डिवाइस युक्त कमीज और मैगनेटिक इयरफोन की मदद से कराते थे नकल Prayagraj News
ट्रिपल एससी की लोअर सब आर्डिनेट परीक्षा पास कराने वाले गिरोह के सदस्य बहुत ही शातिर थे। सरगना समेत पांच गिरफ्तार हुए। वह डिवाइस युक्त शर्ट मैगनेटिक इयरफोन की मदद लेते थे।
प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूपी ट्रिपल एससी) की लोअर सब आर्डिनेट परीक्षा से ठीक पहले स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की प्रयागराज यूनिट ने भर्ती परीक्षाएं पास कराने का ठेका लेने वाले गिरोह का राजफाश किया है। शातिरों ने परीक्षार्थियों के लिए दिल्ली से इलेक्ट्रानिक डिवाइस युक्त शर्ट मंगाई गई थी। एक शर्ट करीब 10 हजार रुपये की है। इसमें इलेक्ट्रानिक डिवाइस के साथ पतला तार सिला है। डिवाइस में सिम कार्ड लगाया जाता है। अभ्यर्थी कान में बटन से भी छोटे मैगनेटिक इयर फोन लगाकर परीक्षा देने बैठते हैं। सॉल्वर परीक्षा केंद्र से कुछ दूरी पर एक साथ 50 अभ्यर्थियों को इस डिवाइस के जरिए प्रश्नपत्र हल कराने में सक्षम होते हैैं।
एसटीएफ ने गिरोह के लोगों को गिरफ्तार किया
एसटीएफ प्रयागराज यूनिट के एएसपी नीरज पांडेय और डिप्टी एसपी नवेंदु कुमार के नेतृत्व में एक टीम भर्ती परीक्षाओं में धांधली करने वाले गिरोह की तलाश में जुटी थी। सूचना मिली कि आयोग की 30 सितंबर और एक अक्तूबर को होने वाली परीक्षा में कतिपय अभ्यर्थियों का पास कराने का ठेका लेने वाले गिरोह के लोग तेलियरगंज में आलू गोदाम तिराहा के पास मौजूद हैं। इस पर एसटीएफ के निरीक्षक केसी राय और अतुल सिंह ने शिवकुटी पुलिस के साथ घेरकर विटारा ब्रेजा कार सवार पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
सिद्धार्थनगर का रहने वाला है गिरोह का सरगना, ऐसे देते थे अंजाम
गिरोह के सरगना सिद्धार्थनगर निवासी अहमद अली ने बताया कि वह खुद और गिरोह के बाकी लोग अभ्यर्थियों से मांगी गई रकम का चेक और शैक्षिक प्रमाणपत्र की मूल प्रति ले लेते थे। गिरोह में शामिल बलिया का मूल निवासी अरुण यादव पटना के म्योर हॉस्टल के छात्रों को बतौर सॉल्वर बुलाता था। सॉल्वर को 25 हजार रुपये तक दिए जाते थे। अरुण के पिता पुलिस विभाग में हेड कांस्टेबल हैं। वह पिता संग खुल्दाबाद थाना परिसर स्थित आवास में रहकर ये कारगुजारी कर रहा था। लोअर सब आर्डिनेट परीक्षा के लिए हर अभ्यर्थी से 15 लाख तक में डील की गई थी। रेलवे ग्र्रुप डी भर्ती परीक्षा के लिए आठ लाख और नलकूप आपरेटर भर्ती परीक्षा के लिए छह लाख रुपये लिए गए थे।
नकली थंब इंप्रेशन भी बना लिए थे
कई परीक्षाओं में गिरोह असली अभ्यर्थी की जगह सॉल्वर बैठाकर भी परीक्षा पास कराता रहा है। फर्जी फोटो लगाकर एडमिट कार्ड बनाने के अलावा वेरीफिकेशन के लिए प्लास्टिक के नकली थंब इम्प्रेसन भी बनवाए गए थे। प्रयागराज का ही एक व्यक्ति छह हजार रुपये में एक नकली थंब इम्प्रेसन बनाकर गिरोह को देता है।
गिरोह से यह हुआ बरामद
इलेक्ट्रानिक डिवाइस लगी सात कमीज, बैट्री और स्पीकर समेत एक इलेक्ट्रानिक डिवाइस, 37 मैगनेट इयरफोन, 13 प्लास्टिक के फर्जी थंब इम्प्रेसन, मेडिकल अफसर सीएमओ कार्यालय कौशांबी और अधिशाषी अभियंता, प्रांतीय खंड, लोक निर्माण विभाग कौशांबी के नाम की मोहरें, करीब सवा करोड़ रुपये मूल्य के 48 चेक, 42 हजार रुपये नगद, पांच आधार कार्ड, दो मतदाता पहचान पत्र, चार पेन ड्राइव, एक कार, तीन बाइक, 10 मोबाइल फोन, 134 प्रवेश पत्र की छाया प्रति, अभ्यर्थियों के 190 मूल शैक्षिक प्रमाण पत्र, नौ एटीएम कार्ड।
खुद सफल नहीं हुआ तो बनाया गिरोह
अहमद अली ने बताया कि वह 1992 में प्रयागराज आया था। आइआरटी से डिप्लोमा करने के बाद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने लगा। कई परीक्षाएं दी लेकिन सफल नहीं हो सका। फिर वह नवाबगंज के जगरूप यादव के साथ मिलकर गिरोह चलाने लगा। वह सॉल्वर का काम करता था। जगरूप का दिल का दौरा पडऩे से निधन हुआ तो वह खुद गिरोह चलाने लगा।
ये हुए गिरफ्तार
1. अहमद अली निवासी गांव और पोस्ट इटवा जनपद सिद्धार्थ नगर (सरगना)
2. अरुण यादव उर्फ बिहारी निवासी लालगंज थाना दोकटी बलिया
3. संदीप कुमार यादव निवासी शिवपुरी कॉलोनी, स्टेशन रोड, जनपद मीरजापुर
4. मोहम्मद सफीउल्लाह अंसारी निवासी धन छपरा, ब्रहमपुर, जिला बक्सर, बिहार
5. अमन कुमार सरोज निवासी गंजिया बहादुर, हेतापïट्टी, थाना झूंसी, प्रयागराज