World Bicycle Day 2021: महिलाओं में तेजी से बढ़ा साइकिलिंग का क्रेज, प्रयागराज में बने हैं कई साइकिलिंग ग्रुप
World Bicycle Day 2021 स्मार्ट सिटी के तहत प्रयागराज साइकिल प्रमोटर्स ग्रुप बना था जिसमें एडीजी और आइजी भी जुड़े हैं। लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण ग्रुप की गतिविधियां फिलहाल आगे नहीं बढ़ सकीं। ग्रुप के सदस्य नियमित करीब 20 से 25 किमी. साइकिलिंग करते हैं।
प्रयागराज,जेएनएन।World Bicycle Day 2021, किसी जमाने में साइकिल शान की सवारी मानी जाती थी। यही वजह है कि 3 जून को विश्व साइकिल दिवस के रूप मनाया जाता है। लेकिन, धीरे-धीरे इसकी जगह स्कूटर, बाइक और लग्जरी कारों ने ले ली। लोग चंद कदम की दूरी के लिए इन साधनों का प्रयोग करने लगे। इससे लोगों की शारीरिक क्षमता घटने के साथ पर्यावरण को भी काफी नुकसान होने लगा। मगर, कोरोना महामारी से लोगों का रुझाव फिर से साइकिल की सवारी की तरफ बढऩे लगा है। महिलाओं में भी इसका तेजी से क्रेज बढ़ा है। महिलाओं के अलग-अलग साइकिलिंग ग्रुप भी बने हैं। ग्रुपों से जुड़े लोग अपनी शारीरिक, मानसिक मजबूती के साथ इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए नियमित रूप से करीब 20 से 25 किमी. साइकिलिंग करते हैं।
शहरियों में साइकिलिंग के प्रति तेजी से बढ़ा है रुझान
कोरोना काल में शहरियों में साइकिलिंग के प्रति तेजी से रुझान बढ़ा है। समूह में साइकिलिंग के लिए डेढ़ दर्जन से ज्यादा साइकिलिंग ग्रुप भी बन गए हैं। डॉक्टरों, अधिवक्ताओं, व्यापारियों आदि के अलग-अलग ग्रुपों में कम से कम 40-50 लोग जुड़े भी हैं। साइक्लोसिटी क्लब से जुड़े निखिल मलंग बताते हैं कि इस समय साइकिलिंग के लगभग 20 ग्रुप हैं। जो ग्रुप बने हैं उसमें एलीट वर्ग के लोग जुड़े हैं। कोरोना काल में शारीरिक फिटनेस के लिए साइकिलिंग सबसे बढ़यिा और उत्तम जरिया है। पहले ज्यादातर ग्रुपों के सदस्य यहां से अरैल स्थित डीपीएस स्कूल से आगे तक साइकिलिंग करने के लिए जाते थे। इससे जाने और आने में तकरीबन 30 किमी. साइकिलिंग हो जाती थी। हालांकि, कोरोना कफ्र्यू में लोग कैंट क्षेत्र, पोलो ग्राउंड, परेड ग्राउंड और अशोक नगर की तरफ साइकिलिंग करने लगे थे।
मनाली से लेह तक चलाई साइकिल
निखिल बताते हैं कि उन्हें बचपन से ही साइकिलिंग का जबर्दस्त क्रेज रहा है। अपनी इसी इच्छा शक्ति के कारण मैंने मनाली से लेह-लद्दाख तक करीब छह सौ किमी. की साइकिलिंग वर्ष 2019 में पूरी की है। दावा किया कि यह दुनिया की सबसे ऊंची रोड है, जो 1800 फीट ऊंची है। स्मार्ट सिटी के तहत प्रयागराज साइकिल प्रमोटर्स ग्रुप बना था, जिसमें एडीजी और आइजी भी जुड़े हैं। लेकिन, कोरोना महामारी की दूसरी लहर के कारण ग्रुप की गतिविधियां फिलहाल आगे नहीं बढ़ सकीं। ग्रुप के सदस्य नियमित रूप से करीब 20 से 25 किमी. साइकिङ्क्षलग करते हैं।
शारीरिक और मानसिक रूप से मिलती है मजबूती
प्रयागराज प्रेसर्स ग्रुप से जुड़ी डा. रितु जैन बताती हैं कि उन्होंने वर्ष 2018 में इंदिरा मैराथन में 45 वर्ष की श्रेणी में भाग ली थीं। उसमें तीसरा स्थान मिला था। उसके बाद फरहा दीवा के साथ मिलकर इस ग्रुप को बनाया। इस समय ग्रुप में 60 महिला सदस्य हैं। इसमें 55 महिला डॉक्टर हैं। महिलाओं में भी साइकिलिंग का तेजी से क्रेज बढ़ा है। समूह की सदस्य करीब 50 से 60 किमी. तक साइकिलिंग कर लेती हैं। प्रत्येक रविवार को साइकिलिंग का कोई न कोई कार्यकम भी किया जाता है। वह कहती हैं कि साइकिलिंग अभ्यास इम्यूनिटी बूस्तर की तरह काम करता है। शारीरिक और मानसिक रूप से भी मजबूती मिलती है। दिन भर बिना थके अच्छे से काम किया जा सकता है। पर्यावरण के लिए भी यह बहुत फायदेमंद है। पहले थोड़ी दूर भी जाने के लिए कार की जरूरत होती थी लेकिन अब साइकिल अथवा पैदल ही जाते हैं।
बिक्री में सौ फीसद इजाफा
सिटी बाइक के नीरज खेड़ा का कहना है कि पहले साइकिल को हीनभावना से देखा जाता था। अब साइकिल को बड़े-बड़े लोग चला रहे हैं। वकील, डॉक्टर, व्यापारी साइकिल जरूर खरीद लिए हैं। यह जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा बन गई है, क्योंकि उन्हें सेहत बनानी है। कोरोना के बाद से यहीं नहीं देश भर में साइकिल की बिक्री में करीब 100 फीसद की वृद्धि हुई है। दुनिया में करीब छह सौ फीसद का इजाफा हुआ है।
पार्षद कमलेश ने कभी नहीं चलायी गाड़ी
अलोपीबाग वार्ड से तीसरी बार पार्षद हुए कमलेश सिंह बचपन से ही साइकिल चलाते रहे हैं। वह अब भी शहर में साइकिल से ही चलते हैं। उन्होंने बाइक अथवा गाड़ी कभी नहीं चलायी। वह बताते हैं कि साइकिल चलाने से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज की बीमारी नहीं होगी। शरीर में आक्सीजन की कमी नहीं होगी और शारीरिक फिटनेस भी बनी रहती है। इससे सबसे बड़ा सामाजिक फायदा है। वायु प्रदूषण नहीं होता है।