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UP Panchayat Chunav 2021: प्रयागराज जिले के उरुवा और मेजा में 'नारी शक्ति' का लहराएगा परचम

उरुवा ब्लाक चौरासी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इसलिए यहां के प्रमुख का अलग ही स्थान रहता है। यही कारण है कि ब्लाक प्रमुख पद को लेकर रस्साकशी होती है। उरुवा ब्लाक बनने के बाद शुरुआत में राम स्वरूप उर्फ बबऊ पांडेय का यहां पर एक क्षत्र राज रहा।

By Rajneesh MishraEdited By: Published: Sat, 27 Mar 2021 03:45 PM (IST)Updated: Sat, 27 Mar 2021 03:45 PM (IST)
UP Panchayat Chunav 2021: प्रयागराज जिले के उरुवा और मेजा में 'नारी शक्ति' का लहराएगा परचम
उरुवा ब्लाक और मेजा ब्लाक प्रमुख की सीट पर नारी शक्ति ही गौरव बढ़ाएगी।

 प्रयागराज, जेएनएन। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद होली से पहले ही चुनावी रंग चढ़ गया है। आचार संहिता लागू होने से राज्य निर्वाचन आयोग की जहां पाबंदियां लग गई हैं, वहीं चुनाव में आरक्षण की तस्वीर बिल्कुल स्पष्ट होने से दावेदारी को लेकर अटकलों पर भी विराम लग गया है। संभावित दावेदार पूरी तैयारी के साथ चुनाव दंगल में कूद गए हैं। ब्लाक प्रमुख, जिला पंचायत सदस्य, ग्राम प्रधान और बीडीसी के लिए दावेदारों ने ताल ठोंक दी है। अब एक-एक दिन दावेदारों के लिए महत्वपूर्ण हो गया है। क्योंकि प्रयागराज में पहले चरण में यानि 15 अप्रैल को ही चुनाव होना है। दावेदारों के पास कुल 18 दिन ही चुनाव प्रचार के लिए हैं। इसलिए सभी दावेदार अपना भविष्य चमकाने में पूरी शिददत से जुट गए हैं।पंचायत चुनाव आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के बाद स्पष्ट हो गया है कि इस बार उरुवा ब्लाक और मेजा ब्लाक प्रमुख की सीट का नारी शक्ति ही गौरव बढ़ाएगी।

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नए  संग पुराने चेहरे भी मैदान में

उरुवा ब्लाक चौरासी क्षेत्र से जुड़ा हुआ है। इसलिए यहां के प्रमुख का अलग ही स्थान रहता है। यही कारण है कि ब्लाक प्रमुख पद को लेकर रस्साकशी होती है। उरुवा ब्लाक बनने के बाद शुरुआत में राम स्वरूप उर्फ बबऊ पांडेय का यहां पर एक क्षत्र राज रहा। लगातार 24 साल तकप्रमुख पद पर उनका कब्जा रहा। इसके बाद औंता गांव की गायत्री मिश्रा पत्नी सुरेश कुमार मिश्र ने पहली बार महिला शक्ति को वहां पर काबिज किया। पांच साल बाद बबऊ पांडेय की पुत्र वधु और पूर्व विधायक आनंद कुमार उर्फ कलेक्टर पांडेय की पत्नी अजय कुमारी पांडेय प्रमुख बनीं। उन्होंने जीत हासिल कर अपने घर का गौरव लौटाया। उसके बाद एससी सीट हो जाने के बाद वर्ष 2005 से 2010 तक नंदलाल भारती व सरस सोनकर ब्लाक प्रमुख रहे। सामान्य महिला सीट होने पर 2010 से 2015 कर आरती गौतम पत्नी प्रदीप कुमार उर्फ पप्पू गौतम ब्लाक प्रमुख रहीं। 2015 में सीट ओबीसी होने पर महेशराज यादव ब्लाक प्रमुख बने। मगर अविश्वास प्रस्ताव के बाद जगत बहादुर पटेल ने अपना कार्यकाल पूरा किया।

अब यह सीट महिला सामान्य हो गई है। चुनाव मैदान में कई पुराने दावेदार हैं तो कुछ नए चेहरे भी जोर आजमाइश में लगे हैं। देखना यह होगा कि इस बार प्रमुख की कुर्सी पर किसका कब्जा रहता है क्योंकि सभी संभावित दावेदारों ने शुक्रवार से चुनाव प्रचार में पूरी मेहनत लगा दी है।

मेजा में होगी कांटे की टक्‍कर

इसी तरह मेजा ब्लाक प्रमुख के लिए भी रोमांचक मुकाबला होगा। पुराने चुनावों पर नजर डालें तो यहां की सीट पर कब्जा जमाने के लिए खूब पसीना बहाना पड़ा है। वर्ष 1971 तक राम कृपाल उपाध्याय मेजा ब्लाक प्रमुख रहे। इनके बाद त्रिवेणी प्रसाद दुबे चार पंचवर्षीय योजना यानि 1995 तक प्रमुख रहे। वर्ष 1995 से लेकर 2005 तक बब्बू निषाद और 2005 से 2010 तक प्रेम शंकर शुक्ल (मुन्नन शुक्ला) ब्लाक प्रमुख रहे। इसके बाद 2010 से लेकर 2015 तक जंगीलाल गुप्ता, बृजेश यादव प्रमुख रहे। एससी सीट होने के बाद 2015 से अब तक रिटायर्ड एसडीएम श्यामाचरण की पत्नी रंजना देवी व पूर्व विधायक राजबली जैसल की पत्नी राजकुमारी देवी प्रमुख रहीं। इस बार मेजा ब्लाक प्रमुख का पद भी सामान्य महिला के लिए आरक्षित है। ऐसे में यहां भी पुराने दावेदारों के साथ ही कुछ नए दावेदारों ने रस्साकशी शुरू कर दी है।


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