Kumbh mela 2019 : गुरु गोरखनाथ अखाड़ा : सुबह योग तो शिव पुराण से हो रही शाम
सामाजिक समरसता का संदेश, नाथपंथी के हठयोगी, सुबह योग और शाम को शिव पुराण। यही सब कुछ कुंभ मेला क्षेत्र के गुरु गोरखनाथ अखाड़ा में दिख रही है।
डॉ. राकेश राय, कुंभ नगर : दिव्य कुंभ भव्य कुंभ के सेक्टर-15 में मौजूद नाथ योगियों के गुरु गोरखनाथ अखाड़े की छटा अद्भुत है। बाहरी दीवारों पर चारों ओर फहर रहीं भगवा ध्वजाएं और उनके बीच गुरु गोरक्षनाथ, ब्रह्मलीन महंत अवैद्यनाथ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें हर किसी का ध्यान खींच रही हैं।
मुख्य द्वार पर ही एक्यूप्रेशर से हो रहा रोगियों का इलाज
वैसे तो कुंभ में कई स्थानों पर योगी आदित्यनाथ की तस्वीरें लगी हैं लेकिन यहां की तस्वीरों का आकर्षण इसलिए जुदा है, क्योंकि इन तस्वीरों में योगी की तस्वीर के नीचे मुख्यमंत्री के बजाय अध्यक्ष योगी महासभा और गोरक्ष पीठाधीश्वर जैसा आध्यात्मिक पद लिखा है। मुख्य द्वार पर ही एक्यूप्रेशर से हो रहा रोगियों का इलाज और पुस्तकों के माध्यम से नाथ पंथ के जन कल्याणकारी संदेशों को जन-जन तक पहुंचाने का प्रयास इस बात की गवाही हैं कि नाथ योगी कुंभ में जन-सरोकार से जुड़े कार्यों की अलख जगाए हुए हैं।
इनके हवाले है श्रद्धालुओं की जिज्ञासा को शांत करने का जिम्मा
मुख्य द्वार पर ही मौजूद है, नाथ योगी डॉ. विलास नाथ जी का कैंप, जिन्होंने नाथ पंथ को लेकर श्रद्धालुओं के मन में उठ रही सभी जिज्ञासा को शांत करने का जिम्मा संभाल रखा है। वह अखिल भारतवर्षीय अवधूत भेष बारह पंथ योगी महासभा के अंतरराष्ट्रीय प्रचार अध्यक्ष जो हैं। बातचीत का सिलसिला बढ़ा तो उन्होंने कुंभ में अखाड़े की अहमियत और प्रासंगिकता पर विस्तार से प्रकाश डाला। बताया कि अखाड़े में इच्छ़ुक भक्तों को नाथ योगियों की साधना का मूल आधार यानी हठ योग सिखाया जा रहा है। कहने का आशय हर दिन यहां योग की कक्षा चल रही है। इस दौरान जहां योग क्रिया सिखाई जा रही है, वहीं योगासनों की उपयोगिता भी बताई जा रही है।
नाथ योगियों की मौजूदगी माहौल को बना रही और भव्य
दोपहर बाद शिव पुराण का जो सिलसिला शुरू हो रहा है, वह प्रवचन की प्रक्रिया से होते हुए शाम ढलने तक चल रहा है। अखाड़े में 1000 से अधिक नाथ योगियों की मौजूदगी वहां के माहौल को और भव्य बना रही है। योग और शिवपुराण सुनने के लिए भक्तों के आने का क्रम पूरे दिन जारी है। योगी कैलाश नाथ शिव पुराण सुना रहे तो योगी राजनाथ ने योग सिखाने की जिम्मेदारी संभाल रखी है।
अखाड़े में हर भक्त का समान रूप से हो रहा स्वागत
योगी विलासनाथ जी बताते हैं कि जात-पात, ऊंच-नीच जैसी संकीर्णताओं से दूर नाथ पंथ के अखाड़े में हर भक्त का स्वागत हो रहा है। इससे पंथ का सामाजिक समरसता का संदेश भी कुंभ के माध्यम से देश भर पहुंच रहा है।
अनवरत जल रही श्रीनाथ जी की धूनी
गुरु गोरक्षनाथ ने गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर में एक पीपल के पड़े के नीचे धूनी जलाई थी। पेड़ तो रहा नहीं लेकिन धूनी अब भी जल रही है। अब तो यह धूनी गुरु गोरक्षनाथ का प्रतीक बन चुकी है। नाथ योगी अपने दिन की शुरुआत धूनी से निकल रही भभूत को शरीर पर रमाते हैं और फिर सुबह की पूजा-अर्चना सम्पन्न करते हैं। ऐसी ही एक धूनी अखाड़े में भी मौजूद है, जहां सुबह भभूत रमाकर नाथ योगी दिन की शुरुआत कर रहे हैं।
अखाड़े में पहुंच रहे फरियादी भी
कुंभ नहाने आए बहुत से श्रद्धालुओं की जब गुरु गोरखनाथ के अखाड़े पर नजर पड़ रही है तो उन्हें अपनी वह समस्याएं भी याद आ रही हैं, जिसके लिए वह लंबे समय से प्रशासनिक दफ्तरों में चक्कर काट रहे हैं। हर दिन ऐसे कई लोग अपनी समस्या लेकर इस आस में अखाड़े पहुंच जा रहे हैं कि वहां मुख्यमंत्री मौजूद होंगे और वह अपनी समस्या उनसे कह सकेंगे। योगी विलास नाथ ने बताया कि ऐसे लोगों को पूरी विनम्रता के साथ बताया जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री का प्रशासनिक दफ्तर नहीं बल्कि गोरक्ष पीठाधीश्वर का अखाड़ा है। समस्या समाधान के लिए वह प्रशासनिक दफ्तरों से संपर्क करें।