UP Chunav 2022: जेल और जुर्माना से बचना है तो उम्मीदवार पंफलेट छपवाने पर यह रखें ध्यान
UP Vidhansabha Chunav News चुनाव प्रचार के लिए जो भी सामग्री प्रकाशित की जाएगी उसमें प्रकाशक का नाम पता और मोबाइल नंबर रहेगा। प्रचार सामग्री छापने के बाद उसकी जानकारी चुनाव कार्यालय को अगले 24 घंटे के अंदर मुहैया करानी होगी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। यूपी विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी के खर्च की सीमा बढ़ा दी गई। साथ ही उस पर निगरानी की तगड़ी व्यवस्था भी की गई है। चुनाव में कौन प्रत्याशी कितने पोस्टर, बैनर और होर्डिंग लगवाएगा, उस पर हुए खर्च काे वह छुपा नहीं पाएंगे। इस बार चुनावी पोस्टर, बैनर, होर्डिंग में प्रकाशक का नाम और नंबर भी लिखना होगा। साथ ही इसका हिसाब उन्हें चुनाव आयोग को देना होगा। इस पर हुआ खर्च प्रत्याशी के खर्च में जुड़ जाएगा। इसमें लापरवाही करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी हर्षदेव पांडेय ने बताया कि चुनाव प्रचार सामग्री के लिए प्रिंटर्स और पब्लिशर्स को प्रोफार्मा जारी कर दिया गया है। उसी के अनुसार उन्हें इसका प्रकाशन करना होगा। उन्होंने बताया कि इसके अनुसार जो नहीं छापेंगे, उनके खिलाफ चुनाव की धारा 127 (ए) के तहत कार्रवाई होगी। उल्लंघन करने पर जेल और जुर्माना भी हो सकता है। चुनाव प्रचार के लिए जो भी सामग्री प्रकाशित की जाएगी, उसमें प्रकाशक का नाम पता और मोबाइल नंबर रहेगा। प्रचार सामग्री छापने के बाद उसकी जानकारी चुनाव कार्यालय को अगले 24 घंटे के अंदर मुहैया करानी होगी।
चुनाव प्रचार सामग्री मौखिक नहीं छापी जा सकेगी
उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार सामग्री मौखिक नहीं छापी जाएगी। इसके लिए प्रकाशकों को प्रत्याशी या पार्टी की लिखित अनुमति लेनी होगी। अगर कोई प्रत्याशी किसी तरह का दबाव डाले तो पुलिस को सूचना पुलिस को दें। साथ ही चुनाव कंट्रोल रूप को भी सूचित करें। उन्होंने बताया कि प्रचार सामग्री छापते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि वह किसी धर्म, जाति, समाज या राजनीतिक दल के विरुद्ध न हो। उन्होंने कहा के चुनाव आचार संहिता का पालन कराने में प्रशासन की मदद करें।