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किला स्थित अक्षयवट का दर्शन मार्च के बाद नहीं होगा आसान, जानें कारण

मार्च के बाद अक्षयवट का दर्शन करने वाले भक्‍तों के लिए मायूसी भरी खबर है। रक्षा मंत्रालय ने 31 मार्च बाद यहां दर्शन की अनुमति नहीं दी है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 30 Mar 2019 01:23 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 01:23 PM (IST)
किला स्थित अक्षयवट का दर्शन मार्च के बाद नहीं होगा आसान, जानें कारण
किला स्थित अक्षयवट का दर्शन मार्च के बाद नहीं होगा आसान, जानें कारण

प्रयागराज : मार्च के बाद किला स्थित मूल अक्षयवट के दर्शन लोगों के लिए मुश्किल हो सकता है। दर्शन के लिए रक्षा मंत्रालय की अनुमति 31 मार्च को खत्म हो रही है और आगे दर्शन के लिए अभी कोई सकारात्मक जवाब नहीं दिया है। हालांकि प्रयागराज मेला प्राधिकरण ने दर्शन की तिथि को बढ़ाने की मांग करते हुए रक्षा मंत्रालय को पत्र भेजा है।

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पीएम नरेंद्र मोदी ने अक्षयवट खोलने की घोषणा की थी

लगभग 450 वर्ष से किले में कैद मूल अक्षयवट को दर्शन के लिए खोलने की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 16 दिसंबर को संगम पर की थी। इसके बाद आम श्रद्धालुओं को अक्षयवट के दर्शन कराने के लिए किले के भीतर और बाहर बड़े पैमाने पर विकास कार्य हुए। कुंभ मेले में 11 जनवरी से अक्षयवट के दर्शन शुरू हो गए थे। 28 मार्च तक लगभग 36.3 लाख श्रद्धालुओं ने अक्षयवट का दर्शन किया।

मंत्रालय से हरी झंडी मिलने पर ही मार्च के बाद ही दर्शन की सुविधा

मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने बताया कि रक्षा मंत्रालय को राज्य सरकार के माध्यम से पत्र भेजा गया था। जिसमें सुरक्षा से लेकर श्रद्धालुओं की तादाद, पौराणिक महत्व से लेकर तीर्थों के राजा प्रयागराज आने वाले आस्थावानों के प्रति अक्षयवट के आकर्षण की जानकारी दी गई है। मेलाधिकारी के मुताबिक किला के अफसरों ने कहा है कि मंत्रालय से हरी झंडी मिलने पर ही मार्च के बाद ही दर्शन कराया जा सकेगा।

जिला पुलिस ने तैयार किया सुरक्षा का खाका

प्रयागराज : भले ही एक अप्रैल से अक्षयवट दर्शन होने पर अभी असमंजस है। फिर भी जिला पुलिस ने दर्शन के दौरान सुरक्षा का खाका तैयार कर लिया है। क्योंकि मार्च के साथ ही कुंभ पुलिस का अक्षयवट थाना भी समाप्त हो जाएगा। जिला पुलिस ने संगम, अक्षयवट व महाबीर चौकी बनाने का निर्णय लिया है। जहां दारोगा, हेड कांस्टेबल, सिपाहियों और महिला पुलिस की भी तैनाती होगी। जल पुलिस और गोताखोरों की व्यवस्था पहले से है।

फिलहाल दर्शन के लिए अक्षयवट के द्वार 31 मार्च तक खुले रहेंगे

खुफिया एजेंसी भी संदिग्धों पर नजर रखेगी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल दर्शन के लिए अक्षयवट के द्वार 31 मार्च तक खुले रहेंगे। अभी भी रोजाना करीब 10 से 15 हजार श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। शनिवार को 30 हजार तक श्रद्धालु आ जाते हैं। डीआइजी कुंभ केपी सिंह कहना है कि अक्षयवट आगे भी खुला रहे, इसके लिए मेला प्राधिकरण ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।


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