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यूपी चुनाव 2022: जानें प्रतापगढ़ में कब सत्ता की नाक बचाने उतर पड़ी थी मुख्‍यमंत्री और मंत्रियों की फौज

UP Election 2022 अतीत के चुनावों की चर्चा चली तो पीजी कालेज पट्टी के पूर्व प्राचार्य व पूर्व विदेश मंत्री राजा दिनेश सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे डा. गिरीश चंद्र शुक्ल यादों में खो गए। माथे पर जोर देने के बाद वह सिलसिलेवार चुनावी किस्से बताने लगे।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Sat, 15 Jan 2022 05:45 PM (IST)Updated: Sat, 15 Jan 2022 05:45 PM (IST)
यूपी चुनाव 2022: जानें प्रतापगढ़ में कब सत्ता की नाक बचाने उतर पड़ी थी मुख्‍यमंत्री और मंत्रियों की फौज
UP Election 2022 प्रतापगढ़ की पट्टी विधानसभा चुनाव के अतीत के झरोखे में जाने पर कई रोचक जानकारी मिलती है।

प्रयागराज, [डा. शकील अहमद]। प्रतापगढ़ जिले की पट्टी विधानसभा सीट के विधायक रहे वासुदेव सिंह के आकस्मिक निधन के बाद यहां वर्ष 1987 के मार्च महीने में उप चुनाव हुआ था। इस चुनाव में उभरती हुई बसपा के साथ ही सारे दलों ने अपनी प्रतिष्ठा दांव पर लगा दी थी। बसपा ने उस समय सत्ता में रही कांग्रेस को कड़ी चुनौती दी थी। फिलहाल कांग्रेस अपने तीरंदाजों को चुनाव प्रचार में उतारकर किसी तरह कड़े मुकाबले के बाद कांग्रेस प्रत्याशी राजा अजीत प्रताप को जिताकर सरकार की नाक बचाने में सफल रही थी।

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अतीत के चुनावों की चर्चा चली तो पीजी कालेज पट्टी के पूर्व प्राचार्य व पूर्व विदेश मंत्री राजा दिनेश सिंह के राजनीतिक सलाहकार रहे डा. गिरीश चंद्र शुक्ल यादों में खो गए। माथे पर जोर देने के बाद वह सिलसिलेवार चुनावी किस्से बताने लगे। बहुजन समाज पार्टी ने रामसमुझ, कम्युनिस्ट पार्टी ने आलोक भारती, भारतीय जनता पार्टी ने डा. रामबोध पांडेय, आइएनडी ने एसएस वर्मा, जनता दल ने जयराम यादव को प्रत्याशी बनाया था। कांशीराम के नेतृत्व में बसपा एक ताकतवर पार्टी के रूप में उभरी। चुनाव प्रचार के दौरान चैतू राम की नौटंकी से दलितों में जागरूकता फैलाने का काम किया गया। बसपा के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए सत्तारूढ़ कांग्रेस खेमे में चिंता दिखाई देने लगी थी।

कांग्रेस नेतृत्व ने प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वीर बहादुर सिंह को चुनाव प्रचार में उतार दिया था। उन्होंने 26 मार्च 1987 को उन्‍होंने नगर से सटे बीबीपुर वारडीह में हेलीकाप्टर से आकर कांग्रेस के लिए वोट मांगे थे। यही नहीं कांग्रेस ने तत्कालीन भारत सरकार के विदेश मंत्री रहे पंडित नारायण दत्त तिवारी, ग्राम विकास मंत्री श्याम सूरत उपाध्याय, ऊर्जा राज्य मंत्री प्रमोद तिवारी, होमगार्ड पेंशन एवं लोक निर्माण मंत्री पंडित राम नरेश शुक्ल, बिहार क्षेत्र के विधायक सरजू प्रसाद सरोज को नियमित रूप से चुनाव प्रचार में लगा दिया गया। प्रमोद तिवारी यहां पर कैंप करके युवाओं के साथ साइकिल से गांव-गांव भ्रमण कर रहे थे। कांग्रेस के तत्कालीन जिला अध्यक्ष प्रभाकर नाथ द्विवेदी, ब्लाक प्रमुख पट्टी लालमन ङ्क्षसह, वरिष्ठ कांग्रेसी पंडित नारायण पांडेय, लालमन दूबे, राज नारायण पांडेय समेत अन्य कांग्रेसी इस उपचुनाव में पूरी ताकत से लगे हुए थे। दूसरी तरफ बसपा उम्मीदवार के पक्ष में बसपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष कांशीराम आए थे।


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