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यूपी चुनाव 2022: इस चुनाव में युवा लुभावने वादों से नहीं पसीजेंगे, नेताओं के इरादों को जानेंगे

UP Election 2022 हर चुनाव में युवा राजनीतिक दलों के निशाने पर होते हैं। बेरोजगारी भत्ता देने भ्रष्टाचार मुक्त भर्तियां करवाने रोजगार देने के वादे जोर पकड़ते हैं। वादों के बयार में बहकर युवा वोट भी करते हैं लेकिन चुनावी शोर थमने के बाद युवा खुद को ठगा पाते हैं।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 03:23 PM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 03:23 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022: इस चुनाव में युवा लुभावने वादों से नहीं पसीजेंगे, नेताओं के इरादों को जानेंगे
UP Election 2022 युवाओं की नजर इस बार दलों के वादों से इतर इरादों पर टिकी है।

प्रयागराज, [शरद द्विवेदी]। याद करें कि वर्ष 1967 में रिलीज फिल्म उपकार का गीत 'कस्मे वादे प्यार वफा सब, बातें हैं बातों का क्या' लोकप्रियता के चरम पर पहुंचा था। हर कोई बरबस इसे गुनगुनाने लगता। यह गीत आज उन प्रतियोगियों पर चरितार्थ हो रहा है, जो अफसर बनने का सपना लेकर प्रयागराज में मोटी-मोटी किताबों के बीच जीवन व्यतीत कर रहे हैं। प्रतियोगियों की मांग निष्पक्ष, पारदर्शी व समयबद्ध तरीके से भर्ती कराने की है, लेकिन सत्ता में बैठे लोग इसे वादे को पूरा करने में विफल नजर आते हैं।

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चुनावी शोर थमने के बाद युवा खुद को ठगा पाते हैं

हर चुनाव में युवा राजनीतिक दलों के निशाने पर होते हैं। बेरोजगारी भत्ता देने, भ्रष्टाचार मुक्त भर्तियां करवाने, रोजगार देने के वादे जोर पकड़ते हैं। वादों के बयार में बहकर युवा वोट भी करते आए हैं, लेकिन चुनावी शोर थमने के बाद युवा खुद को ठगा पाते हैं। यही कारण है कि अबकी युवा लुभावने वादों से पसीजने वाले नहीं हैं। इनकी नजर नेताओं के इरादों पर है। इरादा जिसका नेक हुआ, युवाओं का वोट उसी को मिलेगा।

चुनाव में युवाओं की होती है निर्णायक भूमिका

प्रयागराज में पांच लाख से अधिक युवा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। इसमें 50 प्रतिशत संख्या पूर्वांचल के जिलों बलिया, गाजीपुर, देवरिया, गोरखपुर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, चंदौली आदि जिलों की होती है। करीब 70 प्रतिशत प्रतियोगियों की आयु 18 से 30 वर्ष के बीच है। चुनावी दृष्टि से देखें तो इसी आयु वर्ग के युवाओं की भूमिका निर्णायक रहती है। युवाओं का समर्थन मिले बिन देश हो अथवा प्रदेश की सत्ता में पहुंचने का ख्वाब पूरा नहीं होता। यही कारण है कि विधानसभा चुनाव का बिगुल बजते ही युवाओं को रोजगार देने के वादों की गूंज होने लगी है।

नेताओं के घोषणा पत्र का युवा कर रहे इंतजार

विपक्षी दल योगी सरकार की नाकामियों को गिनाते हुए युवाओं को रोजगार देने का वादा कर रहे हैं। वहीं, भाजपा के नेता अपनी खूबियों को बताते हुए युवाओं को लुभाने में जुटे हैं। इन सबसे युवा बेफिक्र होकर नेताओं के घोषणा पत्र का इंतजार कर रहे हैं। घोषणा पत्र में युवाओं के लिए क्या खास होगा? उसे देखकर वोट देने का मन बनाएंगे।

जिसका काम युवाओं के हित में होगा, उसी काे देंगे साथ : अवनीश

उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की भर्तियों में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज बुलंद करके सीबीआइ जांच कराने में अहम भूमिका निभाने वाले प्रतियोगी छात्र संघ समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय कहते हैं कि हमें न दल से मतलब है, न जाति व नेता से। प्रतियोगी सबके कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं, जिसका काम युवाओं के हित में होगा, वोट उसी को देंगे।


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