कार का शीशा बंद करने के बाद हीटर के प्रयोग में बरतें सतर्कता
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. पीयूष सक्सेना बताते हैं कि ठंड चाहे जितनी अधिक हो, हीटर का तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए।
प्रयागराज : ठंड ने दस्तक दे दी है। ठंड से बचने को कार में हीटर का प्रयोग भी होने लगा है। जैसे-जैसे ठंड बढ़ेगी, हीटर का तापमान भी उसी के अनुरूप लोग बढ़ा लेते हैं। हीटर चलाने से ठंड से राहत तो मिल जाती है, लेकिन उससे स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव भी पड़ता है। खासकर आप बच्चों के साथ सफर कर रहे हैं तब हीटर के प्रयोग में सावधानी ज्यादा बरतने की जरूरत होती है। शीशा बंद करके अगर आप हीटर का तापमान ज्यादा करते हैं तो बच्चे का दम भी घुट सकता है।
स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय के हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. पीयूष सक्सेना बताते हैं कि ठंड चाहे जितनी अधिक हो, हीटर का तापमान 25-26 डिग्री सेल्सियस से अधिक नहीं बढ़ाना चाहिए। हीटर ज्यादा तेज करने से गाड़ी में ऑक्सीजन की कमी होने लगती है। ऐसी स्थिति न हो उसके लिए हर 30 मिनट में पांच से दस मिनट के लिए शीशा थोड़ा नीचे कर लेना चाहिए जिससे बाहर की हवा अंदर आ सके। डॉ. सक्सेना बताते हैं कि हृदयरोगियों के लिए अचानक गर्म वातावरण से ठंड में जाने पर अटैक पड़ने का खतरा भी रहता है, इसलिए तापमान कम ही रखना चाहिए। अंगीठी लेकर न करें सफर :
चार पहिया वाहन में अंगीठी या कोई दूसरी ज्वलनशील पदार्थ लेकर चलना अपराध है। यह खुद की जान जोखिम में डालने के समान है। अगर आप ऐसा करते हैं तो गाड़ी सीज करने के साथ लाइसेंस निरस्त करने की कार्रवाई हो सकती है। ठंड में गाड़ियों में कोई ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चले उसके मद्देनजर निरंतर अभियान चलता है। अगर कोई ऐसा करता मिलता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
- सगीर अंसारी, आरटीओ