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UP TET 2021: गजब! खुद इंटर पास, बीटीसी का फुलफार्म नहीं पता और बन गए टीईटी के सॉल्वर

यह जानकर पुलिस अधिकारी हैरान थे कि खुल्दाबाद में पकड़े गए गिरोह के सरगना ने ऐसे लोगों को भी साल्वर बना दिया जो महज इंटर ही पास हैं। इतना ही नहीं उन्हें बीटीसी डीएएल एलकेजी यूकेजी का फुलफार्म तक नहीं पता था।

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 08:55 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 08:55 AM (IST)
UP TET 2021: गजब! खुद इंटर पास, बीटीसी का फुलफार्म नहीं पता और बन गए टीईटी के सॉल्वर
अभ्यर्थियों को ठगने के लिए गिरोह का कारनामा, फोटो के आधार पर लगवा लेते थे नकली मूंछ

ताराचंद्र गुप्ता, प्रयागराज। यूं तो टीईटी की परीक्षा पास करने के लिए किसी भी अभ्यर्थी को स्नातक की शिक्षा होनी चाहिए। मगर खुल्दाबाद में पकड़े गए गिरोह के सरगना ने ऐसे लोगों को भी साल्वर बना दिया, जो महज इंटर ही पास हैं। इतना ही नहीं, उन्हें बीटीसी, डीएएल, एलकेजी, यूकेजी का फुलफार्म तक नहीं पता था।

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पुलिस अधिकारी भी थे यह सब जानकर हैरान

पूछताछ के दौरान जब उनसे कुछ सवाल किए गए, जिनका जवाब नहीं मिला। यह जान पुलिस अधिकारी भी हैरत में पड़ गए। माना गया कि अभ्यर्थियों को ठगने के लिए सरगना ने ऐसा किया था। जांच में यह भी पता चला कि प्रवेश पत्र के आधार पर साल्वर नकली मूंछ भी लगवा लेते थे। मसलन जिसकी फोटो क्लीन सेव वाली होगी, उसमें मूंछ और मूंछ वाली होने पर क्लीन सेव हो जाते थे। सीओ प्रथम सत्येंद्र तिवारी का कहना है पकड़े गए तीन साल्वर इंटरमीडिएट पास हैं, जबकि दो बीए कर रहे हैं। आरोपितों ने इससे पूर्व की परीक्षा में भी सेंध लगाने का प्रयास किया था, लेकिन तब परीक्षा रद्द हो गई थी।

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मूल अभ्यर्थियों पर भी होगी कार्रवाई

पुलिस का कहना है कि मूल अभ्यर्थियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए पीएनपी से जानकारी मांगी गई है कि उन्होंने परीक्षा दी है अथवा नहीं। पूछताछ में जरूर पता चला कि जिन्होंने साल्वर गैंग को पैसा दिया है, वह परीक्षा में शामिल नहीं हुए हैं। इसके अलावा इनके अन्य मददगारों के विरुद्ध भी कार्रवाई की जाएगी।

निलंबित होंगे तीनों लेखपाल -

साल्वर गैंग के सहयोगी तीनों लेखपालों के विरुद्ध विभागीय कार्रवाई के लिए पुलिस की ओर से गोखपुर व प्रयागराज के प्रशासनिक अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी जाएगी। गिरफ्तारी के बाद माना गया है कि उन्हें पद से निलंबित कर दिया जाएगा। तीनों लेखपाल गोरखपुर से कार के जरिए प्रयागराज आए थे। कार भी बरामद की गई है।

अवधेश ने कराई थी मुलाकात-

सरगना पवन से लेखपालों की मुलाकात अवधेश ने कराई थी। वह पवन का पड़ोसी है, जिसके बाद सभी ने पैसा कमाने के लिए यह काम शुरू किया। हालांकि लेखपालों ने पूर्व में किसी परीक्षा में संलिप्त नहीं होने का दावा कर रहे हैं। मगर वह अभ्यर्थी से ज्यादा पैसा लेने के बाद सरगना को महज 80 हजार रुपये देते थे।


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