Move to Jagran APP

गीता का ज्ञान बांट रहीं अरैल तट पर फलाहारी आश्रम में मंदिर की दीवारें Prayagraj News

फलाहारी आश्रम में गीता मंदिर को अंतिम रूप देने में महंत स्वामी रामरतन दास लगे हैैं। मंदिर की दीवारों पर श्रीमद्भगवत गीता के 18 अध्याय को बड़ी बारीकी से उकेरा गया है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 27 Jan 2020 10:47 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jan 2020 10:47 AM (IST)
गीता का ज्ञान बांट रहीं अरैल तट पर फलाहारी आश्रम में मंदिर की दीवारें Prayagraj News
गीता का ज्ञान बांट रहीं अरैल तट पर फलाहारी आश्रम में मंदिर की दीवारें Prayagraj News

प्रयागराज, जेएनएन। नैनी में अरैल तट पर स्थित फलाहारी आश्रम में नवनिर्मित मंदिर की दीवारें भक्तों को गीता का ज्ञान बांट रही हैं। भगवान कृष्ण के इस मंदिर में पहुंचते ही यहां की दीवारें बरबस भक्तों का ध्यान अपनी ओर खींच लेती हंै। दीवारों पर श्रीमद्भगवत गीता के 18 अध्याय को बारीकी से उकेरा गया है। यह मंदिर भक्तों की श्रद्धा का केंद्र बना हुआ है।

loksabha election banner

गुफा के रूप में था फलाहारी आश्रम लगभग 80 साल पहले

अरैल घाट पर स्थित फलाहारी आश्रम लगभग 80 साल पहले एक गुफा के रूप में था। इस गुफा में बृजवासी बाबा तप किया करते थे। उसी दौरान तपस्वी स्वामी राम चरण दास महाराज घूमते हुए उस गुफा तक पहुंचे थे। उन्होंने तपस्वी बृजवासी बाबा से यहां मंदिर निर्माण की आज्ञा लेकर भगवान शंकर की मूर्ति स्थापना की थी। समय दर समय कई देवी, देवताओं की मूर्तियां स्थापित की गईं। स्वामी रामचरण दास के मन में वहां गीता मंदिर का निर्माण करने की प्रबल इच्छा थी।

स्वामी रामचरण दास ने 80 के दशक में गीता मंदिर की नींव रखी

स्वामी रामचरण दास ने 80 के दशक में गीता मंदिर की नींव भी रखी लेकिन 1991 में वह ब्रह्मलीन हो गए। उनके बाद उनके परम शिष्य स्वामी रामरतन दास के हाथों में आश्रम की बागडोर आ गई। स्वामी रामरतन दास ने उनके सपनों को पूरा करने का बीड़ा उठाया। स्वामी राम रतन दास ने बताया कि पूज्य गुरुदेव की इच्छा को साकार रूप देने के लिये उन्होंने मंदिर बनवाने का संकल्प लिया है। मंदिर के सारे काम पूर्ण हो गए हैं। शिखर का काम पूरा होते ही मंदिर का मुख्य द्वार गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की ओर खोल दिया जाएगा। मंदिर की दीवारों पर श्रीमद्भगवत गीता के 18 अध्याय लिखे गए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.