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UPPSC Result 2017 : टॉप-20 में छह महिलाओं ने फहराया मेधा का परचम

UPPSC Result 2017 टॉप 20 में छह महिलाओं ने जगह बनाई है। इसमें प्रतापगढ़ की मीनाक्षी पांडेय भले ही ओवरऑल रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं लेकिन महिलाओं में वह पहले स्थान पर हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 11:49 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:27 AM (IST)
UPPSC Result 2017 : टॉप-20 में छह महिलाओं ने फहराया मेधा का परचम
UPPSC Result 2017 : टॉप-20 में छह महिलाओं ने फहराया मेधा का परचम

प्रयागराज, जेएनएन। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की पीसीएस 2017 के अंतिम चयन परिणाम में महिलाओं ने भी मेधा का जलवा बिखेरा है। टॉप 20 में प्रदेश भर की छह महिलाओं ने जगह बनाई है। इसमें प्रतापगढ़ की मीनाक्षी पांडेय भले ही ओवरऑल रैंकिंग में तीसरे स्थान पर हैं लेकिन, महिलाओं में वह पहले स्थान पर हैं। ऐसे ही मुरादाबाद की निधि डोडवाल की रैंकिंग पांचवीं है लेकिन, महिलाओं निधि दूसरे स्थान पर हैं।

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महिलाओं में तीसरे स्थान पर बुसरा बानो हैं, जबकि ओवरऑल रैंकिंग छठीं है। वहीं, दिव्या ओझा, बरखा सिंह व रेनू ने भी टॉप 20 में जगह बनाई है। इनकी क्रमश: ओवरऑल रैंकिंग नवीं, चौदहवीं व उन्नीसवीं है। यूपीपीएससी ने साक्षात्कार एक अक्टूबर को पूरा करने के महज आठ दिन बाद ही अंतिम परिणाम घोषित कर दिया, जबकि इसी बीच दशहरा की छुट्टियां थी और इसके पहले पीसीएस 2018 मुख्य परीक्षा की संशोधित सूची जारी करनी पड़ी थी। इसके बाद भी 2018 मेंस के पहले अंतिम रिजल्ट आ गया इससे अब वे अभ्यर्थी अगली परीक्षा में शामिल नहीं होंगे, जिनका चयन हो गया है। इसके साथ ही नई परीक्षा में अब नए मेधावी चयनित हो सकेंगे।

पांचवां स्थान पाकर लेखपाल की बेटी बनी डिप्टी कलेक्टर

पीसीएस परीक्षा 2017 के परिणाम आते ही मुरादाबाद का नाम प्रदेश स्तर पर छा गया। लेखपाल की बेटी निधि डोडवाल ने परीक्षा में प्रदेश में पांचवां स्थान हासिल कर शहर का नाम रोशन किया है, लड़कियों की सूची में वह दूसरे नंबर पर हैं। वहीं एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट पद के लिए शहर के ही गौरव विश्नोई ने दसवीं रैंक हासिल की है। इनके अलावा रामपुर के जसीम खां ने असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के पद पर सफलता प्राप्त की है। निधि डोडवाल मूल रूप से छजलैट ब्लाक के खलीलपुर अमरू की रहने वाली है। उनके पिता नृपेन्द्र सिंह कांठ तहसील में लेखपाल के पद पर कार्यरत हैं। तीन भाई-बहनों में निधि सबसे बड़ी हैं। मां सर्वेश सिंह गृहिणी हैं। छोटे भाई शुभम भगवा वाहिनी के प्रांत अध्यक्ष हैं, बहन सुरभि डीएलएड कर रही हैं। वर्तमान में परिवार नवीन नगर में मानसरोवर स्कूल के पास रह रहा है। वहीं गौरव विश्नोई मूल रूप से बिजनौर के आनंदीपुर के रहने वाले हैं। वर्तमान में परिवार मुरादाबाद के आशियाना फेज-2 में रह रहा है। गौरव के पिता डॉ. वीके विश्नोई छजलैट के पैगंबरपुर जीआइसी कॉलेज में प्रधानाचार्य पद से मार्च में सेवानिवृत्त हुए हैं। मां स्नेहलता विश्नोई गृहिणी हैं। गौरव की पत्नी डॉ. प्रियंका विश्नोई कोठीवाल डेंटल कॉलेज में ऑरेल पैथालॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष हैं। वहीं जसीम खान ने पहले पीसीएस (जे) की परीक्षा पास की। अब पीसीएस में भी उन्होंने सफलता प्राप्त कर ली है। उनका चयन असिस्टेंट लेबर कमिश्नर के लिए हुआ है।

सुहासिनी से बोले अध्यक्ष, दंडित होंगे गड़बड़ी करने वाले अधिकारी

पीसीएस 2015 में कापी के हेर-फेर का शिकार रहीं रायबरेली की सुहासिनी वाजपेयी को उचित कार्रवाई का भरोसा मिला है। उप्र लोकसेवा आयोग अध्यक्ष डॉ. प्रभात कुमार ने पूरे प्रकरण की जांच कराकर कॉपी में हेर-फेर करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित करके दंडित करने का भरोसा दिया है। साथ ही उनकी रुकी प्रक्रिया जल्द पूरी कराने का आश्वासन दिया है।

सुहासिनी का मामला काफी चर्चित है। पीसीएस 2015 की अभ्यर्थी सुहासिनी की कॉपी बदल दी गई थी। इससे लिखित परीक्षा में उन्हें फेल कर दिया गया था। सुहासिनी ने आरटीआइ के जरिये कॉपी दिखाने का अनुरोध किया। कॉपी में उन्हें तय कटऑफ से अधिक नंबर मिले थे। इस पर आयोग ने उनका साक्षात्कार कराया। लेकिन, बाद में एक पत्र भेजकर उन्हें अंतिम रूप से असफल घोषित कर दिया। यह मामला संसद में गूंजा। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में एक जनसभा में इस प्रकरण को प्रमुखता से उठाया था। सुहासिनी पूरी प्रक्रिया की जांच की मांग कर रही हैं। उन्होंने आयोग अध्यक्ष से मिलने का समय मांगा था। अध्यक्ष ने उन्हें बुधवार को मिलने का समय दिया था। लेकिन, व्यक्तिगत व्यवस्तता के चलते उन्होंने बुधवार को मिलने में असमर्थता जताई। इस पर अध्यक्ष ने उन्हें गुरुवार को मिलने के लिए बुलाकर पूरी बात सुनकर उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है।  


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