Move to Jagran APP

संगम भ्रमण कर विश्व बैंक की टीम रवाना, डीएफसी निर्माण कार्य के निरीक्षण को आई थी Prayagraj News

31 मार्च तक भदान से भावपुर के सेक्शन का काम पूरा होने के बाद कानपुर तक मालगाडिय़ों का संचालन डीएफसी पर हो सकेगा।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 22 Feb 2020 08:56 AM (IST)Updated: Sat, 22 Feb 2020 08:56 AM (IST)
संगम भ्रमण कर विश्व बैंक की टीम रवाना, डीएफसी निर्माण कार्य के निरीक्षण को आई थी Prayagraj News
संगम भ्रमण कर विश्व बैंक की टीम रवाना, डीएफसी निर्माण कार्य के निरीक्षण को आई थी Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (ईडीएफसी) के निर्माण कार्यों का निरीक्षण करने के लिए विश्व बैंक की टीम प्रयागराज आई थी। संगम का भ्रमण करने के बाद टीम कानपुर के लिए रवाना हो गई। दो दिवसीय दौरे में डीएफसी के निर्माण कार्यों को देखा। टीम के सदस्यों ने कहा कि भावपुर सेक्शन का काम 31 मार्च तक पूरा हो जाएगा।

loksabha election banner

डीएफसी के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया था

दो सदस्यीय टीम ने गुरुवार को सूबेदारगंज में बने ईस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट कॉरीडोर (डीएफसी) के ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर का निरीक्षण किया था। यमुना पर बन रहे एक किलोमीटर लंबे पुल निर्माण को देखा था। शुक्रवार को फतेहपुर के पास रसूलाबाद में चल रहे डीएफसी के काम को देखा। डीएफसी ट्रैक पर मशीन से कैसे रेलवे लाइन बिछाई जा रही है, उसकी जानकारी टीम को दी गई। शाम को टीम कानुपर स्टेशन से नई दिल्ली के लिए रवाना हो गई।

यमुना पर एक किमी लंबा पुल बनाया जा रहा है

प्रयागराज के नैनी में यमुना नदी पर  मोहब्बतगंज-करेलाबाग के बीच बन रहा डीएफसी का पुल 1034 मीटर (एक किलोमीटर से अधिक) लंबा है। 17 पिलरों पर यह पुल तैयार हो रहा है। सात पिलर यमुना नदी में बने हैं। सितंबर 2020 तक इस पुल पर गर्डर लांचिंग का काम पूरा हो जाएगा। इस पुल से डबल डेकर मालगाडिय़ां भी गुजर सकेंगी। फिलहाल ईस्टर्न कॉरीडोर पर अभी सिंगल डेकर माल गाडिय़ां ही चलाई जाएंगी लेकिन पुलों का निर्माण भविष्य को देखते हुए किया जा रहा है। ईस्टर्न कॉरीडोर का यह दूसरा लंबा पुल है। लगभग तीन किलोमीटर लंबा एक पुल सोन नदी पर बना है। उस पर ट्रेनों का परिचालन हो रहा है।

डीएफसी किनारे हरियाली दिखेगी

डीएफसी के किनारे जगह-जगह पौधे लगाने की तैयारी है। मनौरी में तीन हजार पौधे लगाए भी गए हैं। जल्द ही कानपुर से लेकर डीडीयू के बीच में पौधे लगाए जाएंगे। नई दिल्ली से आई विश्व बैंक की टीम ने सबसे पहले गुरुवार को यमुना नदी में बन रहे पुल का निरीक्षण किया। फिर सूबेदारगंज में बने डीएफसी के आपरेशन कंट्रोल सेंटर को देखा। लुधियाना से लेकर हावड़ा के दानकुनी तक बने रहे डीएफसी के ट्रैक की जानकारी ली। मालूम हो कि विश्व बैंक ने 1.86 बिलियन डॉलर की अर्थिक मदद डीएफसी ट्रैक को बनाने में की है। विश्व बैंक के सीनियर ट्रांसपोर्ट स्पेशलिस्ट अतुल अग्रवाल ने बताया कि उनके संगठन ने पहली बार रेलवे के कार्यों में आर्थिक मदद दी है।

 ईस्टर्न डीएफसी के सीपीआरओ बोले, 31 मार्च के बाद मालगाडिय़ों का होगा संचालन

ईस्टर्न डीएफसी के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी वेद प्रकाश का कहना है कि विश्व बैंक की टीम डीएफसी के काम से खुश है। 31 मार्च तक भदान से भावपुर के सेक्शन का काम पूरा होने के बाद कानपुर तक मालगाडिय़ों का संचालन डीएफसी पर हो सकेगा।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.