नरौरा और हरियाणा से पानी छोड़े जाने के बाद उफनाएंगीं नदियां Prayagraj News
संभावना जताई जा रही है कि 15 दिन के भीतर गंगा-यमुना में पानी छोड़ा जाएगा। इससे दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा और बाढ़ जैसे हालात शुरू हो जाएंगे।
प्रयागराज,जेएनएन। गंगा-यमुना में अभी बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं, लेकिन बहुत जल्द ही ये नदियां उफनाएगीं। कारण है कि उत्तराखंड में बारिश हो रही है। 15 दिन के भीतर नरौरा, हरियाणा समेत अन्य नदियों का पानी छोड़ा जाएगा। इसे लेकर सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिकारी और कर्मचारी सचेत हैं और वह नदियों के जलस्तर पर नजर जमाए हुए हैं।
बैराज से पानी छोडे जाने पर बढेगा जलस्तर
उतराखंड में भारी बारिश होने पर ही गंगा का जलस्तर बढ़ता है। जिले में गंगा तभी उफान पर आती हैं, जब हरिद्वार के भीम गौड़ा, बुलंदशहर के नरौरा बैराज से पानी छोड़ा जाता है। इसी तरह यमुना में बाढ़ तभी आती है, जब हरियाणा, राजस्थान और मप्र की चंबल, बेतवा, केन समेत कई नदियां उफनाकर इसमें मिल जाती हैं। हालांकि, अभी बैराजों का पानी अपने हाईलेवल तक नहीं पहुंचा है। हालांकि, उत्तराखंड समेत कई अन्य प्रदेशों में जिस तरह से बारिश हो रही है।
15 दिन बाद पानी छोडे जाने पर बढेगा जलस्तर
इससे यह संभावना जताई जा रही है कि 15 दिन के भीतर गंगा-यमुना में पानी छोड़ा जाएगा। इससे दोनों नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ेगा और बाढ़ जैसे हालात शुरू हो जाएंगे। इसे लेकर सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिकारी लगातार बैराज के अफसरों के संपर्क में हैं, ताकि जब पानी छोड़ा जाए तो फौरन उनको जानकारी मिले और यहां पर उसी तरह से व्यवस्था दुरुस्त की जा सके। सिंचाई विभाग बाढ़ प्रखंड के अधिशासी अभियंता बृजेश कुमार ने बताया कि अभी गंगा-यमुना का जलस्तर अधिक नहीं बढ़ा है। नरौरा बैराज समेत कई नदियों का पानी जब छोड़ा जाएगा, तभी जलस्तर में वृद्धि होगी और बाढ़ जैसे हालात बन सकते हैं। दोनों नदियों के जलस्तर पर लगातार नजर रखी जा रही है।
कहां कितना है जलस्तर
छतनाग : 73.28 मीटर
नैनी : 73.90 मीटर
फाफामऊ : 77.77 मीटर