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प्रयागराज पहुंची World Bank की टीम, कारीडोर के लिए निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण Prayagraj News

ईस्टर्न डीएफसी का काम 2022 तक पूरा हो जाएगा। सवारी गाडिय़ां और माल गाडिय़ां अलग-अलग ट्रैकों पर चलेंगी। दिल्ली-हावड़ा के बीच सवारी और माल गाडिय़ों के लिए चार ट्रैक होंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:25 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 05:46 PM (IST)
प्रयागराज पहुंची World Bank की टीम, कारीडोर के लिए निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण Prayagraj News
प्रयागराज पहुंची World Bank की टीम, कारीडोर के लिए निर्माणाधीन पुल का निरीक्षण Prayagraj News

प्रयागराज, [रमेश यादव]। विश्‍व बैंक की टीम प्रयागराज पहुंच गई है। टीम के सदस्‍य यमुना नदी पर नैनी के मोहब्बत गंज में बक्शी मोढा के पास कॉरीडोर के लिए निर्माणाधीन पुल देखने पहुंची। टीम के सदस्य वहां निरीक्षण कर रहे हैं। विश्व बैंक के दो सदस्यों समेत 16 सदस्यीय टीम सूबेदारगंज में बने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (समर्पित मालभाड़ा गलियारा) के नए कंट्रोल रूम के निरीक्षण के लिए आई है। नए यमुना पुल को भी विश्‍व बैंक टीम के सदस्‍य देखने जाएंगे। उसके बाद सूबेदारगंज में 75 करोड़ की लागत से बने इस कंट्रोल रूम को देखेगी।

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ईस्‍टर्न कॉरीडोर लुधियाना से हावड़ा तक बन रहा है

ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाने और लेटलतीफी खत्म करने के लिए मालगाडिय़ों के परिचालन को अलग से रेल ट्रैक बनाया जा रहा है। एक ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर है और दूसरा वेस्टर्न है। ईस्टर्न कॉरीडोर पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के हावड़ा के दानकुनी स्टेशन तक बन रहा है। इसका कंट्रोल रूम प्रयागराज के सूबेदारगंज में बनाया गया है। गुरुवार यानी आज कंट्रोल रूम का निरीक्षण करने के लिए वर्ल्‍ड बैंक की टीम आ रही है। ट्रेनों का परिचालन कैसे होगा, उनके बारे में जानकारी लेगी।

चार ट्रैकों पर अलग-अलग चलेंगी सवारी और मालगाडिय़ां

ईस्टर्न डीएफसी का काम 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसके बाद सवारी गाडिय़ां और माल गाडिय़ां अलग-अलग रेलवे ट्रैकों पर चलेंगी। नई दिल्ली से हावड़ा के बीच सवारी गाडिय़ों और माल गाडिय़ों के लिए दो-दो रेलवे ट्रैक यानी कुल चार ट्रैक हो जाएंगे।

कंट्रोल रूम में 11 गुणा पांच मीटर के चार स्क्रीन लगाए गए हैं

कंट्रोल रूम में 11 गुना पांच मीटर की चार स्क्रीन लगाए गए हैं। इन स्क्रीन पर लुधियाना से लेकर दानकुनी के बीच चलने वाली सभी मालगाडिय़ों की स्थिति दिखाई देगी। स्क्रीन पर यह भी दिखाई देगा कि कहां पर गेट बंद है, कहां पर नहीं।

खास बातें

75 करोड़ की लागत से सूबेदारगंज में बना है डीएफसी का कंट्रोल रूम

100 किमी प्रतिघंटे की अधिकतम गति से डीएफसी के ट्रैक पर दौड़ेंगी मालगाडिय़ां

250 रेलकर्मचारी रहेंगे कंट्रोल रूम में, एग्जीक्युटिव डायरेक्टर होंगे मुखिया

1854 किलोमीटर लंबा है ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर

2017 के मार्च में शुरू हुआ था कंट्रोल रूम का निर्माण कार्य

13,030 वर्ग मीटर क्षेत्र में बनाया गया है कंट्रोल रूम।

ब्लॉक की भी दिखाई देगी जानकारी

कंट्रोल रूम में स्टेशन पर क्या गतिविधियां हो रही हैं। सिग्नल से लेकर ब्लॉक की पूरी स्थिति स्क्रीन पर दिखाई देगी। इसके अलावा विद्युत आपूर्ति के लिए भी वहां पर एक अलग से स्क्रीन लगाई गई है।

2017 में हुआ था कंट्रोल रूम का शिलान्यास

उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय के पास सूबेदारगंज में मार्च 2017 में ईस्टर्न डीएफसी के कंट्रोल रूम के निर्माण कार्य का शिलान्यास हुआ था। सितंबर 2019 से कंट्रोल रूम में ट्रायल पर काम हो रहा है।

बोले ईस्टर्न डीएफसीसी के मुख्य महाप्रबंधक

ईस्टर्न डीएफसीसी के मुख्य महाप्रबंधक ओम प्रकाश कहते हैं कि 2020 तक ईस्टर्न डीएफसी का काम पूरा हो जाएगा। उसके बाद सभी मालगाडिय़ों को डीएफसी के ट्रैक पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। प्रयागराज (कंट्रोल रूम) से उनकी निगरानी होगी।


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