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उत्तर प्रदेश पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा 17 मार्च 2018 से

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग सत्र को पटरी पर लाने की तैयारी में लगा है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आज नए साल का परीक्षा कैलेंडर जारी किया।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Thu, 14 Dec 2017 03:09 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 01:31 PM (IST)
उत्तर प्रदेश पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा 17 मार्च 2018 से
उत्तर प्रदेश पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा 17 मार्च 2018 से

इलाहाबाद (जेएनएन)। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने नये वर्ष की अपनी तैयारी कर ली है। आयोग मार्च 2018 में पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा का आयोजन करेगा। 

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उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आखिरकार 2018 में होने वाली परीक्षाओं का कैलेंडर जारी कर दिया है। पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा 17 मार्च 2018 से होगी। वहीं, पीसीएस 2018 की परीक्षा 24 जून को कराने की तैयारी है। प्रतियोगी लगातार पीसीएस की मुख्य परीक्षा को लेकर नजरें गड़ाए थे।

आयोग के परीक्षा कैलेंडर को लेकर लंबे समय से उहापोह का माहौल का रहा है। आम तौर पर परीक्षा कैलेंडर अक्टूबर व नवंबर माह में ही जारी होता रहा है लेकिन, इस बार काफी देर से यह जारी हुआ है। आयोग के सचिव जगदीश ने कैलेंडर जारी करते हुए बताया कि पहली परीक्षा अपर निजी सचिव (कंप्यूटर ज्ञान) 2013 का इम्तिहान 11 फरवरी को होगा। प्रवक्ता राजकीय इंटर कालेज (स्क्रीनिंग) 2017 परीक्षा 25 फरवरी को, सहायक सांख्यिकीय (स्क्रीनिंग) 2014 परीक्षा 11 मार्च को, समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी प्रारंभिक 2017 परीक्षा आठ अप्रैल को, संभागीय निरीक्षक 2018 परीक्षा 15 अप्रैल को, सहायक अध्यापक (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) पुरुष संवर्ग व सहायक अध्यापिका (प्रशिक्षित स्नातक श्रेणी) महिला संवर्ग 2018 परीक्षा छह मई को, उप्र न्यायिक सेवा सिविल जज (जूनियर डिवीजन) प्रारंभिक 2018 परीक्षा 13 मई को होगा। सचिव ने बताया कि पीसीएस जे 2018 का अधियाचन यदि आयोग को 15 जनवरी तक मिलता है, तभी परीक्षा समय पर हो सकेगी। 

सचिव ने बताया कि सहायक वन संरक्षक व वन क्षेत्राधिकारी मुख्य 2017 परीक्षा 20 मई को, अपर निजी सचिव 2018 परीक्षा 10 जून होगी। उन्होंने बताया कि घोषित सभी परीक्षाओं की तारीखें निश्चित हैं, विशेष परिस्थितियों में ही तारीखों में बदलाव होगा। 

जनवरी खाली, जून के बाद भी कोई इम्तिहान नहीं

आयोग के कैलेंडर में नए साल के जनवरी माह में कोई परीक्षा आयोजित नहीं हो रही है और जून माह में पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा के बाद अन्य परीक्षाओं का कार्यक्रम घोषित नहीं हुआ है। इससे सभी हैरान हैं। 

एपीओ 2018 की परीक्षा भी नहीं 

आयोग में लोअर पीसीएस के नाम से मशहूर सहायक अभियोजन अधिकारी यानी एपीओ की परीक्षा 2018 में भी प्रस्तावित नहीं है। 2015 में 372 पदों के बाद से अब तक का सेशन शून्य है। 2016 व 2017 में कोई भर्ती नहीं हुई है। इसी तरह का हाल पीसीएस जे का भी है। पीसीएस जे 2017 का सेशन खाली गया है। इसके लिए नए सिरे से शासन से अनुरोध करने की तैयारी है। 

दो राज्यों की परीक्षाएं टकराई

आयोग ने पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा 24 जून को कराने का कार्यक्रम जारी किया है। वहीं, छत्तीसगढ़ पीसीएस का मेंस की परीक्षा भी 22, 23, 24 व 25 जून को ही है। इसके पहले भी तमाम बार परीक्षा कार्यक्रम टकरा चुके हैं। प्रतियोगियों का कहना है कि परीक्षा कैलेंडर जारी होने से पहले वार्षिक बैठकें किस बात के लिए होती हैं। यूपी के आयोग ने अन्य आयोगों का कैलेंडर देखे बगैर कार्यक्रम जारी किया है।

उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग सत्र को पटरी पर लाने की तैयारी में लगा है। उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग ने आज नए साल का परीक्षा कैलेंडर जारी किया। इसके तहत पीसीएस 2017 की मुख्य परीक्षा 17  मार्च 2018 से होगी। इसके साथ ही पीसीएस 2018 की प्रारंभिक परीक्षा का कार्यक्रम भी तय कर लिया गया है। यह परीक्षा 24 जून 2018 को होगी। 

आईएएस पैटर्न पर होगी पीसीएस मुख्य परीक्षा

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) अब पीसीएस की मुख्य परीक्षा को भी संघ लोक सेवा आयोग की तर्ज पर कराने की तैयारी में जुट गया है। इसे वर्ष 2018 में लागू किए जाने की योजना है। आयोग के सचिव के अनुसार वर्ष 2018 से इसे लागू किए जाने की योजना है। आयोग का मानना है कि पीसीएस मुख्य परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा की तर्ज पर कराई जाए।

प्रस्ताव बनाया गया है कि पीसीएस की मुख्य परीक्षा में भी सामान्य अध्ययन के 4 पेपर शामिल किए जाएं और सभी की लिखित परीक्षा हो, जैसा कि आईएएस की मुख्य परीक्षा में होता है। इसके अलावा दो वैकल्पिक विषयों की जगह एक विकल्प की व्यवस्था लागू की जाए। वहीं 150-150 नंबर के सामान्य हिंदी एवं निबंध के पेपर को पहले की तरह बरकरार रखा जाए। नए पैटर्न में सामान्य अध्ययन का हर पेपर 200-200 यानी कुल 800 नंबर का होगा। मौजूद व्यवस्था की बात करें तो अभी कुल 400 अंक के सामान्य अध्ययन के 2 पेपर आते हैं। इसके अलावा नई व्यवस्था में वैकल्पिक विषय के कुल 400 अंक रह जाएंगे, जबकि अभी कुल 800 अंक के दो वैकल्पिक विषय होते हैं।


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