UP Panchayat Chunav 2021: आरक्षण की अंतिम सूची जारी, प्रयागराज में केवल पांच सीटों पर हुआ है बदलाव
UP Panchayat Chunav 2021 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की अनंतिम सूची 20 मार्च को जारी करने के बाद से उस पर आई आपत्तियों के निस्तारण का काम चल रहा था। गुरुवार की रात तक आपत्तियों के निस्तारण का काम पूरा कर लिया गया। शुक्रवार को अंतिम सूची जारी हुई।
जेएनएन, प्रयागराज। जिला पंचायत राज अधिकारी ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की अंतिम सूची जारी कर दी है। तीन दिन तक चली आपत्तियों के निस्तारण की प्रक्रिया में केवल पांच पंचायतों में ही बदलाव किया गया है जबकि अन्य सीटों पर पहले जैसी ही स्थिति है। यहां हम बता रहे हैं कि प्रयागराज में किन-किन ग्राम पंचायतों में बदलाव हुआ है।
आज सुबह आरक्षण की फाइनल सूची जारी
त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के आरक्षण की अनंतिम सूची 20 मार्च को जारी करने के बाद से उस पर आई आपत्तियों के निस्तारण का काम चल रहा था। गुरुवार की रात तक आपत्तियों के निस्तारण का काम पूरा कर लिया गया। शुक्रवार की सुबह ही जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने आपत्तियों का निस्तारण करते हुए आरक्षण की फाइनल सूची जारी कर दी है।
कुल 2346 आपत्तियां आईं थीं
जिला पंचायत राज अधिकारी रेनू श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार कुल 2346 आपत्तियां आईं थीं। इन आपत्तियों की जब जांच की गई तो केवल पांच ही सही पाई गई। इसके अलावा सारी आपत्तियां अतार्किक थी। आपत्ति करने वाले अपने मन मुताबिक आरक्षण चाह रहे थे, जबकि ऐसा नहीं हो सकता है। सरकार ने आरक्षण के लिए जो गाइडलाइन बना रखी है, उसी के अनुसार आरक्षण किया गया है। लोगों के मन मुताबिक आरक्षण न मिलने पर वह तरह के आरोप लगा रहे थे।
जिले भर में ग्राम प्रधान की 1540 सीटें है
जिला पंचायत राज अधिकारी के अनुसार जिले भर में ग्राम प्रधान की 1540 सीटें हैं। इसमें अधिकतर सीटों पर आपत्ति आई थी। कुछ सीटों पर तो कई आपत्तियां थी। इन सबके बीच पांच लोगों ने ऐसी आपत्तियों की थी जो सही लगी फिर उनकी बात को मानते हुए उन सीटों पर बदलाव कर दिया गया है। इसी के साथ यह अंतिम सूची है और अभी उसी के आधार पर चुनाव होगा।
सामने आने लगे दावेदार
आरक्षण की अंतिम सूची जारी होने के साथ ही दावेदार सामने आने लगे हैं। जिनको चुनाव लड़ना है वह अपने कागजात कंप्लीट करवा लिए हैं। कुछ लोगों ने तो पोस्टर बैनर भी बनवा कर गांव में प्रचार शुरू कर दिया है। पंचायत चुनाव में सबसे अधिक विवाद होते हैं इसलिए गांव में पुलिस की सक्रियता बढ़ गई है।