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UPPSC RO ARO Result 2017 : भर्तियों में ओवरलैपिंग खत्म होने से 146 पद रह गए खाली

यूपीपीएससी की भर्तियों में अनारक्षित सीटों पर उस आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी का चयन नहीं हो सकेगा जिसने भर्ती के किसी भी चरण में आरक्षण या फिर अन्य किसी छूट का लाभ लिया है।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Wed, 04 Mar 2020 09:25 AM (IST)Updated: Wed, 04 Mar 2020 09:27 AM (IST)
UPPSC RO ARO Result 2017 : भर्तियों में ओवरलैपिंग खत्म होने से 146 पद रह गए खाली
UPPSC RO ARO Result 2017 : भर्तियों में ओवरलैपिंग खत्म होने से 146 पद रह गए खाली

प्रयागराज, जेएनएन। UPPSC RO/ARO Exam 2017 : उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग (UPPSC) की भर्तियों में ओवरलैपिंग खत्म हो चुकी है। यानी किसी भी भर्ती में अनारक्षित सीटों पर उस आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी का चयन नहीं हो सकेगा, जिसने भर्ती के किसी भी चरण में आरक्षण या फिर अन्य किसी छूट का लाभ लिया है। यूपीपीएससी में यह प्रस्ताव दिसंबर 2019 में पारित होने के बाद अधिक पदों का पहला परिणाम जारी हुआ है और उसमें ही 146 पद खाली रह गए हैं। पद खाली रहने पर आयोग का कहना है कि योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले, लेकिन असल वजह ओवरलैपिंग का प्रावधान इतिहास हो जाना है।

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यूपीपीएससी में आरक्षण व्यवस्था नियमानुसार लागू है। केवल सीटों पर अभ्यर्थियों के चयन में ओवरलैप करने की व्यवस्था बदल चुकी है। इसके तहत आरक्षित वर्ग का वह अभ्यर्थी, जिसने भर्ती में आरक्षण या फिर अन्य छूट न लेकर यदि सामान्य वर्ग का न्यूनतम कटऑफ अंक हासिल कर लिया है तो उसका अनारक्षित सीट पर चयन हो सकेगा।

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असल में आयोग की भर्तियों में अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी। उसमें कहा गया था कि आयोग भर्ती के पहले चरण से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को आरक्षण का लाभ देता है और फिर दूसरे व तीसरे चरण में भी आरक्षण का लाभ मिलता है। अंत में यदि वह उम्दा अंक हासिल करके अनारक्षित वर्ग का न्यूनतम कटऑफ अंक हासिल कर लेता है तो उसका चयन अनारक्षित वर्ग की सीट पर हो जाता है, जबकि आरक्षण का लाभ अंतिम चरण में ही दिया जाना चाहिए। कोर्ट ने इस पर आयोग से जवाब-तलब किया, तब आयोग ने 18 दिसंबर को असाधारण बैठक बुलाकर ओवरलैपिंग खत्म करने का प्रस्ताव पास किया और उसी दिन से यह व्यवस्था लागू है।

अब आरओ-एआरओ 2016 का चयन

उप्र लोकसेवा आयोग तीन मई को आरओ-एआरओ 2016 की पुनर्परीक्षा कराने जा रहा है। 361 पदों की भर्ती के लिए 385197 ने आवेदन किया था। आयोग ने प्रारंभिक परीक्षा 27 नवंबर 2016 को कराई थी, प्रदेश के 31 जिलों के 827 केंद्रों पर इम्तिहान हुआ। उसी दिन लखनऊ जिले से परीक्षा का पेपर वायरल हो गया था। इस मामले में कोर्ट के आदेश पर पुलिस महकमे के अफसर अमिताभ ठाकुर की ओर से हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा लिखा गया, सीबीसीआइडी ने जांच की।

29 सितंबर 2019 को जांच एजेंसी ने अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की इसमें उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिला है। कोर्ट ने एक जनवरी 2020 को जांच एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट खारिज करते हुए फिर से जांच के आदेश दिए। ऐसे में 14 जनवरी को उप्र लोकसेवा आयोग ने इसकी दोबारा परीक्षा कराने का निर्णय लिया। इसी वर्ष प्री व मेंस कराकर परिणाम जारी करने की तैयारी है, हालांकि इस भर्ती के लिए अभ्यर्थियों को अभी इंतजार करना होगा।


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