नकली नोटों के सौदागर को केरल में दबोचा यूपी एसटीएफ ने, एक लाख रुपये का है इनामी
दीपक करीब 14 साल से भारतीय जाली मुद्रा की सप्लाई उत्तर प्रदेश बिहार दिल्ली समेत कई राज्यों में कर रहा था। शुरुआत में वह अपने पड़ोसी गांव के लट्ट शेख से नकली नोट लेकर तस्करी के जरिए यूपी समेत अन्य राज्यों में पहुंचाता था।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। नकली नोट के जरिए भारतीय अर्थव्यवस्था को खोखला करने वाला मास्टरमाइंड दीपक मंडल आखिरकार गिरफ्तार हो गया है। वह नकली नोट की सप्लाई करने वाले गिरोह का सरगना था। उस पर एक लाख रुपये का इनाम था। स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) की टीम ने केरल के त्रिवेंद्रम स्थित गांधी पार्क के पास छापेमारी कर दीपक को दबोचा। उसके पास मोबाइल, आधार कार्ड और नकदी बरामद किया गया है। अभियुक्त कीडगंज थाने से वांटेड था और गिरफ्तारी के बाद उसे यहीं दाखिल किया गया है।
पहले दूसरे से खरीदता था, फिर खुद बन गया तस्कर
एसटीएफ सीओ नवेंदु कुमार का कहना है कि दीपक मंडल पुत्र काशीराम पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के वैष्णव नगर थाना क्षेत्र स्थित जयनपुर गांव का निवासी है। वह करीब 14 साल से भारतीय जाली मुद्रा की सप्लाई उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली समेत कई राज्यों में कर रहा था। शुरुआत में वह अपने पड़ोसी गांव के लट्ट शेख से नकली नोट लेकर तस्करी के जरिए यूपी समेत अन्य राज्यों में पहुंचाता था। मगर बाद में वह खुद नाव से नदी पार कर बांग्लादेश जाता और नकली नोट लेकर आने लगा। दो माह पहले इसी गैंग के सदस्य नवाबगंज निवासी 50 हजार के इनामी रामू साहू को कीडगंज थाना क्षेत्र में गिरफ्तार करते हुए नकली नोट बरामद की गई थी। उसने बताया था कि दीपक से 50 हजार रुपये के असली नोट के बदले एक लाख के नकली नोट लाकर सप्लाई करता था। फिर उसी के बयान के आधार पर दीपक को उस मुकदमे में वांटेड किया गया था। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह पश्चिम बंगाल से केरल भाग गया था, जहां टीम भेजकर उसे पकड़ा गया।
दिल्ली की स्पेशल सेल ने किया था गिरफ्तार
सीओ ने बताया कि दीपक बहुत शातिर है। उसे दिल्ली में स्पेशल सेल ने 2017 में साढ़े पांच लाख और 2018 में साढ़े सात लाख रुपये की नकली नोट के साथ गिरफ्तार कर तिहाड़ जेल भेजा था। मगर जमानत पर छूटने के बाद फिर से वही काम करने लगा। इससे पहले 2013 में दीपक को शिवकुटी से पौने तीन लाख रुपये के नकली नोट के साथ पकड़ा गया था। नैनी जेल में पहले से बंद रामू साहू की मुलाकात हुई थी, जिसके बाद वह भी इसी काम में जुड़ गया था।