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उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने मांगों को लेकर तानी मुट्ठी, जानें- क्‍या है इनकी मांग

मांग की गई है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी से कोरोना संक्रमित होकर दिवंगत हुए शिक्षकों और कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह राशि एक करोड़ दी जाए। शिक्षा निदेशालय व विभाग के विभिन्न कार्यालयों में अटके शिक्षकों के अवशेष वेतन देयक प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण कराने की मांग की गई है।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 22 May 2021 03:13 PM (IST)Updated: Sat, 22 May 2021 03:13 PM (IST)
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने मांगों को लेकर तानी मुट्ठी, जानें- क्‍या है इनकी मांग
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने शिक्षकाें की मांग को लेकर आवाज बुलंद की है।

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं को लेकर मुट्ठी तानी है। संगठन के प्रदेश महामंत्री लालमणि द्विवेदी ने बताया कि पंचायत चुनाव के समय तमाम शिक्षक कोविड 19 से संक्रमित हो गए। उसके बाद बहुत से लोगों की जान भी चली गई। ऐसे पीडि़त परिवारों को पारिवारिक पेंशन, ग्रेच्यूटी आदि का शीघ्र व समयबद्ध भुगतान कराया जाए। इस संबंध में विभाग के अधिकारियों के साथ उप मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजा गया है।

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शिक्षकों और कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह राशि एक करोड़ देने की मांग

मांग की गई है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी से कोरोना संक्रमित होकर दिवंगत हुए शिक्षकों और कर्मचारियों के आश्रितों को अनुग्रह राशि एक करोड़ दी जाए। इसके अतिरिक्त शिक्षा निदेशालय व विभाग के विभिन्न कार्यालयों में लंबे समय से अटके शिक्षकों के अवशेष वेतन देयक प्रकरणों का शीघ्र निस्तारण कराने की भी मांग की गई है।

शिक्षकों को अर्जित अवकाश देने की मांग

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ (ठकुराई गुट) ने यह भी कहा है कि अप्रैल में प्रदेश के शिक्षक पंचायत निर्वाचन के प्रशिक्षण, मतदान और मतगणना की ड्यूटी कर रहे थे। वह लगातार विद्यालय भी जाते रहे। सरकार की ओर से कोई ग्रीष्मावकाश घोषित नहीं किया गया। सभी शिक्षक इस दौरान अपने मुख्यालय/स्टेशन पर बने रहे। ऐसी स्थिति में अप्रैल माह को ग्रीष्मावकाश मान लेना किसी उचित नहीं है। पूर्व निर्धारित ग्रीष्मावकाश को समाप्त/प्रभावित किए जाने की स्थिति में शिक्षकों को उतनी अवधि के लिए नियमानुसार अॢजत अवकाश दिए जाने संबंधी आदेश निर्गत किया जाए। ऐसा न करने पर शिक्षक हित प्रभावित होंगे। अध्यापकों को प्रेरित करने के लिए भी जरूरी है कि उन्हें इस तरह की योजनाओं का लाभ दिया जाए।


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