प्रयागराज में भू-उपयोग परिवर्तन के पेच में फंसी यमुना ग्रीन सिटी, शासन से अभी तक नहीं मिली है स्वीकृति
शासन की स्वीकृति न मिलने से इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है। वहीं पार्ट- बी में इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन का निर्माण स्मार्ट सिटी द्वारा कराया जा रहा है। पार्ट-सी में करीब 650 आवासीय और कामर्शियल प्लाट विकसित करके जरूरतमंदों को आवंटित करने की तैयारी थी।
प्रयागराज,जेएनएन। नैनी में नए यमुना ब्रिज के समीप प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) द्वारा प्रस्तावित नई टाउनशिप भू-उपयोग परिवर्तन के पेच में फंसी है। शासन से भू-उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति न मिलने से टाउनशिप के धरातल पर उतारने की प्रक्रिया ठप पड़ी है। हालांकि, प्राधिकरण द्वारा इसका नाम अब यमुना ग्रीन सिटी कर दिया गया है।
33 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नई टाउनशिप बनाने की थी योजना
प्राधिकरण द्वारा कुंभ मेले के पहले यमुना ब्रिज के समीप करीब 33 हेक्टेयर क्षेत्रफल में नई टाउनशिप बनाने की योजना बनाई गई। बाद में इस जमीन को तीन हिस्सों में बांटकर उसे विकसित करने की योजना बनी। पार्ट-ए में ऊंची इमारतें (हाई राइजिंग बिल्डिंगें), विला, स्वीमिंग पूल, मॉल, होटल, रेस्टोरेंट आदि निर्माण प्रस्तावित है। लेकिन, इसमें आवासीय की जगह कामर्शियल गतिविधियां बढ़ाने के मकसद से भू-उपयोग परिवर्तन के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मगर, शासन की स्वीकृति न मिलने से इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हो पा रही है। वहीं, पार्ट- बी में इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग स्टेशन का निर्माण स्मार्ट सिटी द्वारा कराया जा रहा है। पार्ट-सी में करीब 650 आवासीय और कामर्शियल प्लाट विकसित करके जरूरतमंदों को आवंटित करने की तैयारी थी।
भू उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति मिलने के बाद शुरू होगी प्रक्रिया
अधीक्षण अभियंता रोहित खन्ना का कहना है कि टूरिज्म के लिहाज से भी इस क्षेत्र का विकास किया जाना है। भू-उपयोग परिवर्तन की स्वीकृति मिलने के बाद यमुना ग्रीन सिटी के लिए प्रक्रिया शुरू की जाएगी।