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UP Council School: ई-पाठशाला को मजबूत बनाने का हो रहा प्रयास, शिक्षकों का साथ दे रहे ग्रामीण

UP Council School बैठक में शासन की ओर से जारी ई-पाठशाला संबंधी दिशा निर्देशों की जानकारी दी गई। बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए दूरदर्शन व यू-ट्यूब चैनल से भी शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। इसे अनिवार्य रूप से बच्चों को दिखाया जाए।

By Brijesh SrivastavaEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 11:20 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:20 AM (IST)
UP Council School: ई-पाठशाला को मजबूत बनाने का हो रहा प्रयास, शिक्षकों का साथ दे रहे ग्रामीण
परिषदीय स्‍कूलों में आनलाइन पढ़ाई को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

प्रयागराज, जेएनएन। यूपी के परिषदीय स्कूलों के विद्यार्थियों की ऑनलाइन पढ़ाई को प्रभावी बनाने के लिए स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने अपने स्तर पर प्रयास तेज कर दिए हैं। इसी कड़ी में पूर्व माध्यमिक विद्यालय अंदावा की प्रधानाध्यापिका व स्टेट रिसोर्स ग्रुप (एसआरजी) वंदना श्रीवास्तव ने गूगल मीट के जरिए विद्यालय के आसपास रहने वाले व विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ बैठक की।

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दूरदर्शन व यू-ट्यूब चैनेल पर भी शैक्षणिक कार्यक्रमों का प्रसारण

बैठक में शासन की ओर से जारी ई-पाठशाला संबंधी दिशा निर्देशों की जानकारी दी गई। बताया कि विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए दूरदर्शन व यू-ट्यूब चैनल से भी शैक्षणिक कार्यक्रम प्रसारित हो रहे हैं। इसे अनिवार्य रूप से बच्चों को दिखाया जाए। प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड शैक्षणिक सामग्री को भी प्रयोग में लाएं जिससे बच्चों की पढ़ाई चलती रहे। इसके बाद भी यदि किसी तरह की कठिनाई हो तो विद्यालय के शिक्षकों से फोन पर संपर्क जरूर करें। आग्रह किया गया कि अभिभावक भी बच्चों की पढ़ाई में रुचि लें। क्या शैक्षिक सामग्री उन्हें मिल रही है और क्या नहीं मिल रही उसका भी ध्यान रखें।

चयनित किए गए प्रेरणा साथी

ई-पाठशाला को सशक्त बनाने के लिए अंदावा क्षेत्र में प्रेरणा साथी का भी चयन किया गया। इसमें रामसहाय, शशि, सानू, प्रिया बिंद, रागिनी, साक्षी, प्रीतम साहू, अंचल आदि शामिल हैं। सभी का प्रेरणा पोर्टल पर पंजीयन भी कराया जाएगा। इनकी जिम्मेदारी होगी कि वह अपने क्षेत्र के बच्चों तक शैक्षिक सामग्री उपलब्ध कराएंगे। कक्षा और अध्याय के अनुसार बच्चों का मार्गदर्शन भी नियमित रूप से करेंगे। जरूरत के अनुसार विद्यालय के शिक्षक के संपर्क में बने रहेंगे। गांव में ऐसे अन्य वालेंटियर्स भी तैयार करेंगे जो बच्चों की पढ़ाई को आगे बढ़ाने में रुचि लें।


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