हाथ पर बने टैटू से हुई थी शातिर प्रिंस की पहचान
नैनी सेंट्रल जेल से फरार होने वाले 50 हजार रुपये के इनामी शातिर प्रिंस को एसटीएफ ने गिरफ्तार कर लिया है। वह दो बार पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुका है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज : नैनी सेंट्रल जेल से फरार होने वाले 50 हजार रुपये के इनामी शातिर प्रिंस की पहचान उसके हाथ में बने टैटू से हुई थी। स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने जब पूछताछ शुरू की तो वह अपना असली नाम छिपाता रहा। अलबत्ता उसके हाथ पर बने टैटू (प्रिंस नाम) के बारे में कड़ाई से पूछताछ हुई तो सच्चाई सामने आ गई। इस पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया। बुधवार दोपहर प्रिंस को दोबारा नैनी सेंट्रल जेल के सीखचों के भीतर भेज दिया गया।
प्रिंस अग्रवाल पुत्र अनिल अग्रवाल आगरा जिले के ताजगंज थाना अंतर्गत बसई केला मुहल्ले का रहने वाला है। एसटीएफ लखनऊ के डिप्टी एसपी पीके मिश्रा की अगुवाई में इंस्पेक्टर अंजनी कुमार तिवारी, एसआइ ज्ञानेंद्र राय व कृष्ण कुमार, सुशील कुमार की टीम ने प्रिंस को उत्तराखंड के उधमसिंह नगर से मंगलवार को गिरफ्तार किया था। सिद्धदोष अपराधी प्रिंस वहां पत्नी के साथ किराए के मकान में रह रहा था। चोरी के मामले में 12 सितंबर 2018 को प्रिंस नैनी जेल में बंद किया गया था। करीब एक माह बाद उससे मिलने के लिए पत्नी , सास व साथी गौरव उर्फ अंशु जेल आए थे। शातिर दिमाग प्रिंस ने इसी दौरान पत्नी के हाथ पर लगी जेल की मुहर पर पानी डाला और उसकी छाप अपने हाथ पर ले ली। फिर वह जेल कर्मचारियों को चकमा देकर फरार हो गया। उसकी फरारी के बाद नैनी थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई और गिरफ्तारी के लिए 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया। उसके खिलाफ कई मुकदमे हैं और पहले भी दो बार पुलिस अभिरक्षा से फरार हो चुका था।