World Diabetes Day 2021: युवा भी हो रहे मधुमेह के रोगी, बदली जीवनशैली व खेलकूद से दूरी है कारण
World Diabetes Day 2021 डा. अनुभा वर्मा ने कहा कि जब से स्मार्ट मोबाइल फोन का इस्तेमाल बढ़ा कोविड-19 के चलते घर में रहने की मजबूरी और आनलाइन पढ़ाई पर निर्भरता बढ़ी है तब से बच्चों व युवाओं में बीमारियां बढ़ी हैं। इनमें डायबिटीज का ग्राफ तेजी से बढ़ा है।
प्रयागराज, [अमरदीप भट्ट]। डायबिटीज यानी मधुमेह। इस बीमारी ने लोगों को इतनी तेजी से अपनी गिरफ्त में लेना शुरू कर दिया है कि चिकित्सक भी हैरान व चिंतित हो उठे हैं। अब 40 वर्ष की अवस्था से अधिक वाले ही नहीं बल्कि युवावस्था में कदम रखने वाले भी डायबिटीज की चपेट में आने लगे हैं। डाक्टरों की ओपीडी में 20 और 25 साल के युवा भी डायबिटीज रोगी के रूप में आ रहे हैं। आज मधुमेह दिवस है, इसलिए इस पर चर्चा करना वाजिब है। इस खबर के माध्यम से चौंकाने वाले आंकड़े और इसके कारण पर भी विमर्श प्रस्तुत है।
भारत में 77 मिलियन लोग डायबिटीज से पीडि़त
दुनिया भर में अपनी रफ्तार बढ़ा चुकी इस बीमारी के चलते 2019 तक 463 मिलियन लोग इसकी चपेट में आ चुके थे। इसमें 77 मिलियन का आंकड़ा केवल अपने देश भारत का रहा। यह चौंकाने वाले आंकड़े हैं जिनमें लगातार वृद्धि हो रही है और अपनी जीवनशैली बदलकर बीमारियों की ओर भाग रहे लोग इससे बेफिक्र हैं।
डा. अनुभा बच्चों व युवाओं में बीमारियां बढ़ने का कारण बता रहीं
प्रयागराज में मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज की मेडिसिन विभाग की प्रोफेसर डा. अनुभा वर्मा आरएसएसडीआइ यानी रिसर्च सोसाइटी फार द स्टडी आफ डायबिटीज के साथ मिशन डिफीट डायबिटीज में बतौर अंबेस्डर काम कर रही हैं। उन्होंने बताया कि खेलकूद की प्रवृत्ति घटने या खेलने का कहीं अवसर पर मिलने से बच्चों की सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। इस पर कई शोध हुए हैं। जिनमें यह दावा किया गया है कि बीते एक दशक में जब से स्मार्ट मोबाइल फोन का इस्तेमाल बढ़ा है, कोविड-19 के चलते घर में रहने की मजबूरी और आनलाइन पढ़ाई पर निर्भरता बढ़ी है तब से बच्चों व युवाओं में बीमारियां बढ़ी हैं। इनमें डायबिटीज का ग्राफ तेजी से बढ़ा है। इसके अलावा खानपान मेें बदलाव, जीवनशैली पाश्चात्य देशों के तरीके की और एक दूसरे से संवादहीनता ने भी डायबिटीज को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है।
प्री डायबिटीज भी बढ़ रहा है, जानें इसके लक्षण
एक आंकड़ा प्रस्तुत करते हुए डा. अनुभा कहती हैं कि अब तो प्री डायबिटीज भी कदम तेजी से बढ़ा रहा है। इसमें भी डायबिटीज जैसे ही लक्षण होते हैं। बताया कि विश्व में 7.3 फीसद (352 मिलियन) लोगों को और भारत में 14 फीसद लोगों को प्री डायबिटीज है। उत्तर प्रदेश में यह आंकड़ा 8.03 फीसद के करीब है।
ओपीडी में कम उम्र के मरीजों को देख डाक्टर भी होते हैं हैरान
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय ही नहीं, प्राइवेट अस्पतालों में भी डाक्टरों की ओपीडी में डायबिटीज के रोगी कम उम्र वाले आते हैं तो डाक्टर अवाक रह जाते हैं। डा. मनोज माथुर, डा. संतोष चौधरी आदि ने भी बताया कि युवाओं में डायबिटीज के रोग श्रम और रोजमर्रा की शारीरिक गतिविधियों में कमी के चलते होने लगे हैं।