यूपी चुनाव 2022: सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को 1993 में हराने के लिए चली थी यह चाल
UP Election 2022 एजी आफिस कर्मचारी संघ ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष कृपाशंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि 1993 के चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के विरोधियों ने उन्हें हराने के लिए तीन सीटों से मुलायम सिंह यादव नाम के निर्दलीय प्रत्याशी उतार दिया था।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव 2022 का दौर शुरू हो चुका है। ऐसे में इतिहास के झरोखे पर भी नजर दौड़ा लें। चुनाव में जीत के लिए नेता हर हथकंडा अपनाते हैं। इसके लिए मिलते-जुलते नाम के प्रत्याशी भी खड़े किए जाते हैं। कुछ ऐसा ही हुआ था 1993 के चुनाव में। इस चुनाव में सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव को पराजित करने के लिए विरोधियों ने चाल चली थी। हालांकि वे इसमें सफल नहीं हो सके थे।
मुलायम सिंह यादव के नाम के निर्दलीय प्रत्याशी उतारे थे
एजी आफिस कर्मचारी संघ ब्रदरहुड के पूर्व अध्यक्ष कृपाशंकर श्रीवास्तव बताते हैं कि 1993 के चुनाव में सपा के संरक्षक मुलायम सिंह यादव तीन विधानसभा क्षेत्रों से चुनाव लड़ रहे थे। जसवंतनगर, शिकोहाबाद और एटा जिले की निधौली कला से नामांकन किया था। मुलायम के विरोधियों ने उन्हें हराने के लिए उपरोक्त तीनों सीटों से मुलायम सिंह यादव नाम के निर्दलीय प्रत्याशी उतार दिया था।
असली बनाम नकली की भरमार
इसके साथ विरोधियों ने असली बनाम नकली के नारों की भरमार कर दिया। ऐसी स्थिति में सपा नेता का प्रचार करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। सपा नेता के समर्थक जनता के बीच जाकर उनसे कहते थे कि असली को पहचानो नकली को कूड़ेदान में फेंको। इसका जनता के बीच काफी प्रभाव हुआ। तीनों सीटों से निर्दलीय मुलायम सिंह यादवों की जमानत जब्त हो गयी और सपा नेता जीत गए।
वोट से बदलेगा सामाजिक स्वरूप
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