आतंकियों की क्यों बदली जाती है जेल, जम्मू से नैनी सेंट्रल जेल 44 आतंकियों के आने पर सुरक्षा का चक्रव्यूह तैयार
जम्मू जेल में बंद आतंकियों को तभी दूसरे प्रदेश की बड़ी जेलों में शिफ्ट किया जाता है जब सुरक्षा एजेंसियां इनपुट देती हैं। सूत्रों के अनुसार जम्मू जेल में आतंकियों के बंद होने से वहां हमेशा सुरक्षा को लेकर खतरा रहता है।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। प्रयागराज में केंद्रीय कारागार नैनी की सुरक्षा को बढ़ा दिया गया है। ऐसा चक्रव्यूह तैयार किया गया है कि परिंदा भी पर नहीं मार सकता। जेल के अंदर से लेकर बाहर तक सशस्त्र पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। सुरक्षा का ऐसा घेरा बनाया गया है, जिससे पल-पल की गतिविधियों की जानकारी मिल सके। इसके अलावा सुरक्षा एजेंसियां भी अलर्ट मोड पर हैं। इसका कारण है खुंखार आतंकवादी, जिन्हें नैनी जेल में रखा गया है।
नैनी जेल में अयोध्या बम विस्फोट कांड से जुड़े चार आतंकी भी बंद हैं : नैनी केंद्रीय कारागार में वर्ष 2019 में 20 आतंकियों को जम्मू से वायुसेना के विशेष विमान से यहां लाया गया था। बाद में इनको दूसरी जेलों में शिफ्ट कर दिया गया। इन आतंकियों के जाने के बाद जेल में सिर्फ चार आतंकी बचे, जो अयोध्या बम विस्फोट कांड से जुड़े थे।
जम्मू जेल से 44 आतंकी नैनी सेंट्रल जेल शिफ्ट : शनिवार को जम्मू जेल से 44 आतंकियों को केंद्रीय कारागार नैनी लाया गया है। यहां लाए जाने के बाद अब खुंखार आतंकियों की संख्या बढ़कर 48 हो गई है। इन सभी को हाई सिक्योरटी के अलग-अलग बैरकों में रखा गया है। इनको इस तरह से यहां रखा गया है ताकि यह एक-दूसरे को न देख सकें और न बातचीत कर सकें।
सीसीटीवी के माध्यम से भी आतंकियों की गतिविधि देखी जा रही : बैरक के बाहर जेल के सशस्त्र जवानों को तीन-तीन शिफ्ट में तैनात किया गया है। सीसीटीवी के माध्यम से इन आतंकियों की गतिविधियों को भी देखा जा रहा है। कारागार के बाहर सिविल पुलिस और पीएसी के जवानों की संख्या बढ़ाते हुए तैनात किया गया है। वरिष्ठ जेल अधीक्षक पीएन पांडेय का कहना है कि 44 आतंकियों को जेल लाए जाने के बाद सुरक्षा व्यवस्था और तगड़ी कर दी गई है। अधिकारियों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।
इनपुट के बाद बदली जाती है जेल : जम्मू जेल में बंद आतंकियों को तभी दूसरे प्रदेश की बड़ी जेलों में शिफ्ट किया जाता है, जब सुरक्षा एजेंसियां इनपुट देती हैं। सूत्रों के अनुसार जम्मू जेल में आतंकियों के बंद होने से वहां हमेशा सुरक्षा को लेकर खतरा रहता है।