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UP Election 2022: प्रयागराज, प्रतापगढ़़ व कौशांबी में वीआइपी सीटों पर है चुनावी तिलिस्म

UP Election 2022 प्रयागराज की शहर दक्षिणी शहर पश्चिमी और करछना विधान सभा सीट के साथ कौशांबी की सिराथू और प्रतापगढ़ की पट्टी कुंडा व रामपुर खास सीट वीआइपी है। इन सीटों पर कौन हारेगा और कौन जीतेगा इसके सियासी निहितार्थ भी जरूर निकाले जाएंगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Fri, 28 Jan 2022 11:46 AM (IST)Updated: Fri, 28 Jan 2022 01:08 PM (IST)
UP Election 2022: प्रयागराज, प्रतापगढ़़ व कौशांबी में वीआइपी सीटों पर है चुनावी तिलिस्म
UP Vidhan Sabha Chunav प्रयागराज मंडल में कुल सात वीआइपी सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजर टिकी है।

प्रयागराज, [अमलेंदु त्रिपाठी]। सियासत में कौन का मुद्दा कब तूल पकड़ ले और मतदाताओं का रुख कब बदल जाए, कहना कठिन है। इस अनिश्चितता के बीच वीआइपी मानी जाने वाली सीटों की भी अलग चमक होती है। तमाम लोगों की नजरें उन पर टिकी रहती हैं। वजह यह की उनके साथ पार्टी की साख भी जुड़ी रहती है। इस बार के विधान सभा चुनाव में प्रयागराज मंडल में कुल सात सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की नजर है।

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ये हैं वीआइपी सीट, जिन पर सभी की है निगाह

प्रयागराज की शहर दक्षिणी, शहर पश्चिमी और करछना विधान सभा सीट के साथ कौशांबी की सिराथू और प्रतापगढ़ की पट्टी, कुंडा व रामपुर खास सीट वीआइपी है। इन सीटों पर कौन हारेगा और कौन जीतेगा, इसके सियासी निहितार्थ भी जरूर निकाले जाएंगे। प्रस्तुत है इन सीटों के लेखा जोखा की रिपोर्ट।

भाजपा की बयार में भी सपा के खाते में गई सीट

करछना विधान सभा सीट पर लंबे समय तक कुंवर रेवती रमण सिंह का कब्जा रहा है। वह आठ बार यहां से विधायक बने। उसके बाद उनके पुत्र उज्‍जवल रमण सिंह दो बार यहीं से विधायक बने। हालांकि उन्हें दो बार हार का भी सामना करना पड़ा। 2007 के चुनाव में आनंद पांडेय ने यहां परचम लहराया था। उन्हें 62118 मत मिले थे दूसरे स्थान पर रहे उज्‍जवल रमण सिंह को 61773 मतों से संतोष करना पड़ा था। 2012 में इस सीट पर भाजपा उम्मीदवार दीपक पटेल ने जीत दर्ज की। उन्हें 68341 वोट मिले थे। इस बार भी सपा से मैदान में उतरे उज्‍जवल रमण सिंह दूसरे स्थान पर ही रहे। उन्हें 67937 मत प्राप्त हुए थे। 2017 में बाजी पलटी उज्‍जवल रमण सिंह 80806 वोट लेकर विजेता घोषित हुए। दूसरे स्थान पर बीजेपी के प्रत्याशी पीयूष रंजन निषाद रहे। उन्हें 65782 वोट से संतोष करना पड़ा था। इस बार भी कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। हालांकि अभी सभी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा नहीं हो सकी है।

