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यूपी चुनाव 2022: सपा संरक्षक मुलाय‍म सिंह यादव को 1993 में हराने के लिए चली थी यह चाल

UP Election 2022 एजी आफिस कर्मचारी संघ ब्रदरहुड के पूर्व अध्‍यक्ष कृपाशंकर श्रीवास्‍तव बताते हैं कि 1993 के चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के विरोधियों ने उन्हें हराने के लिए तीन सीटों से मुलायम सिंह यादव नाम के निर्दलीय प्रत्याशी उतार दिया था।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:13 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:13 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022: सपा संरक्षक मुलाय‍म सिंह यादव को 1993 में हराने के लिए चली थी यह चाल
एजी आफिस कर्मचारी संघ ब्रदरहुड के पूर्व अध्‍यक्ष ने 1993 के चुनाव के संबंध में रोचक जानकारी दी।

प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में इतिहास के झरोखे पर भी नजर दौड़ा लें। चुनाव में जीत के लिए नेता हर हथकंडा अपनाते हैं। इसके लिए मिलते-जुलते नाम के प्रत्याशी भी खड़े किए जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ था 1993 के चुनाव में। इस चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पराजित करने के लिए विरोधियों ने चाल चली थी। हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो सके थे।

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मुलायम सिंह यादव के नाम के निर्दलीय प्रत्‍याशी उतारे थे

एजी आफिस कर्मचारी संघ ब्रदरहुड के पूर्व अध्‍यक्ष कृपाशंकर श्रीवास्‍तव बताते हैं कि 1993 के चुनाव में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव तीन विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे थे। जसवंतनगर, शिकोहाबाद और एटा जिले की निधौली कला से नामांकन किया था। मुलायम के विरोधियों ने उन्हें हराने के लिए उपरोक्त तीनों सीटों से मुलायम सिंह यादव नाम के निर्दलीय प्रत्याशी उतार दिया था।

असली बनाम नकली की भरमार

इसके साथ विरोधियों ने असली बनाम नकली के नारों की भरमार कर दिया। ऐसी स्थिति में सपा नेता का प्रचार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सपा नेता के समर्थक जनता के बीच जाकर उनसे कहते थे कि असली को पहचानो नकली को कूड़ेदान में फेंको। इसका जनता के बीच काफी प्रभाव हुआ। तीनों सीटों से निर्दलीय मुलायम सिंह यादवों की जमानत जब्त हो गयी और सपा नेता जीत गए।

वोट से बदलेगा सामाजिक स्वरूप

सूबे की सत्ता हासिल करने के लिए राजनीतिक दलों की सक्रियता बढ़ गई है। वादों का पिटारा खुल चुका है। लोकतंत्र के इस महापर्व में जनता ही जनार्दन है। हर मतदाता की जिम्मेदारी अधिक है। चुनाव प्रदेश का कायाकल्प करने का अवसर लेकर आया है। एकाउंट एवं कर विशेषज्ञ नागेंद्र सिंह कहते हैं कि यह जानना होगा कि आपके एक वोट में सामाजिक स्वरूप बदलने की ताकत है। वोट ही वह हथियार है जिससे प्रदेश की तकदीर बदली जा सकती है। हर व्यक्ति को मतदान करना चाहिए। वोट जाति-धर्म व दल के आधार पर नहीं डालना चाहिए। मतदान करते समय प्रदेश व अपने क्षेत्र के विकास की चिंता करनी चाहिए। जो प्रत्याशी ईमानदार, संघर्षशील व जनहित के लिए समर्पित हो उसे ही वोट देना चाहिए। कोरोना संक्रमण को देखते हुए मास्क लगाकर पोङ्क्षलग बूथ पर जाकर वोट करने को तैयार रहें।


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