UP Panchayat Chunav 2021: आरक्षण सूची से दावेदारों के गुणा-गणित हुए फेल, कई के लटके चेहरे
UP Panchayat Chunav 2021 सबसे ज्यादा हताश वह सामान्य दावेवार हुए जो वर्तमान प्रधान क्षेत्र पंचायत सदस्य याफिर जिला पंचायत के पदों पर बैठे थे। ऐसे में पहली बार की जारी आरक्षण सूची के मुताबिक उन्होंने अपने-अपने समर्थित ओबोसी दावेवारों को तैयार कर लिया था।
प्रयागराज, जेएनएन। पेड़ से गिरे तो खजूर पर लटके। यह कहावत यूपी के पंचायत चुनाव में चरितार्थ हो रही है। रविवार की देर रात त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की नई आरक्षण सूची जारी कर दी गई है। इस आरक्षण सूची ने उम्मीदवारों के सारे गुणा-गणित को फेल कर दिया। पहली बार जारी हुई सूची में जहां कई इलाकों में सामान्य की जगह ओबीसी सीटें हो गईं थी, वहीं अब यह बदल गई है।
चाय की दुकानों पर उनके नाम की बम-बम होने लगी थी
खास बात यह है कि सबसे ज्यादा हताश वह सामान्य दावेवार हुए जो वर्तमान प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य या फिर जिला पंचायत के पदों पर बैठे थे। ऐसे में पहली बार की जारी आरक्षण सूची के मुताबिक उन्होंने अपने-अपने समर्थित ओबोसी दावेदारों को लड़ाने की तैयारी में थे। इलाके में बैनर, पोस्टर भी छप गए थे। चौराहों और चाय की दुकानों पर उनके नाम की बम-बम होने लगी थी।
भोज का भी होने लगा था आयोजन
मजे की बात यह हो जाती है कि कई दावेदारों ने तो जनवरी और फरवरी माह में बड़े स्तर में भोज का आयोजन भी करा दिया था। अपनी क्षमता से ज्यादा लोगों को निमंत्रण भी दिया था। ऐसे इलाके मेें अब सीट के ओबीसी होना और फिर एससी होना, उन्हें परेशानी में डाल दिया है। उनकी हालत अब पेड़ से गिरे तो खजूर पर लटके की तरह नजर आ रही है।
इनकी सुनिए, इन्हीं की जुबानी
एक ने तो यहां तक कह दिया कि मेरी पिता की फरवरी माह में स्वर्गवास हो गया था। तेरहवीं का न्योता भी इलाके में करना था। ऐसे में उसने पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए आठ गांव को निमंत्रण दिया, जिसमें करीब 10 से 11 लाख रुपये भी खर्च हो गए। पहली बार आरक्षण की घोषणा हुई तो सीट ओबीसी हो गई थी। निराशा तो हुई मगर दूसरे प्रत्याशी को तैयार कर लिया था। वहीं अब नई आरक्षण सूची में सीट एससी हो गई।