दौड़ती मालगाड़ी के पहिए हुए जाम, प्रतापगढ़ में रोकनी पड़ी दो ट्रेन, 50 मिनट तक ठप रहा ट्रैक
यह मालगाड़ी सोमवार सुबह पंजाब जा रही थी। चिलबिला जंक्शन से मालगाड़ी सुबह नौ बजकर आठ मिनट पर छूटी। वहां से आगे बढ़ी तो चमरौरा नदी के पुल को आधा पार करने के बाद रुक गई। लोको पायलट ने सूचना चिलबिला व प्रतापगढ़ जंक्शन पर दी तो अधिकारी अलर्ट हुए।
प्रयागराज, जेएनएन। कोयला लेकर जा रही मालगाड़ी के कुछ पहिए प्रतापगढ़-लखनऊ ट्रैक पर गोंड़े रेलवे क्रासिंग के पास जाम हो गए। अचानक गाड़ी को रोकने पर खलबली मच गई। कंट्रोल को संदेश देकर सवारी गाड़ी को रोका गया। नीलांचल एक्सप्रेस चिलबिला जंक्शन पर खड़ी की गई। करीब 50 मिनट तक रेल संचालन प्रभावित रहा।
नदी के पुल को आधा पार करने के बाद अचानक रुकी मालगाड़ी
बिहार में झरिया से चली यह मालगाड़ी सोमवार की सुबह पंजाब जा रही थी। चिलबिला जंक्शन से मालगाड़ी सुबह नौ बजकर आठ मिनट पर छूटी। वहां से आगे बढ़ी तो चमरौरा नदी के पुल को आधा पार करने के बाद रुक गई। लोको पायलट ने इसकी सूचना चिलबिला व प्रतापगढ़ जंक्शन पर दी तो अधिकारी अलर्ट हो गए।
पुल पर मालगाड़ी और दूसरी तरफ पैसेंजर ट्रेन, फूल गए अधिकारियों के हाथ-पांव
तब तक नीलांचल एक्सप्रेस के आने का समय हो गया था। वह प्रतापगढ़ से चल चुकी थी। उसे चिलबिला जंक्शन पर रोका गया। एक मालगाड़ी लखनऊ से प्रतापगढ़ की ओर आ रही थी, जिसे अमेठी के मिसरौली हाल्ट पर रोका गया। इधर रेल अधिकारी व कर्मी मौके पर पहुंचे। मालगाड़ी का ब्रेक जाम था। उसे किसी तरह दुरुस्त किया गया। तब जाकर 50 मिनट के बाद मालगाड़ी को वहां से रवाना किया जा सका। उसके बाद रेल संचालन सामान्य हो गया। मालगाड़ी के पहिए कैसे जाम हुए, इस पर विभाग के अधिकारी कुछ भी बताने से बच रहे हैं।
चर्चा है कि कोयला वर्षा में भीगने से गाड़ी पर वजन अधिक हो जाने के कारण यह समस्या आई थी। स्टेशन अधीक्षक शमीम अहमद का कहना है कि 10-15 मिनट की दिक्कत थी। उसे दूर करके संचालन शुरू कर दिया गया। ट्रैक प्रभावित नहीं रहा।