ये तूने क्या किया, पति से झगड़े के बाद महिला ने साल भर के बच्चे को चलती ट्रेन से फेंका बाहर
गुरुवार को प्रयागराज के नैनी इलाके में छिवकी जंक्शन पर ऐसा ही एक वाकया हुआ जिसने सबको स्तब्ध कर दिया। पति से विवाद के बाद महिला ने अपने साल भर के बच्चे को उठाकर चलती ट्रेन की खिड़की से बाहर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। कभी-कभी ऐसी घटना देखने या सुनने को मिलती है कि सहसा उस पर विश्वास नहीं होता कि ऐसा भी हो सकता है। कभी गुस्से में तो कभी हताशा या निराशा में लोग ऐसा कदम उठा लेते हैं कि जिसके बाद पछताना ही पड़ता है। गुरुवार को प्रयागराज के नैनी इलाके में छिवकी जंक्शन पर ऐसा ही एक वाकया हुआ जिसने सबको स्तब्ध कर दिया। पति से विवाद के बाद महिला ने अपने साल भर के बच्चे को उठाकर चलती ट्रेन की खिड़की से बाहर रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया। यह देख पति फौरन ट्रेन से कूदा और जख्मी बच्चे को रेलवे पुलिस की मदद से अस्पताल ले गया। ट्रेन सतना स्टेशन पर उतरी तो महिला को उससे उतारा गया।
गनीमत रही कि हल्की चोट लगी बच्चे को
पुलिस ने बताया कि चुनार (मीरजापुर) का एक शख्स मुंबई में नौकरी करता है। कोरोना की दूसरी लहर फैलने पर वह घर लौट आया था। अब वह वापस रोजगार के लिए मुंबई जा रहा था। गुरुवार सवेरे वह पत्नी और साल भर के बेटे के साथ जनता एक्सप्रेस में बैठकर मुंबई के लिए रवाना हो गया। ट्रेन सुबह करीब पौने आठ बजे छिवकी जंक्शन से गुजर रही था तभी ट्रेन की बी-2 बोगी में बैठे पति-पत्नी के बीच किसी बात पर कहासुनी हो गई। गुस्से में आकर पत्नी ने साल भर के अपने दुधमुंहे बेटे को उठाया और खिड़की से बाहर फेंक दिया। यह देख बोगी में मौजूद लोग सन्न रह गए। पति तेजी से उठकर भागा और चलती ट्रेन से बाहर कूद गया। उस वक्त ट्रेन की रफ्तार भी धीमी थी। रेलवे ट्रैक पर रोते पड़े बेटे को उसने उठाया। उसके सिर पर चोट पहुंची थी। हालांकि गनीमत यह रही कि चोट हल्की थी। वहां जीआरपी और आरपीएफ के जवान पहुंच चुके थे। भीड़ लग गई थी।
पारिवारिक मामला, कोई केस नहीं
छिवकी पोस्ट के आरपीएफ प्रभारी जेएच उपाध्याय ने बताया कि मीरजापुर के पड़री के पास गुरखली गांव का शिवम सिंह पत्नी अंशु और बेटे शुभ को लेकर मुंबई जा रहा था। तभी पत्नी से विवाद हो गया। पत्नी अंशु ने तैश में आकर बच्चे को चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया था। इस घटना में कोई केस नहीं लिखा गया है। ट्रेन चली गई थी इसलिए सूचना देकर सतना स्टेशन पर आरपीएफ के जरिए अंशु को ट्रेन से उतरवाया गया।