UP Divas 2022: राज्य की पहचान में जानिए प्रयागराज के अहम योगदान, विधान मंडल की पहली बैठक हुई थी यहां
UP Divas 2022 बड़े से बड़े विवादित मामलों में न्यायिक फैसले से लेकर साहित्य सरस्वती की धारा बहाने की भी यहां परिपाटी रही है। इनमें सबसे अहम यह है कि प्रदेश में जनसुविधाओं की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरुआत भी आठ जनवरी 1887 को यहीं से हुई थी।
प्रयागराज, जागरण संवाददाता। उत्तर प्रदेश को देश भर में अगर पहचान मिली है तो इसमें प्रयागराज (पूववर्ती इलाहाबाद) का भी बड़ा योगदान है। प्रदेश में विकास की जड़ें मजबूत करने की बात हो या फिर विकास कार्यों की बेहतर योजनाएं कागज पर उतारने वाले अफसरों की शिल्पकारी की बात, प्रयागराज इसमें हमेशा अग्रणी रहा है।
बड़े न्यायिक फैसले और लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरूआत
बड़े से बड़े विवादित मामलों में न्यायिक फैसले से लेकर साहित्य, सरस्वती की धारा बहाने की भी यहां परिपाटी रही है। इनमें सबसे अहम यह है कि प्रदेश में जनसुविधाओं की लोकतांत्रिक प्रक्रिया की शुरुआत भी आठ जनवरी 1887 को यहीं से हुई थी। राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी के पुस्तकालय अध्यक्ष डा. गोपाल मोहन शुक्ला कहते हैं कि प्रदेश में पहली बार विधान मंडल की बैठक कराने का श्रेय प्रयागराज (पूववर्ती इलाहाबाद) को है।
नार्थ वेस्टर्न प्राविंसेज एंड अवध लेजिस्लेटिव कौंसिल की पहली बैठक आठ जनवरी 1887 को जहां हुई थी वही अब राजकीय पब्लिक लाइब्रेरी भवन कहा जाता है। कभी यह सरकारी विभागों के सबसे ज्यादा मुख्यालयों वाला शहर था और यहीं पर इलाहाबाद हाईकोर्ट होने का सौभाग्य है जो देश का सबसे बड़ा हाईकोर्ट है। यूपी को पहचान देने में प्रयागराज का इसलिए भी बड़ा योगदान है क्योंकि साहित्य और सियासत के क्षेत्र में तमाम नामी गिरामी लोगों ने इसे ही अपनी कर्मभूमि बनाया। महाकुंंभ का वैभवशाली आयोजन जिसमें दुनिया भर के लोग आकर्षित होकर खिंचे चले आते हैं और फिर धर्म की गंगा हो या फिर दान का अनूठा आयोजन, यह शहर उत्तर प्रदेश की धुरी बन जाता है।
चित्र प्रदर्शनी आज
शहीद चंद्रशेखर आजाद पार्क में उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर क्षेत्रीय अभिलेखागार और जिला प्रशासन की ओर से अभिलेख एवं चित्र प्रदर्शनी का आयोजन करेगा। इसमें उत्तर प्रदेश में प्रयागराज के महत्व पर प्रदर्शनी होगी। साथ ही स्वतंत्रता संग्राम में जनपद प्रयागराज के योगदान पर आधारित विशेष सामग्री प्रदर्शित की जाएगी। यह जानकारी पांडुलिपि अधिकारी और प्रभारी क्षेत्रीय अभिलेखागार गुलाम सरवर ने दी है।