निजी क्षेत्र के कर्मचारी खुद जनरेट करें UAN, ईपीएफओ ने दी सुविधा दी Prayagraj News
ईपीएफओ में देश भर में करीब पांच करोड़ लोग ही रजिस्टर्ड हैं। यह ईपीएफओ को भी पता है कि बहुत सी कंपनियां या फर्में अपने कर्मचारियों का पीएफ में रजिस्ट्रेशन नहीं कराती हैं।
प्रयागराज, जेएनएन। निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने बड़ी पहल की है। अगर कंपनी प्रबंधन कर्मचारी का पीएफ (भविष्य निधि) नहीं जमा करती है तो कर्मचारी स्वयं यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) जनरेट कर सकेंगे। इस सुविधा से जुडऩे पर कर्मचारी को पेंशन, बीमा और फंड की सुविधा मिलेगी।
अपने कर्मचारियों का पीएम में नहीं कराती हैं रजिस्ट्रेशन
ईपीएफओ में देश भर में करीब पांच करोड़ लोग ही रजिस्टर्ड हैं। यह ईपीएफओ को भी पता है कि बहुत सी कंपनियां या फर्में अपने कर्मचारियों का पीएफ में रजिस्ट्रेशन नहीं कराती हैं। ऐसे में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने नई व्यवस्था दी है। इसके तहत छोटी या बड़ी किसी कंपनी में कार्यरत कर्मचारी का अगर पीएफ नहीं कटता है तो वह खुद यूएएन नंबर जनरेट कर सकते हैैं। इसके लिए कंपनी प्रबंधन को बताने की जरूरत नहीं होगी। कंपनी को भी इसकी जानकारी नहीं होगी, लेकिन उसका रिकार्ड ईपीएफओ पहुंच जाएगा। ईपीएफओ के अधिकारियों ने बताया कि जानकारी मिलने पर हम कंपनी का रिकार्ड चेक करेंगे और कर्मी का पीएफ भी जमा कराएंगे। उसके जरिए कंपनी की जांच कर वहां के सभी कर्मियों को इससे कवर करेंगे।
ऐसे जनरेट करें यूएएन नंबर
ईपीएफओ की वेबसाइट पर ऑवर सर्विस में जाकर फॉर इंप्लाई में क्लिक करेंगे। सर्विस कॉलम में मेंबर यूएएन/ऑनलाइन सर्विस में जाएंगे। यह पेज खुलने पर आधार अगेंस्ट एक्टीवेटेड यूएएन पर क्लिक करेंगे तो नया पेज खुलेगा। इस पर आधार नंबर डालेंगे तो पूरा फार्म खुलेगा। इसमें अपनी जानकारी और कंपनी का नाम सहित भरकर सेव करेंगे तो यूएएन नंबर जनरेट हो जाएगा।
ईपीएफओ गोपनीय रखता है नाम
नंबर जनरेट होने के बाद ईपीएफओ के अधिकारी कंपनी की जांच करेेंगे लेकिन वह उस कर्मी के बारे में प्रबंधन को नहीं बताएंगे, ताकि प्रबंधन कर्मचारी को परेशान न करे। इसके बाद उस कंपनी के सभी कर्मियों को ईपीएफओ में कवर किया जाएगा।
यूएएन नंबर और उसके फायदे
ईपीएफओ की ओर से निजी क्षेत्र में काम करने वालों को यूनिवर्सल एकाउंट नंबर (यूएएन) दिया जाता है। यह उसका ईपीएफओ एकाउंट होता है। हर महीने वेतन से 12 फीसद कटकर इस खाते में जमा होता है। इसी से कर्मचारी को पेंशन, ईएसआइ और फंड मिलता है। नौकरी के दौरान निधन होने पर परिवार को छह लाख रुपये बीमा के तहत मिलेगा और पत्नी या नामिनी को आजीवन पेंशन दी जाएगी। दस साल की नौकरी होने पर कर्मचारी को पेंशन मिलेगी। इस दौरान चाहे वह कितनी बार भी नौकरी बदले लेकिन यूएएन नंबर देशभर में एक ही रहेगा।