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आप भी जानिए, माघ माह में गुरु पुष्य नक्षत्र में गंगा स्नान का है विशेष महत्व, आज सुबह से बन रहा है यह योग

माघ माह में गुरु पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है। इस योग में संगम स्नान पुण्यदायी माना गया है। 25 फरवरी की सुबह से यह नक्षत्र आ जाएगा। सुबह छह बजकर पचास मिनट से यह योग शुरू हो जाएगा। सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत योग एक बजकर सत्रह मिनट तक रहेगा।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Thu, 25 Feb 2021 06:00 AM (IST)Updated: Thu, 25 Feb 2021 06:00 AM (IST)
आप भी जानिए,  माघ माह में गुरु पुष्य नक्षत्र में गंगा स्नान का है विशेष महत्व, आज सुबह से बन रहा है यह योग
इस नक्षत्र में सोने समेत अन्य महत्वपूर्ण सामानों की खरीददारी को अच्छा माना गया है।

प्रयागराज, जेएनएन। माघ माह में गुरु पुष्य नक्षत्र का विशेष महत्व है। प्रयागराज में इस योग में संगम स्नान को पुण्यदायी माना गया है। 25 फरवरी की सुबह से ही यह नक्षत्र आ जाएगा। सुबह छह बजकर पचास मिनट से यह योग शुरू हो जाएगा। सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत योग एक बजकर सत्रह मिनट तक रहेगा। हालांकि अन्य योग दिन भर बने रहेंगे। गंगा स्नान के साथ दान दक्षिणा काफी फलदायी है। इस नक्षत्र में सोने समेत अन्य महत्वपूर्ण सामानों की खरीददारी को अच्छा माना गया है। 27 नक्षत्रों में पुष्य नक्षत्र सबसे अहम माना गया है। यह नक्षत्रों का राजा कहलाता है। गुरुवार को इस योग के पड़ने पर यह बहुत प्रभावी हो जाता है। 25 फरवरी को गुरुवार पड़ रहा है। ऐसे में गुरु पुष्य इसे कहा जा रहा है। पिछली 28 जनवरी को भी गुरु पुष्य नक्षत्र योग बना था।

खरीदारी एवं पूजा पाठ के लिए शुभ दिन
धर्मशास्त्री हर्षमणि त्रिपाठी बताते हैं कि गुरु पुष्य योग के दिन पूजा पाठ और खरीदारी का बहुत महत्व है। इस दिन सोने-चांदी के आभूषण की खरीददारी शुभ मानी जाती है। वाहन, जमीन आदि को खरीदने का अच्छा दिन है। शुभ काम शुरू करने के लिए भी यह अच्छा योग माना जाता है। व्यापार में बढ़ोत्तरी के लिए देवी लक्ष्मी का पूजन भी फलदायी माना जाता है। इस दिन चंद्रमा दिन रात कर्क राशि पर विचरण करेगा। सूर्य कुंभ राशि पर रहेगा।  

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अब कब बनेगा गुरु पुष्य योग
ज्योर्तिविद हर्षमणि त्रिपाठी बताते हैं कि 28 अक्टूबर को गुरु पुष्य योग फिर बनेगा। यह पूरे दिन रहेगा। दीपावली के पहले यह योग पड़ेगा। 25 नंवबर को भी यह योग आएगा। 25 फरवरी से पहले साल की शुरूआत में 28 जनवरी को गुरु पुष्य नक्षत्र बना था।

विवाह शादी के लिए अच्छा है योग

हर्षमणि बताते हैं कि गुरु पुष्य नक्षत्र में शादी विवाह काफी शुभ माना जाता है। यदि कोई शुभ मुहुर्त ना हो तो गुरु पुष्य में सगाई विवाह मांगलिक कार्य करने की छूट है। नवरत्न धारण करने का भी विशेष दिन है। इस दिन किया गया कोई भी कार्य भी स्थाई माना जाता है। इसी वजह से इस योग में भूमि, भवन, संपत्ति, वाहन सोना चांदी के आभूषण खरीदने की सलाह दी जाती है। पुखराज धारण करने का अच्छा दिन है।


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