UP Council School: पांच साल बाद भी प्रयागराज में शिक्षकों के तबादले की प्रक्रिया ठप, पनप रहा आक्रोश
UP Council School शिक्षक नेता बोले कि शासन की तैनाती नियमावली 2010 के अनुसार पहले पांच साल पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति पिछड़े व दूरदराज के गावों में की जाती है। फिर उनकी निकट के विकासखंड में तैनाती होती है। प्रयागराज में यह प्रक्रिया पांच साल से ठप है।
प्रयागराज, जेएनएन। यूपी परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों को अब तक जिले के भीतर तबादले की प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार है। शासन से आश्वासन मिला था कि इस बार गर्मी की छुट्टियां शुरू होने पर स्थानांतरण की भी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी पर ऐसा नहीं हुआ। प्रयागराज में 2016 के बाद से एक ब्लाक से दूसरे ब्लाक में स्थानांतरण नहीं हुआ है।
प्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री ने कहा
प्रशिक्षित शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के जिला संयुक्त मंत्री अफरोज अहमद ने बताया कि शिक्षकों का पद जिले कैडर का है। जिले के शिक्षकों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए। शासन की तैनाती नियमावली 2010 के अनुसार पहले पांच साल पुरुष शिक्षकों की नियुक्ति पिछड़े व दूरदराज के गावों में की जाती है। उसके बाद शिक्षकों को उनकी निकट के किसी विकास खंड में तैनाती दी जा सकती है। प्रयागराज में यह प्रक्रिया पांच साल से ठप है।
बोले कि इस वर्ष भी पारस्परिक स्थानांतरण ही किए गए।
अफरोज अहमद ने कहा कि 2013 से अंतर जनपदीय तबादला होकर आए शिक्षकों की तैनाती नियमावली के विरद्ध शहर के नजदीक के विद्यालयों में कर दी गई। 2017 में अंतर जनपदीय तबादले के साथ ही जिले के भीतर तबादले के लिए आवेदन मांगे गए थे। अंतर जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया तो हो गई लेकिन जनपदीय मामले पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी। 2018 में भी इसे लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस वर्ष भी पारस्परिक स्थानांतरण ही किए गए।
शिक्षक नेता ने सरकार पर वादा खिलाफी का लगाया आरोप
शिक्षक नेता बिजेंद्र सिंह ने बताया कि कई ऐसे अध्यापक दंपति हैं जो अलग-अलग विकास खंड में लंबे समय से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। कुछ लोग गंभीर बीमारियों से भी ग्रसित हैं और दूरदराज के गावों में अध्यापन के लिए जाने को विवश हैं। उनकी सुनवाई नहीं हो रही है। इस उपेक्षा पर शिक्षकों में खासा रोष है। अध्यापकों का कहना है कि सरकार इस प्रकरण में वादा खिलाफी कर रही है।