स (मासिक धर्म) के समय ज्यादा ब्लीडिंग होना भी एनीमिया का लक्षण हो सकता है। कई बार किशोरियां पीरियड्स में ज्यादा ब्लीडिंग की जानकारी किसी को नहीं देती हैं। ऐसे में वह मानसिक तनाव से भी गुजरती हैं। पीरियड्स में रक्तस्राव सात दिनों से अधिक समय तब हो रहा है। इस स्थिति में उन्हें चिकित्सक से जल्द परामर्श लेना चाहिए।

महिलाओं व किशोरियों में हीमोग्लोबिन के स्तर

1. हीमोग्लोबिन लेवल अगर 12 ग्राम प्रतिलीटर या उससे ज्यादा हो तो स्वस्थ है।

2. 7 से 10 ग्राम हीमोग्लोबिन होने पर उसे मोडरेट अर्थात मध्यम एनीमिया कहते हैं।

3. हीमोग्लोबिन सात से कम है तो उसे सीवियर (अतिगंभीर) एनीमिया माना जाता है। जिसमे विशेष देखभाल की जरुरत होती हैं, विशेषकर गर्भवती को।

एनीमिया के प्रमुख कारण

• आयरन (लौह तत्व) वाली चीजों का नियमित सेवन न करना

• शौच, उल्टी या खांसी के साथ खून बहना

• पीरियड्स में अधिक मात्रा में खून जाना

• दुर्घटना में अधिक खून का निकल जाना।

एनीमिया के लक्षण

• त्वचा, होठ व नाखूनों का पीला या सफेद होना

• ध्यान केन्द्रित करने में दिक्कत आना

• लेटते या बैठते समय चक्कर आना

• थकान व कमजोरी महसूस होना

• थकान व कमजोरी महसूस होना

• सांस लेने में परेशानी होना

• दिल की धड़कन तेज होना

• चेहरे व पैरों पर सूजन आना।


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