मंत्रियों को बचानी है अपनी और पार्टी की प्रतिष्ठा

प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री व शहर दक्षिणी से विधायक बने नंद गोपाल गुप्त नंदी के समक्ष अपनी सीट बचाने की चुनौती है। 2017 के चुनाव में उन्होंने 93011 वोट हासिल कर सपा प्रत्याशी हाजी परवेज अहमद टंकी को शिकस्त दी थी। उन्हें मात्र 64424 वोट प्राप्त हुए थे। इससे पहले 2012 के चुनाव में सपा प्रत्याशी हाजी परवेज अहमद टंकी ने 43040 वोट प्राप्त कर बसपा से मैदान में उतरे नंद गोपाल गुप्त नंदी को हराया था। इस चुनाव में उन्हे 42626 मत मिले थे। 2007 के चुनाव में नंद गोपाल गुप्त नंदी 34939 वोट प्राप्त कर विजेता बने थे। वह बसपा के टिकट पर चुनाव लड़े थे। उन्होंने भाजपा के कद्दावर नेता पं. केशरीनाथ त्रिपाठी को मात दी थी। पं. कोशरीनाथ त्रिपाठी को 20129 वोट मिले थे।

शहर प‍श्चिमी सीट पर भाजपा के सिद्धार्थनाथ सिंह ने 2017 में दर्ज की थी जीत

प्रयागराज की शहर पश्चिमी सीट भी खास है। यहां 2017 में कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने जीत दर्ज की थी। उन्हें 85518 वोट मिले थे। दूसरे स्थान पर सपा प्रत्याशी ऋचा सिंह थीं, उन्हें 60182 वोट से संतोष करना पड़ा था। 2012 के चुनाव में यह सीट बीएसपी के खाते में गई थी। यहां से पूजा पाल ने 71114 वोट प्राप्त कर परचम लहराया था। उन्होंने अतीक अहमद को मात दी थी। 2007 के चुनाव में भी विजयश्री पूजा पाल के हाथ आई थी। इस बर उन्हें 56198 वोट मिले थे। प्रतिद्वंद्वी रहे खालिद अजीम उर्फ अशरफ को 45876 वोट से संतोष करना पड़ा था।

उप मुख्‍यमंत्री केशव मोर्य से कौशांबी की सिराथू विधान सभा सीट हुई खास

कौशांबी की सिराथू विधान सभा सीट भी इस बार खास है। यहां से भाजपा ने उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को मैदान में उतारा है। इस सीट पर 2017 में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे शीतला प्रसाद पटेल ने परचम लहराया था। उन्होंने सपा प्रत्याशी वाचस्पति को शिकस्त दी थी। 2012 में यहां से भाजपा के टिकट पर केशव प्रसाद मौर्य को विजयश्री मिली थी। उन्होंने बसपा उम्मीदवार आनंद मोहन पटेल को हराया था। 2007 के चुनाव में बसपा के टिकट पर मैदान में उतरे वाचस्पति ने सपा के मतेश सोनकर को हराया था।

प्रतापगढ़ में भी है अभेद्य किले

प्रतापगढ़ की कुंडा, रामपुर खास और पट्टी विधान सभा सीट वीआइपी कही जा सकती है। यहां की कुंडा सीट पर रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राज भैया लगातार जीतते आ रहे हैं। 2017 में उन्होंने भाजपा के जानकी शरण पांडेय को हराया था जबकि 2012 व 2007 में बसपा के शिव प्रसाद सेनानी को शिकस्त दी थी। इसी तरह रामपुर खास विधान सभा सीट पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी का दबदबा रहा है। यहां से 2017 में उनकी पुत्री आराधना मिश्र ने भाजपा के नागेंद्र प्रताप सिंह को हराया था। 2012 में प्रमोद तिवारी स्वयं मैदान में उतरे थे उन्होंने भाजपा के हीरामणि पटेल को हराया था। 2007 में भी वह विजेता बने थे। प्रतिद्वंद्वी सपा के विज्ञान सिंह रहे थे।

प्रतापगढ़ की पट्टी विस सीट पर 2017 में भाजपा काे मिली थी जीत

पट्टी विधान सभा सीट 2017 में भाजपा के खाते में आई थी। यहां से राजेंद्र सिंह मोती सिंह ने जीत दर्ज करते हुए सपा के राम सिंह को शिकस्त दी थी। 2012 में राम सिंह पटेल विजेत बने थे जब कि राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह उप विजेता रहे थे। 2007 में जीत का सेहरा राजेंद्र प्रताप सिंह मोती सिंह के सिर बंधा था। उन्होंने सपा प्रत्याशी बाल कुमार पटेल को हराया था। इस बार भी यह सीट खास मानी जा रही है।


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