यूपी पुलिस-पीएसी भर्ती 2018: OBC अभ्यर्थियों को आयुसीमा की छूट के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका
इलाहाबाद हाई कोर्ट में पुलिस-पीएसी भर्ती-2018 में अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच साल की छूट देने की मांग के लिए याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है। अब सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी।
प्रयागराज, जेएनएन। इलाहाबाद हाई कोर्ट में पुलिस-पीएसी भर्ती-2018 में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच साल की छूट देने की मांग के लिए याचिका दाखिल की गई है। याचिका पर कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के अधिवक्ता से जानकारी मांगी है। अब सुनवाई पांच अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल ने हरिहर प्रसाद निषाद की याचिका पर दिया है। वहीं, हाई कोर्ट ने पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती में खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दाखिल एक अन्य याचिका पर भी प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में दाखिल याचिका पर अधिवक्ता डीसी द्विवेदी ने बहस की। याची का कहना है कि 26 नवंबर 2018 को पुलिस भर्ती बोर्ड ने पुलिस भर्ती निकाली थी। इसमें अर्हता आयु एक जुलाई 2018 को 22 वर्ष तय की गयी थी। सुप्रीम कोर्ट ने राजेंद्र सिंह केस में पुरुष अभ्यर्थियों को आय सीमा में एक वर्ष की छूट दी है। क्षैतिज आरक्षण नियमों के तहत पिछड़ा वर्ग अभ्यर्थियों को आयु सीमा में पांच साल की छूट रहेगी। याची सुप्रीम कोर्ट व पिछड़ा वर्ग को मिलाकर छह साल की छूट पाने का हकदार है। भर्ती के समय याची की आयु 28 साल थी। आयु सीमा में छूट देकर उसे भी आवेदन भरने की अनुमति दी जानी चाहिए। लेकिन, बोर्ड ने उसे अयोग्य घोषित कर दिया है।
पुलिस विभाग में कंप्यूटर आपरेटरों के खाली पदों पर जवाब तलब : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पुलिस विभाग में कंप्यूटर ऑपरेटरों की भर्ती में खाली पदों को भरने की मांग को लेकर दाखिल एक अन्य याचिका पर प्रदेश सरकार से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति अश्वनी कुमार मिश्र ने आशीष कुमार व अन्य की याचिका पर दिया है। याचियों का कहना है कि 34 अभ्यर्थियों के कार्यभार ग्रहण न करने से पद खाली हैं। उन पदों को प्रतीक्षा सूची के अभ्यर्थियों से भरा जाए। याचिका पर अधिवक्ता मुजीब अहमद सिद्दीकी ने बहस की। याची ओबीसी व एससी वर्ग के हैं। पुलिस भर्ती बोर्ड ने 2017 में कंप्यूटर ऑपरेटर की भर्ती का विज्ञापन जारी हुआ था। याचीगण उसकी लिखित परीक्षा व कंप्यूटर टाइपिंग टेस्ट में सफल रहे। लेकिन, उनका नाम सफल अभ्यर्थियों की अंतिम चयन सूची में नहीं आ पाया। बाद में पता चला कि लिखित परीक्षा का परिणाम घोषित होने के बाद मेडिकल टेस्ट में कई अभ्यर्थी शामिल नहीं हुए। उन्होंने अपना पदभार भी ग्रहण नहीं किया।