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यूपी टीईटी 2021 के सॉल्वर गैंग का सरगना झारखंड का, पटना में रची साजिश, तीन लेखपाल भी गिरफ्तार

साल्वर गैंग का भंडाफोड़ प्रयागराज की पुलिस ने किया तो पता चला कि पकड़े 14 लोगों में तीन लेखपाल साल्वर और गिरोह के सरगना भी है। इनमें ज्यादातर बिहार और झारखंड के निवासी हैं। गिरोह के तीन लोग अभी फरार हैं

By Ankur TripathiEdited By: Published: Mon, 24 Jan 2022 09:12 AM (IST)Updated: Mon, 24 Jan 2022 09:33 AM (IST)
यूपी टीईटी 2021 के सॉल्वर गैंग का सरगना झारखंड का, पटना में रची साजिश, तीन लेखपाल भी गिरफ्तार
टीईटी में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे साल्वर गैंग का भंडाफोड़ प्रयागराज की पुलिस ने किया

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में सेंध लगाने की तैयारी कर रहे साल्वर गैंग का भंडाफोड़ प्रयागराज की पुलिस ने किया तो पता चला कि पकड़े 14 लोगों में तीन लेखपाल, साल्वर और गिरोह के सरगना भी है। इनमें ज्यादातर बिहार और झारखंड के निवासी हैं। पुलिस ने इनके कब्जे से फर्जी आधार कार्ड, प्रवेश पत्र, अंक पत्र, 42 हजार रुपये, कार, बाइक व मोबाइल समेत अन्य सामान बरामद किया। लेखपाल के सहयोगी समेत तीन आरोपित फरार हैं।

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पुलिस दल ने रेलवे स्टेशन के पास ही दबोच लिया था 13 लोगों को

एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि परीक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस व एसओजी को लगाया गया था। पुलिस को परीक्षा से पहले रविवार सुबह ही पता चला था कि रेलवे स्टेशन के सामने कुछ लोग परीक्षा से संबंधित कूटरचित आधार कार्ड व प्रवेश पत्र वितरित कर रहे हैं। इस पर एसओजी प्रभारी वैभव सिंह व इंस्पेक्टर खुल्दाबाद अरविंद गौतम को टीम के साथ भेजा गया। वहां मौजूद 13 लोगों को घेरकर पकड़ा गया तो आठ ने खुद को अभ्यर्थी और पांच ने स्वयं को अभिभावक बताया।

परीक्षा छूटने का दबाव बनाने लगे तो पुलिस ने थाने ले जाकर की पूछताछ

देरी होने पर परीक्षा छूटने का दबाव बनाना शुरू कर दिया तब पुलिस सभी को थाने ले गई।इसके बाद उनके परीक्षा केंद्र ले जाकर तस्दीक करने की बात कही गई तो सच्चाई का पता चल गया। मालूम हुआ कि झारखंड का पवन कुमार यादव गिरोह का सरगना है। वह चकबंदी लेखपाल राहुल, राधेश्याम, कमलेश व जयदीप मौर्या के जरिए 80 हजार रुपये प्रति अभ्यर्थी लेकर साल्वर बैठाने का काम करता है। एक साल्वर को 20 हजार एडवांस और परीक्षा पास होने के बाद 40 हजार रुपये देता था जबकि 20 हजार अपने पास रखता था। अभ्यर्थी लाने की जिम्मेदारी कमलेश व जयदीप की होती थी। फिर पटना स्थित मुन्ना साइबर कैफे में जाली प्रपत्र तैयार करवाया जाता था। पकड़े गए साल्वरों को अलग-अलग जगह दूसरे के स्थान पर परीक्षा देनी थी। सभी के खिलाफ मुकदमा कायम कर गिरफ्तारी की गई है।

इनकी हुई गिरफ्तारी-

- गुलशन कुमार, निवासी देवंधा ओडैया गोड्डा झारखंड (साल्वर)

- पवन कुमार यादव, निवासी देवंधा ओडैया गोड्डा झारखंड (सरगना)

- अभिनव सिन्हा, निवासी घोसी जहानाबाद बिहार (साल्वर)

- मनीष कुमार यादव, निवासी नया गांव बौसी बांका बिहार (साल्वर)

- शुभम कुमार, निवासी देवंधा ओडैया गोड्डा झारखंड (साल्वर)

- विभूति प्रसाद, निवासी नया गांव बौसी बांका बिहार (साल्वर)

- राणा रंजन रवि, निवासी कढैया शोरबाजार सहरसा बिहार (साल्वर)

- रंजन कुमार, निवासी अमरपुर बांका बिहार (साल्वर)

- राहुल यादव, निवासी मंशा सोहवल गाजीपुर यूपी (गोरखपुर में लेखपाल)

- राधेश्याम वर्मा, निवासी बेलहरा बहरियाबाद गाजीपुर (गोरखपुर में लेखपाल)

- कमलेश मौर्या, निवासी भेड़ा लालगंज मीरजापुर (मेजा में लेखपाल)

- सर्वेश कुमार भट्ट, निवासी रुद्रपुर खजनी गोरखपुर (लेखपाल का ड्राइवर)

- युगल किशोर भगत, निवासी देवंधा ओडैया गोड्डा झारखंड (सरगना का साथी)

- विजय बहादुर सरोज, निवासी मीठीपारा सिकरारा जौनपुर (साल्वर)

ये हैं अभी फरार-

- जयदीप मौर्या, निवासी राजापुर रतावल मांडा प्रयागराज (पैसा एकत्र करने वाला)

- मुन्ना, निवासी मुसलमपुरहाट सुल्तानगंज पटना बिहार (साइबर कैफे संचालक)

- अवधेश, निवासी परावा नोनहरा गाजीपुर (सरगना का साथी)


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