प्रयागराज में महिला काव्य गोष्ठी : ऑनलाइन आयोजन में रचनाकारों की प्रस्तुति से बही काव्य की रसधारा
लखनऊ की कवयित्री एवं लेखिका शुभा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि होशंगाबाद की कवयित्री ममता बाजपेयी थीं। विशिष्ट अतिथि रांची की कवयित्री गरिमा पाठक थीं। आयोजन का प्रारंभ मां सरस्वती की फोटो पर मालार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ।
प्रयागराज, जेएनएन। एक बार फिर प्रयागराज में ऑनलाइन काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। शहर समता विचार मंच के तत्वावधान में आयोजित महिला काव्य गोष्ठी का ऑनलाइन आयोजन हुआ। इसमें महिला रचनाकारों ने अपनी एक से बढ़कर एक कविता की प्रस्तुति की।
लखनऊ की कवयित्री एवं लेखिका शुभा श्रीवास्तव की अध्यक्षता में आयोजित काव्य गोष्ठी में मुख्य अतिथि होशंगाबाद की कवयित्री ममता बाजपेयी थीं। विशिष्ट अतिथि रांची की कवयित्री गरिमा पाठक थीं। आयोजन का प्रारंभ मां सरस्वती की फोटो पर मालार्पण और दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। इसके बाद शहर समता विचार मंच की साहित्यिक संयोजक रचना सक्सेना ने वाणी वंदना की प्रस्तुति की।
डाक्टर नीलिमा मिश्रा के प्रभावशाली एवं सुंदर संचालन द्वारा अनेक कवयित्रियों नें अपनी रचनाओं को पटल पर रख अपने भावों का आदान-प्रदान किया। काव्य गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहीं शुभा श्रीवास्तव सक्सेना ने फूलों की तरह महकना खिलना चाहते थे हम मगर वक्त ने वो मंजर दिखाऐ कि मुरझा गये....पेश किया। वहीं डाक्टर नीलिमा मिश्रा ने रुसवाई दी फ़रेब दिया आसरा दिया, मत पूछिए जमाने ने अब हमको क्या दिया....की प्रस्तुति की।
इन्हीं के साथ रचना सक्सेना ने कारवां गुजर गया निशानी रह गयी अब तो बस पास में कहानी रह गयी.. तथा ऋतंधरा मिश्रा ने आज दस्तूर सब ये चलाने लगे, जब जरूरत नहीं तो भुलाने लगे....प्रस्तुत किया। वहीं ममता बाजपेयी ने मैं तीरगी में रौशनी का बुत तराश लूं, नजरों का जाल फेंक के जुगनू तलाश लूं...और गरिमा पाठक ने वैदेही अब लौट चलो अब न होगी भूल, बहुत चुभते है अब वे करुण विरह के दंश....पेश किया।
इसी क्रम में ललिता नारायणी ने हम राह में पड़े हुए खार बीनते रहे, वह दूर कहीं पुष्प की कतार में चले गए..., अनामिका पांडेय ने बता दूं लाकडाउन में मैं क्या दिन-रात करती हूं, कभी उनसे कभी डीपी से उनकी बात करती हूं। सुजाता सिंह ने तुम्हारी खामोशी का राज मैं ढ़ूढ़ती हूं तुम खुश रहो ऐसा चिराग ढ़ूढ़ती हूं...पढ़कर आयोजन को सफल बनाया। इसके अतिरिक्त इस आयोजन में रिंकल शर्मा, संतोष सोनी एवं प्रभजोत के स्वर भी गुंजित होते रहे। अंत में ऋतंधरा मिश्रा ने सभी का आभार ज्ञापन किया।