Yoga Guru Anand Giri Expulsion Case: अब गुरु के रुख पर ही तय होगी शिष्य की वापसी, महंत रवींद्र पुरी से मिले योग गुरू
हरिद्वार में शुक्रवार को आनंद गिरि ने कुछ महात्माओं के साथ रवींद्र पुरी से मुलाकात की। उन्होंने वापसी कराने का भरोसा दिया है लेकिन इसके लिए उन्हें अखाड़े के पंचों व नरेंद्र गिरि की सहमति लेनी होगी। वह जल्द ही अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से मिल सकते हैैं।
प्रयागराज,जेएनएन। श्री निरंजनी अखाड़ा, श्री मठ बाघम्बरी और बड़े हनुमान मंदिर प्रबंधन से निष्कासित स्वामी आनंद गिरि की वापसी का रास्ता आसान नहीं माना जा रहा। अखाड़ा सचिव महंत रवींद्र पुरी ने कोई रास्ता निकालने का भरोसा तो दिलाया है लेकिन बात तभी बनेगी जब महंत नरेंद्र गिरि पसीजें। अब आनंद गिरि के तेवर नर्म हैैं, वह कुछ टिप्पणी नहीं करना चाहते। इससे विवाद का पटाक्षेप होने की उम्मीद है।
परिवार से संबंध रखने, गुरु के खिलाफ साजिश रचने संबंधी महंत नरेंद्र गिरि की शिकायत के बाद श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पंचों ने 14 मई को आनंद गिरि को निष्कासित कर दिया था। इसके बाद आनंद गिरि ने गुरु पर कुछ विद्याॢथयों व परिवार के सदस्यों के नाम संपत्ति बनाने, मठ की जमीन बेचने का आरोप लगाया है। यह भी कहा था कि आस्ट्रेलिया में जेल में बंद होने पर उन्हें छुड़ाने के नाम पर करोडों रुपये चंदा हुआ लेकिन एक भी धेला नहीं भेजा गया। आरोपों की जांच के लिए राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, उप्र व उत्तराखंड के राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री सहित कई अधिकारियों को ईमेल भेजा है। नरेंद्र गिरि का इतना ही कहना है कि वह जांच के लिए तैयार हैं। हरिद्वार में शुक्रवार को आनंद गिरि ने कुछ महात्माओं के साथ रवींद्र पुरी से मुलाकात की। उन्होंने वापसी कराने का भरोसा दिया है, लेकिन, इसके लिए उन्हें अखाड़े के पंचों व नरेंद्र गिरि की सहमति लेनी होगी। वह जल्द ही प्रयागराज आकर अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से मिल सकते हैैं।
मांगनी होगी सामूहिक माफी
आनंद गिरि ने जितने आरोप लगाए हैं, उसमें उनकी वापसी आसान नहीं है। उन्हेंं सामूहिक रूप से नरेंद्र गिरि तथा अखाड़े से माफी मांगनी पड़ेगी। भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे उसका भी भरोसा देना होगा।
लग सकता है आर्थिक दंड
निरंजनी अखाड़ा आरोपों को अनुशासनहीनता मानता है। ऐसे में आनंद गिरि को पंचों के समक्ष गुरु पर लगाए गए आरोपों को प्रमाण सहित सिद्ध करना होगा। ऐसा न करने पर उनके खिलाफ आॢथक दंड भी लगाया जा सकता है ताकि अनुशासन कायम रहे और भविष्य में कोई महात्मा एक-दूसरे के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप न करें।
नहीं मिलेगी अहम जिम्मेदारी
आनंद गिरि को कुछ माह पहले ही निरंजनी अखाड़ा ने नोएडा स्थित मंदिर का प्रभारी बनाया था। वापसी होने के बाद उन्हेंं अखाड़ा कोई बड़ी जिम्मेदारी नहीं देगा। तीन-चार साल बिना किसी जिम्मेदारी रहना होगा। आचरण ठीक रहने पर ही जिम्मेदारी मिलेगी।
आस्ट्रेलिया का मामला भी फांस
आनंद गिरि के खिलाफ आस्ट्रेलिया की दो महिलाओं ने अनैतिक आचरण का आरोप लगाया है। करीब सात महीने सिडनी की जेल में रहने के बाद उन्हेंं जमानत मिली है। मामला निस्तारित नहीं हुआ है। इसलिए अखाड़े को विश्वास दिलाना होगा कि वे चारित्रिक रूप से गलत नहीं है। आस्ट्रेलिया का मामला भी जल्द निस्तारित कराना होगा, क्योंकि दोबारा खुलने पर मुश्किल बढ़ जाएगी।