प्रयागराज में 18 साल पहले हुई थी महिला क्रिकेट की शुरूआत, कई खिलाडि़यों ने राष्ट्रीय फलक पर बिखेरी चमक
जिला स्तर पर महिला क्रिकेट संघ गठित होने के बाद कई अच्छे क्रिकेट टूर्नामेंट कराए गए जिसमें जनपद के साथ आसपास के जिलों की टीमों ने भी शिरकत की। जूनियर सीनियर व सेंट्रल जोन प्रतियोगिता के अलावा ऑल इंडिया चंद्रा त्रिपाठी क्रिकेट का भी आयोजन हुआ।
प्रयागराज, जेएनए। प्रयागराज की धमक शिक्षा, साहित्य, राजनीति और धर्म-कर्म क्षेत्र में तो रही ही है। खेल के विभिन्न आयामों में भी जनपद के खिलाडिय़ों का खासा दबदबा रहा है। अभिन्न श्याम गुप्ता ने बैडमिंटन में राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय फलक पर जहां अपनी छाप छोड़ी वहीं मो.कैफ, ज्ञानेंद्र पांडेय और ज्योति यादव जैसे तमाम खिलाडिय़ों ने क्रिकेट में सफलता का झंडा गाड़ा। स्थानीय महिला क्रिकेटरों ने भी प्रदेश व राष्ट्रीय स्तर पर अपनी खेल प्रतिभा के बल पर स्थान बनाया।
वर्ष 2003 में हुई थी जिले में महिला क्रिकेट की शुरूआत
प्रयागराज में क्रिकेट तो बहुत पहले से खेला जाता था लेकिन महिला क्रिकेट की शुरूआत यहां पर वर्ष 2003 में हुई थी। जब जूली ओझा के नेतृत्व में कुछ लड़कियों ने क्रिकेट कोच देवेश मिश्रा से मिलकर टे्रनिंग देने की अपील की। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मो. कैफ के गुरु रहे देवेश मिश्रा ने लड़कियों को मदन मोहन मालवीय स्टेडियम में क्रिकेट की बारीकियां सिखाना शुरू किया।
जिला महिला क्रिकेट संघ का किया गया गठन
इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन की महिला विंग की वर्तमान में सेक्रेटरी डा. जूली ओझा बताती हैं कि स्टेडियम में महिला क्रिकेट की शुरूआत तो हो गई किंतु मैच आदि खेलने को नहीं मिलते थे। स्थिति बहुत ही खराब थी। महिला क्रिकेट को तव्ज्जो नहीं मिल रही थी। काफी समय तक ऐसे ही चलता रहा तो कुछ नया करने की सोची और उस वक्त प्रदेश महिला क्रिकेट के सेक्रेटरी रहे मो.नवाब से लखनऊ जाकर मिली, उनके निर्देश पर प्रयागराज में जिला महिला क्रिकेट संघ का गठन किया उसके बाद महिला क्रिकेट का कारवां चल पड़ा जो आज तक जारी है।
जिला महिला क्रिकेट संघ ने कराए कई अच्छे टूर्नामेंट
जिला स्तर पर महिला क्रिकेट संघ गठित होने के बाद कई अच्छे क्रिकेट टूर्नामेंट कराए गए जिसमें जनपद के साथ आसपास के जिलों की टीमों ने भी शिरकत की। जूनियर, सीनियर व सेंट्रल जोन प्रतियोगिता के अलावा ऑल इंडिया चंद्रा त्रिपाठी क्रिकेट का भी आयोजन हुआ। जूली ओझा के मुताबिक जिला महिला क्रिकेट संघ के तत्वावधान में वर्ष 2005 में शिवराम दास गुलाटी टूर्नामेंट कराया। तीन से 13 जून के बीच आयोजित टूर्नामेंट लीग कम नाकआउट आधार पर खेला गया जिसके मैच मदन मोहन मालवीय स्टेडियम के अलावा राजकीय प्रेस और डीएसए मैदान पर खेले गए।
2007 के बाद एसीए से महिला क्रिकेट संघ का टाइअप
जिले में महिला क्रिकेट, 2007 तक तो जिला महिला क्रिकेट संघ के नेतृत्व में परवान चढ़ता रहा फिर इलाहाबाद क्रिकेट एसोसिएशन (एसीए) से उसका टाइअप हो गया। दरअसल 2007 में जूली ओझा ने वूमेन्स क्रिकेट ऑफ इंडिया की सचिव शुभांगी कुलकर्णी से मुलाकात कर बीसीसीआइ से मान्यता की अपील की तो उन्होंने कहा कि उन्हें मेेन्स क्रिकेट से मिलकर चलना होगा जिसके बाद एसीए के पदाधिकारियों से मिलीं और फिर टाइअप कर नए सिरे से महिला क्रिकेट की शुरूआत की।
बीसीसीआइ के नियमों के तहत 2008 से कराए टूर्नामेंट
एसीए से टाइअप होने के बाद 2008 से महिला क्रिकेट के तमाम टूर्नामेंट भारतीय क्रिकेट बोर्ड ऑफ इंडिया (बीसीसीआइ) के नियमों के तहत होने लगे जिसमें ऑल इंडिया प्रेम कुमारी भटनागर टूर्नामेंट, कमला बहुगुणा और ललिता शास्त्री स्टेट टूर्नामेंट प्रमुख रहे जिसमें स्थानीय के साथ दूसरे प्रदेशों की तमाम टीमों ने भागीदारी की।
कई खिलाडिय़ों ने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर बनाया मुकाम
प्रयागराज की कई खिलाडिय़ों ने प्रदेश और राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट में मुकाम हासिल किया जिसमें जूली ओझा के अलावा सना कैफ, अलका सिंह, स्वाति सिंह, सौम्या तिवारी, करिश्मा, शमा परवीन, हेमा श्रीवास्तव, नीतू गौड़ के नाम प्रमुख हैं। जूली ओझा प्रदेश की अंडर-16 टीम की कोच रहीं और अंडर-19 टीम की मैनेजर रहीं हैं। वहीं नैनी की रहने वाली नीतू गौड़ 2018 में प्रदेश की अंडर-19 टीम की कप्तान रही हैं। नीतू गौड़ 2019 में अंडर-19 इंडिया टीम की कैप्टन भी रहीं।
प्रयागराज में लड़कियों के लिए बोर्ड मैच कराने की है योजना
एसीए की वूमेन विंग की सेक्रेटरी डा. जूली ओझा जनपद के साथ ही प्रदेश और देश में महिला क्रिकेट का भविष्य उज्जवल देखती हैं। उनका कहना है कि कुछ न कुछ कमियां और अभाव तो हर समय रहता है और रहेगा किंतु इसी की बीच से हमें रास्ता निकालना है। कहा कि हमारी आगामी योजना यहां लड़कियों के लिए बोर्ड का मैच कराना है जिसकी फंडिंग से लेकर सारा इंतजाम भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड करता है। मैच भी बीसीसीआइ के नियमों के अधीन ही खेले जाते हैं।