Murder Case: यह क्या किया प्रयागराज पुलिस ने, मानसिक रोगी को रखने दिए दो लाइसेंसी हथियार
अब सवाल यह है कि अगर लाइसेंस होने के बाद अभिमन्यु की मानसिक दशा खराब हुई तो पुलिस ने नवीनीकरण के समय अपनी जो रिपोर्ट दी उसमें इसका जिक्र क्यों नहीं था। हालांकि नवीनीकरण में मानसिक दशा का जिक्र करना नहीं होता
राजेंद्र यादव, प्रयागराज। धूमनगंज के भोला का पुरवा इलाके में दिनदहाड़े महिला की गोली मारकर हत्या मकान के विवाद में भले ही हुई हो, लेकिन इसमें कहीं न कहीं पुलिस की लापरवाही भी सामने आ रही है। जिसने हत्या की है, उसकी मानसिक दशा ठीक न होने की बात उसके घरवाले कह रहे हैं। सात वर्ष से इलाज चलने का दावा कर रहे हैं। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि ऐसे व्यक्ति के पास दो असलहे का लाइसेंस आखिर कैसे था। असलहों के नवीनीकरण के लिए मंजूरी देते वक्ता क्या पुलिस से चूक हो गई थी?
धूमनगंज इलाके में भोला का पूरा में किराए के कमरे में रहने वाली संगीता की हत्या के बाद पुलिस को पता चला कि आरोपित अभिमन्यु ने लाइसेंसी पिस्टल से वारदात को अंजाम दिया है। पुलिस ने उसके घर की तलाशी ली तो एक राइफल मिली। पता चला कि इसका लाइसेंस भी अभिमन्यु के नाम है। राइफल का लाइसेंस फतेहपुर और पिस्टल का लाइसेंस धूमनगंज के पते से है। पूछताछ का दायरा आगे बढ़ा तो आराेपित के छोटे भाई राजेश शुक्ला ने बताया कि अभिमन्यु कुछ नहीं करता है। करीब सात वर्ष से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। उसका इलाज भी चल रहा है। वह दवाइयों को फेंक देता था। किसी से भी विवाद करने लगा था, जिस कारण उससे परिवार के साथ मोहल्ले के लोग भी नहीं बोलते थे। मानसिक स्थिति ठीक न होने के बावजूद दो शस्त्र लाइसेंस कैसे उसके पास था, इसका जवाब देते हुए उसने कहा कि दोनों लाइसेंस पहले हुए थे। शस्त्र लाइसेंस के नवीनीकरण के समय यह बात पुलिस को पता थी या नहीं, इस सवाल पर वह कुछ नहीं बोला।
अब सवाल यह है कि अगर लाइसेंस होने के बाद अभिमन्यु की मानसिक दशा खराब हुई तो पुलिस ने नवीनीकरण के समय अपनी जो रिपोर्ट दी, उसमें इसका जिक्र क्यों नहीं था। हालांकि, नवीनीकरण में मानसिक दशा का जिक्र करना नहीं होता, लेकिन जांच के लिए जब पुलिस लाइसेंसधारी के घर पहुंचती है तो उसके बारे में जरूर जानकारी लेती है। मसलन कोई अपराधिक मुकदमा तो नहीं दर्ज हुआ है। शस्त्रों का रखरखाव कैसे है आदि। इसके अलावा सबसे चकित करने वाली बात यह है कि विधानसभा चुनाव को लेकर जहां शस्त्रों को जमा कराने के लिए पुलिस ने अभियान छेड़ रखा है, वहीं दो शस्त्र एक ही व्यक्ति के यहां था। पुलिस ने अब तक इसे जमा कराने की जरूरत क्यों नहीं समझी?, क्या शस्त्र को जमा कराए जाने को लेकर पुलिस उसके घर गई थी?। सीओ सिविल लाइंस संतोष सिंह का कहना है कि शस्त्रों को जमा करने के लिए दो बार पुलिसकर्मी उसके घर गए थे, लेकिन वह नहीं मिला था। अब उसके दोनों लाइसेंस निरस्त कराए जाएंगे। साथ ही पूरे मामले की जांच होगी।